
madhya pradesh tourism places to visit
सतना। सतना सहित प्रदेश के आठ जिले पर्यटन की संभावनाओं से लवरेज होने के बाद भी पर्यटन गतिविधियों के मामले में शून्य हैं। जिलास्तर पर पर्यटन गतिविधियों को प्रोत्साहित करने गठित डीटीपीसी (जिला पर्यटन संवर्धन परिषद) की कोई रुचि गठन दिनांक से आज तक इस दिशा में नहीं दिखी। जबकि सतना जिले में कई ऐसे स्थल हैं जिन्हें इस पर्यटन दृष्टि से विकसित कर न केवल टूरिस्ट स्पॉट विकसित किए जा सकते हैं, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल सकता है।
इन्हीं स्थितियों को देखते हुए मध्यप्रदेश राज्य टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के क्षेत्रीय कार्यालय ने कलेक्टर को पत्र लिखकर इस दिशा में गंभीरता बरतने कहा है। पर्यटन विभाग द्वारा तैयार की गई रैंङ्क्षकग में भी जिले की स्थितियां काफी कमजोर हैं। क्योंकि, डिस्ट्रिक टूरिज्म प्रमोशन काउंसिल (डीटीपीसी) द्वारा टूरिज्म को लेकर न तो कोई आयोजन कराए गए और न ही ऐसे स्थलों का विकास किया गया।
यह आए पीएस पर्यटन के निर्देश
पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव हरिरंजन राव ने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्देश दिए हैं कि पर्यटन पर केंद्रित तथा अन्य पर्यटन गतिविधियों पर जिले न तो रुचि ले रहे हैं और न ही उनके द्वारा इस दिशा में कोई प्रसार किया जा रहा है। जिले के कार्यक्षेत्र में संचालित विभिन्न पर्यटन गतिविधियों पर आधारित संक्षिप्त रिपोर्ट अच्छी क्वालिटी के फोटोग्राफ के साथ चाही है, जिससे राज्य स्तर पर इनका प्रचार हो सके।
रैंकिंग में भी रुचि नहीं
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने पर्यटन क्षेत्र को अपनी प्राथमिकता में शामिल करते हुए जिलेवार रैंकिंग प्रक्रिया की शुरुआत की थी। इसके लिए तय मापदण्ड निर्धारित करते हुए कलेक्टर को जिम्मेदारी दी गई थी कि इस अनुरूप व्यवस्था कराएं। इसको देखते हुए मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड ने कलेक्टर से इस संबंध में आवश्यक जानकारी रैंकिंग के लिए चाही थी जो कि आजतक नहीं गई। इसमें ट्रेकिंग, कैम्पिंग और हेरीटेज के कार्य के लिए 10 अंक तय किए गए थे।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिये 10 अंक
एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिये 10 अंक, जिला स्तरीय सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए 5 अंक, पर्यटन पर आयोजित पेंटिंग फोटो आदि के लिए 10 अंक, पर्यटन के नए डेस्टिनेशन विकसित करने 5 अंक, डीटीपीसी द्वारा आयोजित गतिविधियों के लिये 10 अंक, डीटीपीसी द्वारा पर्यटन क्षेत्र में किए गए काम के लिए 20 अंक तथा डीटीपीसी द्वारा पर्यटन क्षेत्र में स्किल तैयार करने प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिये 10 अंक, टूरिस्ट स्थलों को चिह्नित कर उनका डेटाबेस एलबम तैयार करने पर 10 अंक सहित कुल 200 अंक तय किये गये हैं। यह रैंकिंग मुख्यमंत्री द्वारा जारी की जाना है। लेकिन जिले में गतिविधियां शून्य मिली हैं।
किसी को पता नहीं डीटीपीसी में कौन
डीटीपीसी का गठन जिले में हुआ है या नहीं, इसमें कौन-कौन सदस्य है इसकी ही जानकारी किसी को नहीं है। न ही किसी को यह जानकारी है कि कब इसकी बैठक होती है और अब तक इसके द्वारा क्या निर्णय लिए गए हैं। कुल मिलाकर इस मामले में अब लोग कलेक्टर से अपेक्षा कर रहे हैं कि नए सिरे से डीटीपीसी का गठन कर जिले की पर्यटन गतिविधियो में इजाफा लाएंगे।
टाइगर सफारी तक को प्रमोट नहीं कर सके
जिले की डीटीपीसी का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि इनके द्वारा आज तक सतना जिले में आने वाली पहली व्हाइट टाइगर सफारी का प्रचार प्रसार सतना जिले के अनुकूल नहीं किया जा सका है। जबकि यह न केवल उनकी जिम्मेदारी में है बल्कि प्राथमिकता में है कि वे जिले सहित राज्य में इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करे। जिले के डीटीपीसी की अकर्मण्यता का लाभ उठाते हुए रीवा जिला इस सफारी को अपने जिले में बता कर व्यापक लाभ उठा रहा है।
अन्य स्थलों की भी कोई जानकारी नहीं दे सके
जिले में पर्यटन गतिविधियों के अनुकूल पन्नी खोह प्रपात मैहर, सहित परसमनिया में कई दर्शनीय टूरिस्टस्थल हैं लेकिन काउंसिल ने इस मामले में भी चुप्पी साध रखी है। इसके अलावा बाणसागर डैम के नीचे एक टापू को पर्यटन गतिविधियों के रूप में विकसित करने की योजना कागजों में दफन होकर रह गई। अगर यह प्रारंभ हो जाती तो न केवल एडवेंटर स्पोर्ट गतिविधियों में इजाफा होता बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार से जुडऩे का अवसर मिलता।
Published on:
01 May 2018 10:10 am
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