दरअसल, घरभरा निवासी गर्भवती आरती साकेत पति भगवानदीन रविवार की सुबह जिला अस्पताल में भर्ती हुई थी। जहां कमीशन के लिए पैसा ना होना जान की मुसीबत बन गया था। बताया गया कि किसी बात को लेकर गर्भवती के परिजन और स्टाफ नर्स की बहस हो गई। नर्स ने आनन-फानन में पीडि़ता के ससुर से बिना बताए अंगूठा लगवा कर महिला को रीवा के लिए रेफर का कागज बना दिया। रेफर का कारण पूछा तो नर्स ने कहा ज्यादा होशियारी किए हम यहां चिल्ला देंगे और आपको छेड़छाड़ एवं सरकारी काम में बाधा उत्पन्न करने के केस में तुमको अंदर करवा देंगे। फिर तेरी जमानत भी नहीं होगी।
डरा सहमा 75 वर्षीय ससुर और पीडि़ता का देवर कुछ समाजिक कार्यकर्ताओं की मदद से सीधी कलेक्टर अभिषेक सिंह फोन करके मदद की गुहार लगाई। इधर महिला का रक्त देखकर स्टाफ नर्स से बिनती करता है कि मैडम बाहर चलकर थोड़ी देख लीजिए। बहुत रक्त बह रहा है। मेरी बहू मर जाएगी, लेकिन स्टाफ नर्स का दिल नहीं पसीजा और ना ही वह बाहर आई। इसके बाद पीडि़ता के ससुर कुछ रिश्तेदार की मदद से एक निजी अस्पताल पैदल ले गए। लेकर उसको वाहन तक नहीं नसीब हुआ। निजी अस्पताल में प्रसूता ने 10 मिनट के बाद एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया।