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ऑन लाइन फ्रॉड: कर्ज की रकम पर हैकर का डाका

फिर सामने आया ऑनलाइन फ्रॉड, खाताधारक को लगी दो लाख की चपत

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On-line fraud: Hacker's robbery on loan amount

On-line fraud: Hacker's robbery on loan amount

सतना. व्हाट्सएप मैसेज में आई एक लिंक को छूते ही बैंक खाते से 2 दिन में 2 लाख रुपए पार हो जाने की घटना सामने आई है। इस नई घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि ऑनलाइन फ्रॉड करने वाला गिरोह लगातार सक्रिय है और इस गिरोह के लोग रोज नए-नए तरीके से लोगों को कंगाल बनाने में जुटे हैं। अभी 3 दिन पहले ही एक भाजपा नेता की फेसबुक आईडी हैक कर उनके परिचितों से रकम ऐंठने का प्रयास किया गया था। इसके पहले कलेक्टर की फेसबुक आईडी भी हैक हो चुकी है। उनके परिचित से 20 हजार रुपए ठगे गए थे। इस बार मोबाइल पर लिंक भेज कर ठगी की गई है। गिरोह ने ऐसे नौजवान को अपना शिकार बनाया है जो शिक्षित बेरोजगार है, उसके पिता ने उसके रोजगार के लिए कर्ज लिया था। कर्ज की उसी रकम पर हैकर ने डाका डाल दिया है। यानी इस पीडि़त पर दोहरी मार पड़ी है।
जानकारी मिली है कि जिले के ताला थाना क्षेत्र के ग्राम ताला में रहने वाले अशोक कुमार दहायत (32) का अमरपाटन स्थित भारतीय स्टेट बैंक में बचत खाता है। 24 नवंबर को उनके खाते में तीन लाख आठ हजार 654 रुपए थे। उसी दिन उनके मोबाइल फोन पर व्हाट्सएप के माध्यम से एक मैसेज आया जिसमें किसी फार्म को देखने के लिए लिंक थी। अशोक ने लिंक को टच कर दिया जिसके बाद 25 तारीख को दोपहर 2.33 पर उनके बैंक खाते से 20 हजार रुपए कट गए। जब तक वह कुछ समझ पाते तब तक खाते से बीस- बीस हजार की रकम तीन बार और निकल गई। एक बार 19 हजार 999 रूपए कट गए। कुल मिलाकर 99 हजार 999 रूपए एक दिन में बैंक खाते से कट गए। अशोक कुमार 25 नवंबर को गांव से बाहर थे। वह फौरन गांव लौटे और उन्होंने अगले दिन बैंक में संपर्क किया। जिस वक्त वह बैंक में इस घटना की जानकारी दे रहे थे उसी दौरान उनके खाते से 5 बार में 20 -20 हजार रुपए फिर कट गए। इस तरह 2 दिन में अशोक कुमार दहायत के खाते से 1 लाख 99 हजार 999 रुपए पार हो गए।
पड़ी है दोहरी मार
अशोक कुमार दहायत के पुत्र रामनरेश दहायत शासकीय विद्यालय ताला में शिक्षक हैं। बेरोजगार बेटे को दुकान खुलवाने के लिए उन्होंने 3 लाख रुपए का कर्ज 25 जुलाई 2019 को एक प्राइवेट बैंक से लिया था। उन्होंने यह रकम अशोक के बैंक खाते में जमा कर दी थी ताकि आवश्यकता अनुसार उनका बेटा इस रकम का इस्तेमाल कर सके। अशोक के खाते में पड़ी इसी 3 लाख रुपए की रकम में 2 लाखों रुपए की रकम हैकर ने पार कर दी है। इस घटना से अशोक के परिवार को दोहरी मार पड़ी है। एक तरफ अशोक की दुकान खुल नहीं सकी और दूसरी तरफ पिता पर तीन लाख के कर्ज का बोझ हो ही गया है। कर्ज तो उसे अदा करना ही होगा।
यहां भी पेटीएम अकाउंट का इस्तेमाल
अशोक कुमार 25 नवंबर को सतना के सिविल लाइन में थे। जब उनके खाते से 99 हजार 999 रुपए कटे तो उन्होंने तत्काल यहां पुलिस अधीक्षक कार्यालय जाकर साइबर सेल में संपर्क किया। साइबर सेल की टीम ने अपने स्तर से जांच आरंभ कर दी मगर ठग इतना तेज निकला कि उसने लगातार दूसरे दिन भी एक लाख रुपए निकाल लिए। सूत्रों के मुताबिक़ हैकर ने अशोक का खाता खाली करने के लिए पेटीएम अकाउंट का इस्तेमाल किया है। पेटीएम का खाता एक है लेकिन पैसा ट्रांसफर अलग-अलग कई खातों में किया गया है। पुलिस और साइबर टीम अब उन खाताधारकों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।
