
Patrika Election Survey in Satna Madhya Pradesh
सतना। सतना विधानसभा क्षेत्र की जनता अपने विधायक से नाराज दिखाई नहीं देती है। लेकिन, उसके बावजूद बड़ी संख्या में लोग चाहते हैं कि चेहरे बदलना चाहिए। अब किसी नए व्यक्ति को मौका मिले। अगर, पार्टी नए चेहरे को टिकट देती है, तो उसके पक्ष में मतदान करने को भी तैयार हैं। कुछ ऐसी स्थिति राज्य सरकार के के कामकाज को लेकर भी है। लगभग 60 फीसदी मतदाता सरकार के कामकाज को लेकर संतुष्टि जता रहे हैं। उनकी उम्मीदों पर सरकार खरी उतरी नजर आ रही है।
दरअसल, पत्रिका ने सतना विधानसभा में सर्वे के माध्यम से मतदाताओं के मन को टटोलने का काम किया। जिसमें उनसे वर्तमान विधायक, सरकार, सत्तारूढ पार्टी सहित विपक्ष को लेकर सवाल किए गए। गोपनीय स्तर पर कराए गए सर्वे में जहां सरकार की स्थिति बेहतर नजर आ रही है। वहीं वर्तमान विधायक को लेकर लोग बदलाव चाहते हैं।
54 फीसदी संतुष्ट
सर्वे में देखने को मिला है कि सतना विधानसभा के करीब 54 फीसदी मतदाता मानता है कि उनकी कसौटी पर विधायक खरे उतरें हैं। 58 फीसदी का मानना है कि वे सुखदुख में साथ खड़े भी रहते हैं। उसके बावजूद विधायक के लिए चिंता का विषय है। कारण है कि मात्र 20 फीसदी मतदाता कहते हैं कि विधायक पुन: चुनाव में उतरते हैं, तो वे उन्हे वोट देंगे। 80 फीसदी वोट देने के पक्ष में नहीं है। बल्कि वे मानते हैं कि कोई नया चेहरा आना चाहिए, उसके पक्ष में मतदान करने को भी तैयार हैं।
सरकार से संतुष्ट
कुछ ऐसी स्थिति सरकार के काम काज को लेकर भी है। जहां मतदाता संतुष्ट नजर आता है, वहीं आधी आबाद बदलाव भी चाहती है। सर्वे के आकड़ों की बात करें। तो 60 फीसदी मतदाताओं ने सरकारी कामकाज से संतुष्टि जताया है। 40 फीसदी मतदाताओं ने कहा है कि सरकार उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी है। जबकि 44 फीसदी लोग सरकार को पुन: मौका देने को भी तैयार हैं। जबकि 65 फीसदी लोग कहते हैं कि सरकार बदलनी चाहिए।
सत्तारूढ़ दल से लोग नाराज
सत्तारूढ़ दल को लेकर भी मतदाताओं में 50-50 की स्थिति बनी हुई है। 54 फीसदी मतदाता मानते हैं कि भाजपा सरकार बनाने व चलाने में सफल नहीं रही है। जबकि 46 फीसदी पार्टी को सफल बताते हैं। वहीं 62 फीसदी मानते हैं कि पार्टी सरकार को नियंत्रण करने में सफल नहीं रही है। 48 फीसदी लोग मानते हैं कि भाजपा को पुन: सरकार बनाने का मौका मिलना चाहिए।
विपक्ष की भूमिका सराहा
मतदाताओं ने विपक्ष की भूमिका से संतुष्टि जताई है। 60 फीसदी मानते हैं कि विपक्ष भूमिका निभाने में अनुकूल रहा है। 50 फीसदी मानते हैं कि जनता के मुद्दों को उठाने में कांग्रेस सक्रिय रही है। लेकिन, उसके बावजूद 78 फीसदी कांग्रेस को सरकार बनाने का मौका नहीं देना चाहते हैं। जबकि 38 फीसदी मानते हैं कि भाजपा सरकार से बेहतर कांग्रेस की सरकार नहीं थी।
तीसरा विकल्प मंजूर नहीं
मप्र में बसपा, सपा व आप जैसी पार्टियों के लिए स्थिति जमीन आसान नहीं है। 90 फीसदी मतदाता सीधे तौर पर तीसरे विकल्प को खारिज करते हैं। हालांकि 28 फीसदी मतदाता कहते हैं कि तीसरे विकल्प की संभावना बनती है, तो वोट देंगे। 56 फीसदी लोग गैर राजनीतिक व्यक्ति को भी स्वीकारने को तैयार हैं। 20 फीसदी कहते भी हैं कि उनकी नजर में ऐसा व्यक्ति है, जो अगुवाई कर सकता है। लेकिन 24 फीसदी सीरे से खारिज करते हैं, तो 24 फीसदी पता नहीं विकल्प पर भरोसा जताते हैं।
Published on:
01 Apr 2018 03:13 pm
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