
mp vidhan sabha election 2018 date
सतना। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियां निर्वाचन आयोग ने प्रारंभ कर दिया है। इवीएम और वीवीपैट की सप्लाइ बेंगलुरु से शुरू की जा चुकी है। अधिकारियों के प्रशिक्षण भी जल्द ही शुरू होंगे। जिले में अभी तक 2900 नई इवीएम मशीनों की खेप आ चुकी है, तो सोमवार को नए वीवीपैट भी पहुंच गए हैं। प्रदेश में विधानसभा चुनावों की सरगर्मियां न केवल राजनीतिक दलों में दिखाई दे रही हैं बल्कि इसकी तैयारी निर्वाचन आयोग स्तर पर भी नजर आ रही है।
सोमवार को कलेक्ट्रेट स्थित जिला निर्वाचन कार्यालय के स्ट्रांग रूम में 2560 वीवीपैट की खेप बेंगलुरु से पहुंची है। दो ट्रकों में पहुंची इस सामग्री को अनलोड कराने का काम दिन भर चलता रहा। इसी तरह से इसके पहले इस चुनाव में प्रयुक्त होने वाली नई इवीएम मशीनें भी सतना पहुंच चुकी है। अप्रैल माह में तहसीलदार जीतेंद्र वर्मा बेंगलुरु से इन मशीनों को अपनी निगरानी में सतना तक लाए हैं।
केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया भी जारी
जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा मतदान केंद्र निर्धारण की भी प्रक्रिया प्रारंभ है। अभी तक की स्थिति में 1966 मतदान केंद्र तय किए गए हैं। इसके अलावा निर्वाचन आयोग की गाइड लाइन के अनुरूप नए सिरे से भौतिक सत्यापन का भी दौर चल रहा है। इस प्रक्रिया के बाद युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया की जाएगी। ऐसे में कुछ और नये मतदान केन्द्र भी बनाए जाएंगे। इनके प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं।
रिटर्निंग ऑफिसरों का प्रशिक्षण
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर उप जिला निर्वाचन अधिकारी सहित रिटर्निंग ऑफिसर एवं सहायक रिटर्निंग ऑफिसर को ट्रेनिंग देने का कार्यक्रम भी तय किया जा रहा है। अभी इसकी तिथि 9 मई से 7 जुलाई तक भोपाल स्थित आरसीव्हीपी नरोन्हा प्रशासन अकादमी में तय की गई थी। लेकिन अपरिहार्य कारणों से इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को स्थगित किया गया है। जल्द ही नई तिथि जारी किए जाने की बात कही गई है। इस सर्टिफिकेशन प्रोग्राम के तहत अधिकारियों को निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़े विभिन्न विषयों की सूक्ष्मता से जानकारी दी जाएगी। ताकि किसी भी प्रकार की गलती न होने पाए।
मतदाताओं का सत्यापन शुरू
फर्जी मतदान की संभावनाओं को खत्म करने के लिए इआरओ नेट और बीएलओ नेट द्वारा मतदाताओं का सत्यापन किया जा रहा है। एएसडी सिस्टम के तहत सत्यापन उपरांत मतदाताओं के नाम काटे जा रहे हैं। एएसडी को समझें तो ए अर्थात अनुपस्थित (लंबे समय से अनुपस्थित), एस अर्थात अन्यत्र स्थानांतरित (शिफ्टेड) और डी अर्थात मृत (डेड) मतदाताओं का सत्यापन कर उनके नाम मतदाता सूची से काटा जा रहा है। यह काम बड़ी तेजी से चल रहा है। शत प्रतिशत शुद्ध मतदाता सूची के लिए चुनाव आयोग ने सख्त रवैया अपना रखा है। मतदाता सूची में गड़बड़ी के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी जिम्मेदार होंगे।
Published on:
08 May 2018 02:01 pm
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