इधर, एसडीएम आशीष संगवान ने शनिवार को बैठक बुलाई। पावर ग्रिड के अधिकारी व स्थानीय राजस्व अमला शामिल था। एसडीएम ने पावर ग्रिड से रिपोर्ट मांगी है कि कितने किसानों को मुआवजा दिया गया, किसको अभी तक नहीं दिया गया है। पांचों चरण की स्थिति स्पष्ट की जाए। जिन्हें मुआवजा नहीं दिया गया है उन्हें तत्काल उपलब्ध कराया जाए। साथ इटमा के किसानों को सोमवार तक मुआवजा देने के निर्देश भी दिए।
प्रशासनिक अधिकारी अपने से पूर्व में पदस्थ अधिकारियों की जिम्मेदारी लेने से भी बचते नजर आ रहे हैं। किन परिस्थितियों में किसानों को मुआवजा नहीं वितरित हुआ, इस पर भी सवाल है। लेकिन, अधिकारी कहते हैं कि वे अपनी बात कर रहे हैं, दो दिन में मुआवजा वितरण शुरू हो जाएगा। हालात ये हैं कि किसको कितना और किस गाइडलाइन के तहत मुआवजा दिया गया, ये तय तक नहीं है।
– राजस्व मंत्रालय द्वारा जारी आदेश क्रमांक आर/3283/2016/सात/2 ए/ 847 दिनांक 12/05/2017 के प्रथम बिंदु स्थापना में उपयोग की जाने वाली जमीन का प्रचलित बाजार मूल्य का 85%दिया जाना है, निर्धारित कर लिखित में मूल्यांकन का आदेश जारी किया जाए।
– वर्ष 2015 में सतना से चमराडोल 765 केवी का निर्माण किया गया। जिसमें कुछ किसानों को 12 लाख रुपए प्रति टावर 3000 वर्ग मीटर जमीन का दिया गया है। शेष किसानों का पूर्ण भुगतान कर सूची सार्वजनिक की जाए।
– वर्ष 2017-18 में पावर ग्रिड से मुआवजा की मांग किए जाने पर किसानों को जेल भेजा गया। मुआवजे में मनमानी की गई। जिसकी न्याययिक जांच हो।
– विंध्यांचल पूलिंग से प्रभावित चार जिलों में किस-किस गाइडलाइन के तहत मुआवजा वितरित हुआ, स्पष्ट किया जाए।
– कुआं, बोर, मकान, पेड़, तार का मुआवजा निर्धारित किया जाए।