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सीधी। 21वीं सदी में जहां दुनिया आसमां को छू रही है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास की परंपरा आज भी कायम है। जब भी कोई त्योहार आता है तो आस्था पर अंधविश्वास भारी पड़ जाता है। बताया गया कि एक तांत्रिक ने देवी मां को प्रसन्न करने के लिए दो पालतू मवेशियों की बलि दे दी। जब पत्नी को बलि देने के लिए बुलाया तो वह मामला समझकर शोर मचा दी। महिला की आवाज सुनकार ग्रामीण एकत्र हो गए।
घटना की आप बीती जब पीडि़ता ने बताई तो सबके होश उड़ गए। हंगामे की स्थिति को देखकर डायल-१०० पुलिस को सूचना दी गई। थाना पुलिस ने पहुंचकर आरोपी को हिरासत में लेकर कोतवाली पहुंचाया गया। यह घटना रविवार की रात्रि करीब ११ बजे की है।
बताया गया कि सिटी कोतवाली थाना अंतर्गत कुबरी गांव के बोदारी टोला निवासी कुंजलाल साकेत पिता जयराम साकेत घर के अंदर एक चबूतरा बनाया हुआ है। जहां रविवार की रात्रि देवी-देवता को खुश करने के लिए दो पालतू मवेशियों के साथ ही एक मुर्गे की बली चढ़ाई गई। युवक द्वारा पशुओं की बलि चढ़ाने के बाद अपनी पत्नी को बुलाकर बली देने की घटना को बताया।
पत्नी के हल्ला करने पर जुटा गांव
मृत पशुओं को देखकर पत्नी रोने लगी और हल्ला-गुहार करने लगी। आवाज सुनकर पड़ोसी एकत्रित हो गए, इधर बलि देने की खबर पूरे गांव में हवा की तरह फैल गई, गांव वाले एकत्र होकर विरोध शुरू कर दिए। विवाद को देखकर एक युवक ने दूरभाष पर डायल-१०० पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस स्थल पर पहुंचकर आरोपी को हिरासत में लेकर कोतवाली लाया गया।
पीएम के बाद दफनाए गए मवेशी
सोमवार को पुलिस ने पशु विभाग के चिकित्सक को सूचित किया गया। जहां पशु चिकित्सक स्थल पर पहुंचकर मृत मवेशी का पोस्टमार्टम किया। उसके बाद ग्रामीणों की मदद से मृत मवेशियों को दफना दिया गया। इधर, अंधविश्वास की परंपरा को लेकर अभी तक कितने पशुओं की बलि दी गई है। जिसकी पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
Published on:
03 Oct 2017 02:12 pm
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