
janmashtami celebration in satna madhya pradesh
सतना। भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव सोमवार को वृषभ लग्न और रोहिणी नक्षत्र में मनाया गया। शहर के बिहारी मंदिर, व्यंकटेश मंदिर, प्रणामी मंदिर, इस्कॉन मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी का उल्लास देखते ही बन रहा था। मध्यरात्रि को घंटे-घडिय़ाल और शंख ध्वनि के बीच 'बधाई हो बधाई...जन्मे हैं कन्हाई' के जयघोष लगाकर जन्म आरती की गई। इस अवसर पर हजारों कृष्ण भक्त जुटे और हाथी, घोड़ा, पालकी जय कन्हैयालाल की के जयघोष भी लगाए गए।
आकर्षक विद्युत सज्जा के बीच मंदिरों में नए-नवेले परिधान में श्रृंगारित भगवान के दर्शन के लिए रात 10 बजे से ही भक्तों की कतार लगना शुरू हो गई थी। जैसे ही घड़ी की सुइयों ने रात 12 बजे के अंक को छुआ घंटे-घडिय़ाल बजाए जाने लगे और शंख ध्वनि के साथ जन्म आरती हुई। दर्शन-पूजन का सिलसिला देर रात तक चला। बांके बिहारी मंदिर में भगवान का आकर्षक श्रृंगार किया था।
मध्यरात्रि प्रसाद वितरण
मध्यरात्रि को जन्म आरती कर प्रसाद वितरण किया गया। 12 बजे जन्म आरती हुई। मंदिरों में षोडशोपचार पूजन, गो दुग्ध से अभिषेक के बाद जन्म आरती हुई। माखन-मिश्री प्रसाद के रूप में वितरित की गई। भक्तों में प्रसाद को लेकर भी उत्साह देखने मिला।
जेल में 400 कैदियों ने रखा व्रत
केंद्रीय जेल में जन्माष्टमी का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। विगत एक सप्ताह से तैयारी चल रही थी। सोमवार को करीब 400 कैदियों ने व्रत रखा। रात 12 बजे जेल की बैरक में कृष्ण का जन्म हुआ। इस दौरान जेल प्रबंधन, जेलकर्मी व कैदी उपस्थित रहे।
मटकी फोड़ का आयोजन
मुख्त्यारगंज स्वामी चौराहे पर मटकी फोड़ स्पर्धा का आयोजन किया गया। आयोजन रात 10 बजे शुरू हुआ। जो देर रात तक चलता रहा। सहकारी केंद्रीय बैंक अध्यक्ष रत्नाकर चतुर्वेदी ने मटकी फोड़ स्पर्धा विजेता को 11 हजार रुपए का इनाम देने की घोषणा की थी।
जय श्रीराम की रही गूंज
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर विश्व हिंदू परिषद ने शोभायात्रा निकाली। यात्रा सोमवार को अपराह्न ३ बजे बिहारी मंदिर से प्रारंभ हुई और शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए सुभाष पार्क स्थित रामदरबार मंदिर पहुंची। वहां महाआरती व धर्मसभा का आयोजन हुआ। उसके बाद शोभायात्रा समाप्त हुई। इस दौरान करीब 60 झांकियां शामिल हुईं। यात्रा को लेकर भक्तों में उत्साह देखने को मिला। यात्रा के दौरान जगह-जगह व्यापारिक व सामाजिक संगठनों ने कृष्ण भगवान की आरती की और यात्रा का स्वागत किया।
सामाजिक संगठन शामिल
शोभायात्रा में शहर के सामाजिक संगठन भी शामिल हुए। वैश्य महासम्मेलन, सिंधी समाज, जय गुरुदेव संगठन, अमर ज्योति नेत्रदान, कुशवाहा समाज, बाल्मीकि समाज, गायत्री शक्तिपीठ, यादव समाज, लियो क्लब, खरे केशरवानी, वैश्य समाज, ब्राम्हण समाज, क्षत्रिय समाज, रायल राजपूत, कायस्थ समाज शामिल रहा।
शस्त्र का प्रदर्शन
इस दौरान शस्त्रों का खुलकर प्रदर्शन किया गया। इसको लेकर लोग सवाल भी करते नजर आए कि धार्मिक शोभायात्रा को शक्ति प्रदर्शन का माध्यम बनाना उचित नहीं है। कुछ लोग इस प्रदर्शन को धार्मिक संज्ञा देने से भी परहेज करते नजर आए।
Published on:
04 Sept 2018 06:42 pm
बड़ी खबरें
View Allसतना
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
