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सुखेंद्र मिश्र @ सतना। मध्यप्रदेश की ए ग्रेड मंडियों में शामिल कृषि उपज मंडी समिति सतना में उपज बेच रहे किसानों को भुगतान की कोई गारंटी नहीं है। मंडी में उपज बेचने वाले कृषकों का पैसा कभी भी डूब सकता है। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि मंडी में 55 लाख रुपए की बैंक गारंटी पर लाइसेंसी व्यापारियों द्वारा प्रतिदिन डेढ़ से दो करोड़ रुपए का अनाज क्रय किया जाता है।
आधा दर्जन लाइसेंसी व्यापारी तो एेसे हैं जो दो तीन लाख की व्यक्तिगत प्रतिभूति राशि पर मंडी में हर दिन 30 लाख रुपए तक की खरीदी करते हैं। एेसे में यदि किसी दिन कोई व्यापारी किसानों की उपज खरीदकर भाग गया तो मंडी प्रशासन के पास लकीर पीटने के अलावा कोई रास्त नहीं बचेगा।
संघ की प्रतिभूति राशि भी नाकाफी
नियमानुसार कोई भी लाइसेंसी गल्ला व्यापारी मंडियों मे उतनी उपज खरीद सकता है जितने रुपए की प्रतिभूति, बैंक गारंटी तथ एफडी मंडी समिति में जमा की है। मंडी में बोर्ड के आदेश का पालन नहीं हो रहा हैं। ज्यादातर व्यापारी संघों की प्रतिभूति गारंटी पर लाखों का अनाज खरीद रहे हैं, लेकिन मंडी में हर दिन जितने रुपए की खरीद बिक्री व्यापारियों द्वारा की जाती है। उनती प्रतिभूति राशि संघों की भी नहीं हैं। मंडी में प्रतिभूति राशि के रूप में लगभग 50 लाख रुपए जमा हैं। जबकी मंडी में एक दर्जन से अधिक व्यापारी ऐसे है, जो हर दिन 30 लाख या इससे अधिक की उपज खरीदे हैं।
सो रही है मंडी समिति
खंडवा, खरगोन तथा धार जिले की मंडियों में विगत माह कुछ व्यापारियों द्वारा उपज खरीदने के बाद मंडी से भाग जाने की घटनाओं से सबक लेते हुए एमडी मंडी बोर्ड ने सभी मंडियों को पत्र लिखकर व्यापारियों द्वारा जमा प्रतिभूति राशि के बराबर ही खरीदी के निर्देश दिए हैं। समिति द्वारा एक माह बाद भी नए आदेश का पालन नहीं कराया गया।
मंडी में हो चुकी घटना
मंडी में 2000 में दो व्यापारी किसानों की 30 लाख की उपज खरीद कर भाग चुके है। मंडी से किसानों की उपज लेकर भागे व्यापारियों की प्रतिभूति राशि जमा न होने के कारण मंडी प्रशासन 18 साल बाद भी किसानों की उपज का भुगतान नहीं करा सका, लेकिन इस घटना के बाद भी मंडी प्रशासन किसानों को उनकी उपज के सुरक्षित भुगतान को लेकर गंभीर नहीं है।
क्या हैं मंडी बोड के आदेश
1. जमा व्यक्तिगत या सामूहिक प्रतिभूति गारंटी से अधिक की खरीदी नहीं
2. किसानों का भुगतान खाते में होने के बाद ही अनुज्ञा पत्र जारी किया जाए
3. मंडी में चेक से भुगतान पूर्णत: प्रतिबंधित किया जाए
4. व्यापारियों की प्रतिभूति राशि, क्रय क्षमता की सूची मंडी परिसर में चस्पा हो
5. नकद भुगतान से खाते में भुगतान की जानकारी उद्घोष कर दी जाए।
संघों की प्रतिभूति राशि
- 35 लाख की एफडी कृषि उपज व्यापारी संघ
- 200 लाइसेंसी व्यापारी संघ में
- 11 लाख की एफडी तिलहन व्यापारी संघ
- 100 लाइसेंसी व्यापारी तिलहन संघ में
- 09 लाख रुपए व्यापारियों की स्वयं की एफडी
फैक्ट फाइल
- 300 लाइसेंसी व्यापारी मंडी में
- 02 करोड़ की खरीद बिक्री प्रतिदिन
- 50 लाख की बैंक गारंटी मंडी समिति में जमा
- 06 व्यापारी निजी प्रतिभूति पर कर रहे खरीदी
Published on:
09 May 2018 11:17 am
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