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सीधी. प्रदेश की वित्तीय संकट का असर विधायकों की निधि में भी देखने को मिल रहा है, जहां एक मुश्त विधायकों को वर्ष भर का बजट उपलब्ध करा दिया जाता था किंतु वित्तीय संकट के कारण अब विधायकों को किश्तों में राशि भेजी जा रही है, जिसके तहत अब विधायकों को वर्ष भर में दो किश्तों में बजट मिल पाएगा, जिसके आधार पर वह कार्यों का प्रस्ताव कलेक्टर को भेज सकते हैं। यद्यपि जिले के योजना मंडल को इस बात की जानकारी नहीं थी कि विधायक निधि की राशि प्राप्त हो चुकी है, जिसकी जानकारी बुधवार को कमिश्रर ने जिला अधिकारियों की बैठक में दिए।
कर सकेंगे विकास कार्य के लिए अनुशंसा
गत वर्ष दिसंबर में चुने गए विधायक अब जाकर अपने क्षेत्रों के विकास कार्य के लिए अनुशंसा कर सकेंगे। हालांकि, इसके लिए खुले हाथों से विधायक निधि का उपयोग नहीं कर पाएंगे। वजह इस बार विधायक निधि की राशि एक मुश्त आने की बजाय किश्तों में आई है। पहली किश्त के रूप में सीधी जिले के लिए २ करोड़ ३६ लाख ८० हजार रुपए जारी किए हैं, जबकि विधायक निधि में जिले के चार विधायकों को मिलाकर ७ करोड़ ४० लाख रुपए मिलने थे। यानि करीब ६८ फीसदी कम राशि दी गई है। यदि विधानसभावार आंकलन करें तो सीधी जिले के अंतर्गत चार विधानसभा चुरहट, सीधी, सिहावल व धौहनी शामिल हैं। इस लिहाज से एक विधायक को अपने क्षेत्र मेें विकास के लिए महज ५९ लाख २० हजार रुपए ही मिले हैं। इसकी पुष्टि रीवा कमिश्रर ने की है। बताया जा रहा है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब विधायक निधि एक मुश्त नहीं आई है।
विधायकों को भेजनी है सूचना
जिला एवं सांख्यिकी विभाग के माध्यम से अनुमोदित होने वाली विधायक निधि की बजट सीट ट्रेजरी ऑफिसर को मिलने के बाद अब विभाग से सभी विधायकों को निधि आने व अनुशंसाओं के लिए सूचना पत्र जारी करने की तैयारी की जा रही है, साथ में एक मार्गदर्शिका भी भेजी जाएगी। इसके आधार पर जनप्रतिनिधि समझ सकें कि उन्हेंं ये राशि किन-किन कार्यों पर खर्च करना है और इसकी प्रक्रिया क्या है।
विकास के नाम पर हर साल दे सकते हैं राशि
वैसे तो विधायक अपनी क्षमता या पकड़ के आधार पर क्षेत्र में विकास कार्य कराते हैं। इसके लिए हर विधायक को विधायक निधि के रूप में एक करोड़ ८५ लाख रुपए का बजट प्रत्येक वित्तीय वर्ष में दिया जाता है। इसे वे अपनी अनुशंसा से जनकार्य, विकास कार्य, खेल, शिक्षा आदि पर खर्च कर सकते हैं। इसके लिए प्रस्ताव विधायक की अनुशंसा पर ही मंजूर होते हैं और राशि भी इसी आधार पर दी जाती है।
पूर्व विधायकों ने छह महीने में खर्च कर दी थी राशि
जिले के चारों विधायकों को वित्तीय वर्ष २०१८-१९ के लिए विधायक निधि के रूप में एक करोड़ ८५ लाख रुपए मिले थे। चूंकि नवंबर में विधानसभा चुनाव होने थे ऐसे में आचार संहिता से पहले ही ३० सितंबर तक विधायकों ने सारी राशि खर्च कर दी। खास बात यह है कि जो पैसा वे इस बार पूरे साल खर्च करते थे, वह उन्होंने छह माह में ही खर्च कर दिया। विधानसभा चुनाव के नतीजे ११ दिसंबर को आए, नए वित्तीय वर्ष २०१९-२० के लिए 15 अप्रेल को विधायक निधि जारी होती, इस बीच लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई। ऐसे में चुने गए जिले के विधायकों के पास अपने क्षेत्रों में खर्च करने के लिए न तो राशि थी और नहीं अधिकार। अब आचार संहिता समाप्त होने के बाद इनकी विधायक निधि आई है, लेकिन वह हमेशा की तुलना में ६८ फीसदी कम है।
Published on:
30 May 2019 06:17 pm
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