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इटमा में पावर ग्रिड टावर का विरोध जारी, 7वें दिन तीन किसान टावर पर और 50 नीचे करते रहे प्रदर्शन

locationसतनाPublished: Dec 02, 2018 12:36:30 pm

Submitted by:

suresh mishra

इटमा में पावर ग्रिड टावर का विरोध जारी, 7वें दिन तीन किसान टावर पर और 50 नीचे करते रहे प्रदर्शन

ramnagar itma me power grid ka virodh jari

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सतना। रामनगर के इटमा में सात दिन से तीन किसान टावर पर चढ़े हुए हैं। वे शनिवार को भी टावर से नहीं उतरे। उधर, राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के बैनर तले टावर के नीचे भी किसानों का धरना शुरू हो गया है। करीब 50 किसान नीचे बैठकर प्रदर्शन कर रहे हैं। दूसरी ओर कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। जबकि एक दिन पहले शुक्रवार को एसडीएम आशीष सांगवान, तहसीलदार मानवेंद्र सिंह, एसडीओपी मैहर सहित पावर ग्रिड के अधिकारी पहुंचे थे। गत 25 नवंबर से रामनगर के बड़ा इटमा गांव के तीन किसान टावर पर चढ़कर प्रदर्शन कर रहे हैं। वे अपने साथ फांसी का फंदा भी लेकर चढ़े थे।
लगातार चेतावनी देते हैं कि मांग नहीं मांगी गई, तो फंदा लगाकर टावर पर ही आत्महत्या कर लेंगे। हैरान करने वाली बात यह रही कि जिले के प्रशासनिक अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और पांच दिन तक कोई अधिकारी नहीं पहुंचा। ६वें दिन अधिकारी पहुंचे पर किसानों को समझाने में नाकाम रहे। अब फिर से प्रशासनिक स्तर पर लापरवाही जारी है।
प्रशासन लगातार मुआवजा देने की बात करता है, लेकिन हकीकत में किसानों को शत-प्रतिशत मुआवजा नहीं मिल पाया है। गाइडलाइन तक किसानों के सामने स्पष्ट नहीं की गई है। कई किसान ऐसे हैं, जिनके खेत में टावर लग गया और ट्रांसमिशन लाइन खिंच गई, उसके बाद भी मुआवजा नहीं मिला है। स्थिति यह है कि अपने ही कलेक्टर के आदेश का पालन स्थानीय अधिकारी नहीं कर सके हैं।
एसडीएम ने बुलाई बैठक
इधर, एसडीएम आशीष संगवान ने शनिवार को बैठक बुलाई। पावर ग्रिड के अधिकारी व स्थानीय राजस्व अमला शामिल था। एसडीएम ने पावर ग्रिड से रिपोर्ट मांगी है कि कितने किसानों को मुआवजा दिया गया, किसको अभी तक नहीं दिया गया है। पांचों चरण की स्थिति स्पष्ट की जाए। जिन्हें मुआवजा नहीं दिया गया है उन्हें तत्काल उपलब्ध कराया जाए। साथ इटमा के किसानों को सोमवार तक मुआवजा देने के निर्देश भी दिए।
कुछ भी तय नहीं
प्रशासनिक अधिकारी अपने से पूर्व में पदस्थ अधिकारियों की जिम्मेदारी लेने से भी बचते नजर आ रहे हैं। किन परिस्थितियों में किसानों को मुआवजा नहीं वितरित हुआ, इस पर भी सवाल है। लेकिन, अधिकारी कहते हैं कि वे अपनी बात कर रहे हैं, दो दिन में मुआवजा वितरण शुरू हो जाएगा। हालात ये हैं कि किसको कितना और किस गाइडलाइन के तहत मुआवजा दिया गया, ये तय तक नहीं है।
किसानों की मांग
– राजस्व मंत्रालय द्वारा जारी आदेश क्रमांक आर/3283/2016/सात/2 ए/ 847 दिनांक 12/05/2017 के प्रथम बिंदु स्थापना में उपयोग की जाने वाली जमीन का प्रचलित बाजार मूल्य का 85%दिया जाना है, निर्धारित कर लिखित में मूल्यांकन का आदेश जारी किया जाए।
– वर्ष 2015 में सतना से चमराडोल 765 केवी का निर्माण किया गया। जिसमें कुछ किसानों को 12 लाख रुपए प्रति टावर 3000 वर्ग मीटर जमीन का दिया गया है। शेष किसानों का पूर्ण भुगतान कर सूची सार्वजनिक की जाए।
– वर्ष 2017-18 में पावर ग्रिड से मुआवजा की मांग किए जाने पर किसानों को जेल भेजा गया। मुआवजे में मनमानी की गई। जिसकी न्याययिक जांच हो।
– विंध्यांचल पूलिंग से प्रभावित चार जिलों में किस-किस गाइडलाइन के तहत मुआवजा वितरित हुआ, स्पष्ट किया जाए।
– कुआं, बोर, मकान, पेड़, तार का मुआवजा निर्धारित किया जाए।
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