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नीलगाय के शिकारियों की जमानत खारिज, जीआई तार बिछाकर लगाया था करंट

न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी महेंद्र सिंह की अदाजत ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि मामले की जांच अभी पूरी नहीं हुई है।

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Nilgai hunters bail rejected: Current was laid by laying GI strings

Nilgai hunters bail rejected: Current was laid by laying GI strings

सतना/ नील गाय का शिकार करने वाले आरोपियों के जमानत आवेदन को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी महेंद्र सिंह की अदाजत ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि मामले की जांच अभी पूरी नहीं हुई है। आरोपी द्वारा कृत्य के दोहराव की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में आरोपी को जमानत का लाभ देना उचित नहीं होगा। आरोपी के जमानत आवेदन का विरोध सहायक जिला अभियोजन अधिकारी पुरुषोत्तम मिश्रा ने किया।

ये है मामला
सहायक अभियोजन प्रवक्ता संदीप कुमार ने बताया कि वन विभाग को 2 जनवरी 2020 की रात 10 बजे मुखबिर से सूचना मिली थी कि कुछ लोगों द्वारा करंट लगाकर नील गाय का शिकार किया गया है। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। पाया कि मिचकुरिन गांव अंतर्गत देवलहा बीट मझगवां और उत्तर प्रदेश की सीमा के आसपास के वनक्षेत्र में जीआई तार बिछाई गई थी। इसी में फंसाकर नीलगाय का शिकार करना पाया गया।

वन्य प्राणी संरक्षण अधि. की धारा
इसके आधार पर वन्य प्राणी संरक्षण अधि. की धारा 2 ( 16), 9, 39, 44, 50, 51 के तहत अपराध पंजीकृत किया गया। नील गाय प्राणी वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की अनुसूची नियम 03 का प्राणी है। महकमे ने कार्रवाई करते हुए आरोपी के पास से नीलगाय का पांच किलोग्राम कच्चा मांस भी जब्त किया गया था। आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया।

जमानत आवेदन निरस्त
आरोपी ने न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी की अदालत में जमानत आवेदन प्रस्तुत किया। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद कहा कि आरोपी राजा कोल पिता जलका और बृृजेश कोल दोनों निवासी मिचकुरिन थाना मझगवां द्वारा ऐसे कृत्य के दोहराव व न्याय से भागने की संभावना के मद्देनजर जमानत आवेदन निरस्त किया जाता है।