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किसान नेता का बड़ा बयान: अबकी बार ढाई लाख ट्रैक्टरों से घेरेंगे दिल्ली, जिम्मेदार होगी सरकार

राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार कक्का से पत्रिका की विशेष बातचीत...।

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सतना

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Manish Geete

Apr 22, 2022

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सतना। आज न लोकतंत्र बचा है न संविधान के मूल्यों पर चर्चा हो रही है। पार्टियां जाति, धर्म और पउआ (शराब) के दम पर चुनाव लड़ रही हैं। जिस देश में जाति और धर्म के नाम पर सरकार चुनी जाए, वह लोकतांत्रिक देश कैसे हो सकता है। किसानों का जो दमन कांग्रेस की सरकार में पिछले 58 साल में नहीं हुआ, वह भाजपा सरकार ने सात साल में कर दिया। खेती को लाभ का धंधा बनाने का वादा कर सत्ता में आने वालों ने किसानों को ही लूट लिया।

यह बात सतना आए राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार कक्का ने पत्रिका से खास बातचीत में कही। उन्होंने पत्रिका के सवालों का बेबाकी से जवाब दिया और किसानों की वर्तमान स्थिति पर चिंता व्यक्त की। पेश हैं बातचीत के कुछ अंश:-

सवाल: वर्तमान में अन्नदाता की क्या स्थिति है?

जवाब: कांग्रेस ने अपने 58 साल के शासन काल में जो किसानों के साथ नहीं किया था, भाजपा की केन्द्र सरकार ने उसे सात साल में कर दिया। वर्तमान में सिर्फ प्रदेश ही नहीं पूरे देश के किसानों की स्थिति खराब है। सरकार खेती को लाभ का धंधा बनाने के नाम पर सिर्फ किसानों को गुमराह कर रही है।

सवाल: एमएसपी की गारंटी कानून क्यों नहीं बन रहा?

जवाब: केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए तीन काले कानून के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा ने एक साल तक दिल्ली में महाआंदोलन किया। सरकार ने किसानों की पांच मांग पूरी करने का लिखित आश्वासन दिया है। हालांकि छह माह बीतने के बाद भी उन पर अमल नहीं हो सका है। न एमएसपी की गारंटी कानून बना, न देशभर के किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए गए। यदि सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी, तो 2023 में दिल्ली में एक और बड़ा आंदोलन होगा। इसमें ढाई लाख ट्रैक्टर दिल्ली कूच करेंगे।

सवाल: अपने अधिकारों के लिए किसान कितना जागरुक है?

जवाब: पंजाब, हरियाणा को छोड़ दिया जाए तो अभी पूरे देश के किसान अपने अधिकारों को लेकर न जागरुक हैं और न संगठित। परिवर्तन धीरे-धीरे होता है। अब किसान के बच्चे भी पढ़ रहे हैं। इससे उम्मीद है कि आने वाले दिनों में किसान अपने हित के लिए संगठित होंगे। जिस दिन किसान संगठित हो गए, उस दिन सरकार उनकी हर बात मान लेगी।

सवाल: देश के वर्तमान हालात पर आप क्या कहना चाहते हैं

जवाब: मैंने कभी कल्पना नहीं की थी कि एक दिन सत्ता के लिए देश को जाति और धर्म के नाम पर बांट दिया जाएगा। वर्तमान में यही हो रहा है। अखंड भारत की बात करने वाले सत्ता के लिए भारत को खंड-खंड करने पर तुले हैं। यह देश सभी का है। आप किसी समाज को दबाकर या कुचल कर शांति की स्थापना नहीं कर सकते। यदि स्थितियां यही रहीं तो भारत का भविष्य अंधकारमय है।

सवाल: किसान और देश के हालात कैसे बदलेंगे?

जवाब: किसानों ही नहीं, देश के नागरिकों की हालत में बदलाव लाना हो तो इसके लिए जनक्रांति करनी पड़ेगी। बिना क्रांति के बदलाव कभी नहीं हुआ। जहां तक किसानों की बात है तो उन्हें बस इतना कहूंगा कि हे किसान तु रहेगा मौन, तो तेरी सुनेगा कौन..., इसलिए अपने अधिकारों के लिए किसानों को एकजुट होकर लड़ना होगा।