टाइम पास करते रहे बैंक कर्मी
फरियादी अशोक कुमार के मुताबिक, वे जब अपनी शिकायत लेकर बैंक गए तो बैंक कर्मचारियों ने उनकी बात को गंभीरता से नहीं लिया। कैशियर ने कहा बैंक मैनेजर नहीं हैं, जब आएंगे तभी कुछ होगा। कैशियर से खाते का स्टेटमेंट मांगा गया तो उसने पासबुक प्रिंट कराने की सलाह दे दी। पासबुक प्रिंट कराने के लिए 1 घंटे से अधिक समय तक लाइन में लगना पड़ा। अशोक की मानें तो बैंक में मौजूद कर्मचारी शिकायत सुनने की बजाय टाइम पास कराते रहे। दोपहर लगभग 2 बजे जब बैंक मैनेजर संजीव कुमार आए तो उन्होंने भी कोई मदद नहीं की।
हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे मैनेजर और कटती रही रकम
अशोक ने बताया कि 26 नवंबर की दोपहर लगभग 2 बजे जब बैंक मैनेजर संजीव कुमार आए तो उन्हें घटना की जानकारी देकर खाता बंद कराने का अनुरोध किया गया मगर वह हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे और उनकी अनदेखी का नतीजा यह हुआ कि उनके सामने 2. 35 बजे से फिर खाते से रकम कटना शुरू हुई और देखते-देखते खाते से 1 लाख रुपए पार हो गए। अशोक का कहना है कि खाता ब्लॉक करने में बैंक कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने लापरवाही की अन्यथा 26 नवंबर को खाते से 1 लाख रुपए और पार ना हो पाते। लापरवाही के लिए बैंक कर्मचारियों सहित प्रबंधक को दोषी मानकर पुलिस को कार्रवाई करना चाहिए।
पांच रुपए निकाल कर जाना बैलेंस
अशोक कुमार के खाते में कुल कितनी रकम है यह जानने के लिए हैकर ने उसके खाते से सबसे पहले केवल पांच रुपए निकाले। इस ट्रांजैक्शन से उसे खाते के बैलेंस की जानकारी हो गई। खाते में कुल कितनी रकम है यह मालूम हो जाने के बाद उसने धीरे धीरे कर लगभग दो लाख रुपए निकाल लिए। समय रहते अगर खाता बंद नहीं किया जाता तो शेष रकम भी सुरक्षित नहीं रह पाती। यह तो गनीमत थी कि अशोक ने अपना एटीएम भी तत्काल ब्लॉक करा दिया था।मिलते जुलते हैं सभी प्रकरण26 नवंबर को भाजपा नेता लोकेश त्रिपाठी की फेसबुक आईडी को हैक किया गया। उनके परिचित से बीस- बीस हजार रुपए मांगे गए। रकम ट्रांसफर करने के लिए पेटीएम का नंबर दिया गया। यहां अशोक के खाते को खाली करने में भी पेटीएम का इस्तेमाल होने की बात सामने आई है। जिस प्रकार लोकेश के परिचितों से 20- 20 हजार रुपए मांगे गए, यहां भी अशोक के खाते से प्रत्येक बार 20 हजार की रकम ही निकाली गई। पूर्व में जब कलेक्टर की फेसबुक आईडी हैक की गई थी तब उनके परिचित से भी 20 हजार रुपए ही मांगे गए थे।
पकड़े जा सकते हैं आरोपी
अधिकांश मामलों में रकम ट्रांसफर करने के लिए पेटीएम अकाउंट का इस्तेमाल किए जाने की बात सामने आ रही है। जानकार बताते हैं कि पेटीएम अकाउंट खुलवाने के लिए रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के साथ साथ केवाईसी का होना जरूरी है। अगर यह बात सही है तो जाहिर सी बात है कि जिन खातों से रकम इधर से उधर की गई है उन खातों की पूरी जानकारी पेटीएम संस्था के पास सुरक्षित होगी। पेटीएम अधिकारियों की मदद से पुलिस जानकारी हासिल कर आरोपियों तक पहुंच सकती है। देखने वाली बात यह होगी कि पुलिस कब तक में आरोपियों तक पहुंचती है।