रीवा रोड स्थित सराफा कारोबारी संजय वर्मा के खिलाफ एक एफआइआर दर्ज होने के बाद अब उसकी सुरागरशी में पुलिस भी शामिल हो गई है। हालांकि अभी रविवार तक पुलिस के भी हाथ खाली ही नजर आ रहे हैं। उधर संजय वर्मा के करीबियों की माने तो शनिवार को उसने बात की है। बातचीत ३ मिनट से कम अवधि की रही है। इस दौरान उसने यह जरूर कहा है कि वह लौट कर आएगा।
अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वह परिवार सहित लौटेगा या किस तरह उसकी वापसी होगी। यह भी बताया जा रहा है कि उनकी लोकेशन स्पष्ट नहीं है। लेकिन करीबी बता रहे हैं कि या तो वह दिल्ली में है या फिर मुबंई में। हालांकि रविवार को यह अफवाह काफी तेज रही कि वह विदेश चला गया है लेकिन शाम तक इस अफवाह की पुष्टि नहीं हो सकी और करीबियों ने इससे इंकार किया कि वह विदेश चला गया है।
सराफा कारोबारियों की मानें तो इस घटना ने उनकी साख तो गिराई ही साथ ही पूरे सराफा बाजार की साख पर असर पड़ा है। इस कारोबार में बाहरी व्यापारी उन्हें साख पर बहुमूल्य धातुएं देते थे। उसके बाद समय आने पर रकम का लेनदेन हुआ करता था। लेकिन इस घटना के बाद कई बाहरी व्यापारी आकर उनसे अपने आभूषण और धातुएं वापस मांग रहे हैं। यह कहा जा रहा है कि अब जुबानी क्रेडिट पर व्यापार नहीं होगा। अब आभूषण और धातुएं या तो नकद में दी जाएंगी या फिर उसका चेक दिया जाए। अब जब शादी ब्याह का सीजन है और साख का संकट बन गया है और इसी वक्त व्यापार भी उठान पर है, यह बदले हालात व्यापार को काफी असर डालेंगे।
संजय वर्मा के शो-रूम में काम करने वाले एक कर्मचारी ने बताया कि उनके प्रतिष्ठान में काम करने वाले 75 फीसदी कर्मचारी एडवांस में काम करते थे। अर्थात सभी ने संजय से एडवांस रकम ले रखी थी। यह भी बताया गया कि एक कर्मचारी के जीजा की मौत होने के बाद उसकी बहन को 25 लाख रुपए मिले थे। जिसे उसने कारोबारी के यहां जमा करवाया था। इसके एवज में हर माह उसे 25 हजार रुपए दिए जाते थे। इस तरह कई कर्मचारियों का लेनदेन सराफा कारोबारी से थे।