
IAS Pratibha Pal transferred
सतना। राज्य शासन ने निगमायुक्त प्रतिभा पाल को उज्जैन स्थानांतरित कर दिया। जबकि, इनके स्थान पर राजगढ़ जिपं सीईओ प्रवीण सिंह अढ़ायच भेजे गए हैं। अढ़ायच का तबादला पहले रीवा किया गया था। इसमें संशोधन करते उन्हें सतना भेजा गया। इसके पहले वे बतौर सहायक कलेक्टर सतना जिले में सेवा दे चुके हैं। उस दौरान अतिक्रमण की बड़ी कार्रवाई भी की थी।
लोकायुक्त कार्रवाई में फंसे निगमयायुक्त सुरेंद्र कथूरिया के बाद सतना नगर निगम में आइएएस प्रतिभा पाल पदस्थ की गईं। चुनौतीपूर्ण स्थितियों में उन्होंने कामकाज की शुरुआत की। उस समय ननि में मनमानी, कामचोरी, कमीशनखोरी चरम पर थी। प्रतिभा ने न सिर्फ कार्यालयीन कामकाज में सुधार कर प्रशासनिक व्यवस्था को ढर्रे पर लाने का काम किया। बल्कि विकास के पायदान पर पीछे चल रहे शहर को मूलधारा में लाने का काम किया। इस दौरान कार्यशैली को लेकर कई बार मेयर से रिश्ते तल्ख हुए, लेकिन विकास से समझौता नहीं किया।
स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए सफाई व्यवस्था को दुरुस्त किया तो विकास के कई प्रोजेक्ट तैयार किए। रेलवे स्टेशन से निकलते ही शहर की पहचान पिछड़े शहर के रूप में होती थी इसे सुधारने स्टेशन रोड के एक हिस्से को संवारा। सौंदर्यीकरण अभियान चलाकर शहर को एक नया रूप देने की कोशिश कीं। शहर का विजुअलाइजेशन सुधारने के लिए प्रोजेक्ट तैयार किए, जिन्हें एमआईसी ने लंबे समय तक लटकाए रखा। लेकिन काफी काम स्वीकृत होने के बाद शुरू हो चुके हैं तो कुछ प्रक्रियाधीन है। पन्नीलाल चौक व लालता चौक सौंदर्यीकरण हो या फिर कई रोडों में डिवाइडर और स्ट्रीटलाइट का काम हो यह सभी उनके खाते में हैं। मैत्री पार्क सौदर्यीकरण सहित इसके सामने पार्क और मैदान का निर्माण भी इनकी सोच थी। जिला प्रशासन से बेहतर सामंजस्य के साथ नगर विकास की दिशा में बेहतर और तेजी से काम करने के लिये प्रतिभा पाल पहचानी जाएंगी। हालांकि निगम के एक दल के लिये इनकी कार्यशैली किरकिरी बनी रही।
अढ़ायच की भी शैली पाल की तरह
सतना में सहायक कलेक्टर रह चुके २०१२ बैच के प्रवीण सिंह अढ़ायच भी तेजतर्रार छवि के लिए जाने जाते हैं। वे प्रतिभा पाल के बैचमैट हैं। सतना उनका समझा हुआ है और अतिक्रमण हटाने के लिए सख्त अफसर के रूप में जाने जाते थे।
आइएएस कोचिंग की शुरुआत की
निगमायुक्त प्रतिभा पाल से आम शहरवासियों को काफी अपेक्षाएं थी। यह हाल ही में शहर के चौथे युवा अफसर का तबादला है। ये सभी अपनी नई सोच के लिए जाने जाते थे। पाल ने पिछले रविवार से ही शहर में छात्रों के लिए आइएएस कोचिंग की शुरुआत की थी। हाल ही में तेजतर्रार आईपीएस अफसर एडिशनल एसपी गुरुकरण सिंह और दो आईएएस अफसर अमरपाटन एसडीएम ऋशव गुप्ता और नागौद एसडीएम भाव्या मित्तल के तबादले से हो चुके थे।
अमरपाटन को फिर आइएएस एसडीएम
इस तबादले में अमरपाटन में एक बार फिर आइएएस अफसर की बतौर एसडीएम पदस्थापना की गई है। रिशव गुप्ता के बाद खंडवा में सहायक कलेक्टर रहे २०१४ बैच के आइएएस दिलीप कुमार यादव अमरपाटन एसडीएम होंगे।
Published on:
17 May 2018 01:21 pm
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