
MP vidhan sabha chunav me dasyu sundari sadhana patel ki entry
सतना। चित्रकूट के तराई क्षेत्र में सक्रिय दस्यु हमेशा से चुनावों को प्रभावित करते रहे हैं। प्रत्याशियों के पक्ष में उनके फरमान भी जारी होते रहे हैं। इस बार विलंब से ही सही लेकन डकैत चुनाव मैदान में अपनी धमक दिखाने कूद गए हैं। बकायदा जंगली इलाकों में बसे गांवों में पहुंच कर मतदाताओं को प्रत्याशियों के पक्ष में अपना फरमान सुना रहे हैं और जहां नहीं पहुंच पा रहे हैं वहां उनके संदेश पहुंच रहे हैं।
विगत एक सप्ताह से इस तरह के मामले कई गांवों में सुनने को आए हैं और इसकी पुष्टि यहां के निवासी भी कर रहे हैं। उनमें फरमान के बाद भय भी साफ देखने को मिल रहा है। तराई के सूत्रों की मानें तो जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं उसके साथ ही तराई के वन क्षेत्र में मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिशें नजर आने लगी हैं। प्रत्याशियों के पक्ष में वोट करने के फरमान जारी होने लगे हैं।
बताया गया है कि चार दिन पहले दस्यु सुंदरी साधना पटेल तराई क्षेत्र के अंधियरा गांव अपने साथियों के साथ पहुंची थी। यहां उसने ग्रामीणों से मुलाकात कर एक प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने का फरमान सुनाया है। साथ ही ऐसा नहीं करने पर नतीजा भुगतने को तैयार रहने भी कहा है।
भय का बना माहौल
डकैतों के फरमान के बाद इन गांवों के मतदाताओं में भय का माहौल देखा जा रहा है। हालांकि कुछ सजातीय लोग इन गांवों में भय से बाहर हैं लेकिन अन्य वर्ग के मतदाताओं में डर देखा जा रहा है। दबी जुबान उन्होंने फरमान की बात स्वीकारी है। साथ ही यह भी कहा कि 'चुनाव तक तो पुलिस फाटा रही अई ओखे बाद को देखी।'
इन गांवों में धमक
तराई के पाथर कछार, रानीपुर, भियामऊ, महतैन, अंधियरा, पिपरिहा बस्ती, पुतरिहा, जिल्लहा, कडिय़न इलाकों में दस्यु गिरोहों के फरमान और संदेश पहुंच चुके हैं। यहां लोगों को स्पष्ट तौर पर प्रत्याशी का नाम और चुनाव चिह्न बताते हुए उन्हें वोट देने कहा गया है।
इधर, प्रेक्षक ने पुलिस से समन्वय बनाने को कहा
दस्यु प्रभावित इलाकों में इस तरह की गतिविधियों की खबर मिलने पर चित्रकूट विस प्रेक्षक श्रीराम केवल बुधवार को अति संवेदनशील और क्रिटिकल मतदान केंद्र मुडिय़ादेव, बरौंधा, ताली, कुरमनताला, नकैला, झरी, रामनगर, बरुआ, पिण्डरा एवं मझगवां का दौरा किया।
किसी तरह का भय दबाव तो नहीं
मुडिय़ा देव में पुलिस से समन्वय कर आवश्यक व्यवस्थाओं के निर्देश दिए। बरुआ कोलान में मतदाताओं ने बताया कि 1000 लोगों की बस्ती में 2 से 3 सौ लोग बाहर रोजगार के लिए गए हैं। यहां अधूरे भवन दिखाते हुए समस्याएं साझा की। महिलाओं से भी प्रेक्षक ने जानकारी ली और पूछा कि मतदान में किसी तरह का भय दबाव तो नहीं है।
Published on:
22 Nov 2018 04:33 pm
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