
MP election 2018: Rampur Baghelan vidhan sabha Ground Report
सतना। शाम के करीब 4 बजने को हैं। जिले के सैनिक गांव चूंद की मुड़ेर पर सूरज ढलान पर है। गांव के बीच से निकली पक्की सड़क और दोनों ओर बने आलीशान पक्के मकानों को देखकर यह अनुमान लगाया जा सकता है कि गांव आर्थिक रूप से समृद्ध है। गांव के बीच स्थित रिटायर्ड फौजी की किराना दुकान के बगल में रखी पत्थर की पटिया पर बैठे बुजुर्ग चुनावी चर्चा में मशगूल हैं।
मैं भी वहीं रुका और उनकी चुनावी चौपाल में शामिल हो गया। कुछ पल बुजुर्गों की बात ध्यान से सुनने के बाद एक बुजुर्ग को टोकते हुए पूछ लिया कि दादा..., गांव तो संपन्न दिख रहा है। पर, 15 साल में विकास हुआ कि नहीं? इस सवाल पर पुलिस से सेवानिवृत्त राम दयाल गर्ग असहज हो गए।
गांव में सड़क तक नहीं
उन्होंने कहा, गांव में जो संपन्नता दिख रही है वह देश सेवा का प्रतिफल है। सरकार व जनप्रतिनिधियों ने इस गांव के लिए कुछ नहीं किया। गांव में सड़क तक नहीं थी। आप जिस सड़क से आए हैं वह तीन माह पहले ही बनी है। वह भी विधायकजी की विशेष कृपा से। तभी मनोज सिंह बोल उठे, गांव में नाली तक नहीं बनी। घरों का पानी सड़क पर बहता है। नलजल योजना है पर पानी कभी नहीं आता।
कांग्रेस की सरकार में उप स्वास्थ्य केंद्र खुला
ट्रांसफॉर्मर दो माह से जला है। कांग्रेस की सरकार में गांव में उप स्वास्थ्य केंद्र खुला था। यह सरकार 15 साल में एक डॉक्टर तक नहीं दे सकी। स्कूल तो 12वीं तक है पर उसमें न शिक्षक है और न पीने के लिए पानी। गांव के बच्चे पढऩे के लिए 10 किमी. दूर जैतवारा जाते हैं। जब सरकार शिक्षक नियुक्त नहीं कर सकती तो गांव-गांव स्कूल खोलने का क्या मतलब है।
पूरा गांव कांग्रेसी है
रिटायर्ड हवलदार भारगेंद्र सिंह ने गांव की पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा, पूरा गांव कांग्रेसी है। लेकिन, हम लोगों ने विकास के लिए विधायक भाजपा का चुना और सांसद भी। पर, हुआ कुछ नहीं। मुख्यमंत्री कहते हैं कि हमने प्रदेश को सुधार दिया। कभी-कभी हम सोचते हैं कि जो सरकार सैनिकों का सम्मान करना नहीं जानती, जिसके नुमाइंदे 15 साल में एक शहीद स्मारक नहीं संवार सके।
वह प्रदेश को क्या संवारेगी
वह प्रदेश को क्या संवारेगी। रिटायर्ड हवलदार का इशारा गांव में बने उस शहीद स्मारक की ओर था, जिसे 15 वर्ष पूर्व देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले चूंद गांव के दो सगे भाई नायक कन्हैयालाल सिंह ह व नायक बाबूलाल सिंह की याद में बनवाया गया था। रामपुर बाघेलान विधानसभा के प्रवेश द्वार व सैनिक गांव चूंद की चौपाल में शाम ढलने के साथ ही भीड़ बढ़ती जा रही है।
उसी को वोट देंगे जो...
करीब दो घंटे तक चली लंबी चर्चा में ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि जाति-धर्म और मंदिर-मस्जिद की राजनीति बहुत हो गई। इस चुनाव में उसी को वोट देंगे जो हमारी समस्याओं का समाधान करेगा। गांव के उपसरपंच ईश्वरजीत सिंह ने गांव की प्राथमिताएं गिनाते हुए कहा कि सोसायटी चूंद के नाम से है। भवन भी यहीं बना है पर खाद बीज 15 किमी. दूर तिहाई में मिलता है।
हर घर से एक व्यक्ति सेना में
गांव की सोसायटी गांव में खुले, इसके लिए ग्रामीण कई बार धरना-प्रदर्शन कर चुके हैं पर सुनवाई आज तक नहीं हुई। चूंद जिला ही नहीं प्रदेश का इकलौता एेसा गांव है जिसके हर घर से एक व्यक्ति सेना में है। बावजूद इसके इस गांव के विकास के लिए माननीयों ने कोई कदम नहीं उठाया। गांव में शाम होते ही शराब की पैकारी शुरू हो जाती है।
आज तक एक कौड़ी नहीं दी
गांव-गांव पानी के टैंकर बांटने और श्मशान में टाइल्स लगवाने वाले जिले के सांसद-विधायक ने सैनिक गांव में बने शहीद स्मारक के कायाकल्प के लिए आज तक एक कौड़ी नहीं दी। नेताओं को सिर्फ चुनाव में याद आती है। चुनाव के समय वे यहां आते हैं और स्मारक पर दो फूल चढ़ाकर वोट के लिए घडि़याली आंसू बहाते हैं। चुनाव के बाद कोई झांकने तक नहीं आता।
Published on:
27 Oct 2018 11:32 am
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