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जन्माष्टमी को लेकर तैयारियां शुरू, फूलों से सजेगा हिंडोला

व्यंकटेश, बिहारी, इस्कॉन व प्रणामी मंदिर में होंगे विविध कार्यक्रम

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सतना

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Rajesh Sharma

Aug 27, 2018

Janmashtami, decorated with flowers

Janmashtami, decorated with flowers

सतना। शहर में कृष्ण जन्मोत्सव को लेकर तैयारियां जोरों से शुरु हो चुकी हैं। प्रमुख मंदिरों में ट्रस्टियों की बैठके हो चुकी है। मंदिर को फूलों से सजाने के साथ इस बार लाईट की विशेष रौनक रहेगी। शहर के व्यंकटेश मंदिर, बिहारी जी मंदिर, इस्कॉन मंदिर एवं श्रीकृष्ण एवं राधा कृष्ण प्रणामी मंदिर में जन्मोत्सव के आयोजन को लेकर कई बैठकें हो चुकी है। वहीं दूसरी ओर विश्व हिन्दू परिषद शहर के प्रमख मार्गों से शोभा यात्रा निकालेगी। जिसका शहर में भव्य स्वागत होगा। शहर के श्रीकृष्ण प्रणामी मंदिर, राधा कृष्ण प्रणामी मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, तुलसी मानस मंदिर, रामदरबार मंदिर, स्कॉन मंदिर आदि में कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इसी प्रकार लक्ष्मणबाग राम-जानकी मंदिर डिग्री कालेज, बिहारी जी मंदिर, व्यंकटेश मंदिर, केशव दास मंदिर, डालीबाबा राम-जानकी मंदिर, सोहावल अखाड़ा मंदिर में रोहणी नक्षत्र को ध्यान में रखते हुए कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
इस्कॉन मंदिर में रहेगी जन्मोत्सव दो दिन धूम
विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी कृष्ण नगर केसरवानी धर्मशाला स्थित इस्कॉन मंदिर में कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) के तत्वाधान में जन्माष्टमी समारोह का भव्य आयोजन किया जायेगा। इस कार्यक्रम में वृन्दावन से श्रंगार एवं वस्त्र आ चुके हैं। आम जनता को सुबह मंगल आरती, दर्शन आरती, गुरुपूजा राजभोग आरती एवं धूप आरती के समय भव्य दर्शन प्राप्त होंगे। सारा दिन मंदिर के पट दर्शन लाभ हेतु खुला रहेगा। इस्कॉन भक्तों व्दारा जन्माष्टमी के दिन संकीर्तन का कार्यक्रम चलता रहेगा। रात्रि विविध कार्यक्रम के साथ जन्मोत्सव मनाया जाएगा। नंदोत्सव एवं श्रीलप्रभुपाद आविर्भाव तिथि महोत्सव जन्मष्टमी के दूसरे दिन नन्दोत्सव एवं प्रभुपाद जी का आविर्भाव महोत्सव धूमधाम से मनाया जायेगा। इस दिन प्रभुपाद जी का अभिषेक किया जायेगा। इस दौरान आध्यात्मिक प्रवचन एवं संकीर्तन का भव्य आयोजन होगा।
कृष्ण जन्माष्टमी पर निकलेगी शोभा यात्रा
कृष्ण जन्माष्टमी पर विश्व हिन्दू परिषद व्दारा अपरान्ह ३ बजे बिहारी चौक से भव्य शोभा यात्रा निकाली जाएगी। शोभा यात्रा में मातृ शक्ति एवं दुर्गा वाहिनी अहम भूमिका निभायेंगी। राधा-कृष्ण की झांकी के साथ वीरांगना रुप में दुर्गा वाहिनी की बहने जिला संयोजिका सुनीता सिंह के नेतृत्व मे निकलेंगी। शास्त्र पूजा के साथ शस्त्र पूजा का संदेश देने वाली यह शोभा यात्रा हिन्दू समाज के सभी मत पंथ सम्प्रदाय एवं जाति पाति को एक सूत्र में पिरो कर सामाजिक समरसता की मिशाल बनेगी। उक्त जानकारी सागर गुप्ता ने दी।
छोटा स्थान सोहावल में श्री कृष्ण जन्म उत्सव
सोहावल स्थित छोटा स्थान में यशोदानन्दन देवकी सुत नटवर नागर भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव को हर्षोल्लास के साथ धूमधाम से मनाया जाएगा। छोटा स्थान के महंत आशुतोष अनंत प्रपन्नाचार्य ने बताया कि मंगलवार को जन्माष्टमी उत्सव के आयोजन के साथ ही नागपंचमी से चल रहे झूलनोत्सव का समापन भी हो जाएगा। अनंत ब्रह्माण्ड नायक मुरलीधर श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर छोटा स्थान के राम मंदिर में सोहावल की मानस मंडली द्वारा भजन कीर्तन और मानस गायन किया जाएगा। बधाई गीत गूंजेंगे और भगवान के जयकारों के बीच लड्डू गोपाल के जन्म की झांकी के दर्शन होंगे। श्रद्धालु भक्तों से दर्शन लाभ लेकर प्रसाद ग्रहण करने का आग्रह किया गया है।
शहर में दो दिवस रहेगी जन्मोत्सव की धूम
शहर में जन्मष्टमी को लेकर कृष्ण भक्तों तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। शहर में २ एवं ३ सितम्बर को जन्मोत्सव धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। इस बार जन्माष्टमी का पर्व रवि और त्रिपुष्कर योग में मनाया जाएगा। जन्माष्टमी का पर्व 2 एवं 3 सितम्बर को मनाया जाएगा। स्मार्त अर्थात सद्गृहस्थ 2 सितम्बर को जन्माष्टमी मनाएंगे वहीं साधु सन्यासी और वैष्णव मत को मानने वाले 3 सितम्बर को जन्माष्टमी पर्व मनाएंगे। शहर के अधिकांश मंदिरों में जन्माष्टमी का पर्व 3 सितम्बर को ही मनाया जाएगा।
जन्म अष्ष्ठी के कार्यक्रम रात ८ बजे से शुरु
शहर में जन्माष्टमी की तैयारियां शुरू हो गई है। जन्माष्टमी पर शहर में जगह-जगह भगवान श्रीकृष्ण की शोभायात्रा, मटकी फ ोड़ प्रतियोगिता होगी और मध्यरात्रि में जन्मोत्सव मनाया जाएगा। स्वामी परमानंद के मुताबिक इस बार 2 सितंबर को रात 8.45 बजे से अष्टमी तिथि शुरू हो जाएगी। जिसका समापन 3 तारीख को शाम 7.15 बजे होगा। चूंकि भगवान का जन्मोत्सव रात 12 बजे मनाया जाता है। इसलिए 2 सितंबर को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। क्योंकि 3 सितंबर को अष्टमी तिथि शाम को ही समाप्त हो रही है। दो सितम्बर को गृहस्थ और सामान्य जन जन्मअष्टमी पर्व मानाएंगे वहीं तीन सितम्बर को वैष्णव संप्रदाय, साधू संत जन्माष्टमी मनाएंगे।
दो दिन मनाते हैं जन्माष्टमी
पं. मोहनलाल द्विवेदी अनुसार आमतौर पर जन्माष्टमी का पर्व दो दिन मनाते हैं। कुछ बार ऐसा संयोग होता है कि स्मार्त और वैष्णव एक साथ यह पर्व मनाते हैं। स्मार्त सम्प्रदाय के लिए अष्टमी तिथि और रोहणी नक्षत्र में जन्माष्टमी मनाना श्रेयकर होता है, इसी प्रकार वैष्णव जिस दिन उदयाकालिक अष्टमी तिथि होती है, उसी दिन जन्माष्टमी मनाते है। 2 सितम्बर को अष्टमी तिथि और रोहणी नक्षत्र रहेगा, इसलिए स्मार्त मत वाले इस दिन यह पर्व मनाएंगे, इसी प्रकार 3 सितम्बर को उदयाकालीन अष्टमी रहेगी, इस लिए वैष्णव मत वालों के लिए यह पर्व मनाना फ लदायी रहेगा।