
Ratnesh missed, Sihor's daughter shifted mount Everest
सतना. ऑक्सीजन मास्क में खराबी आ जाने से रत्नेश पांडेय इस बार माउंट एवरेस्ट की चोटी फतह करने से चूक गए। हालांकि, उनके मार्गदर्शन में सीहोर के किसान की बेटी मेघा परमार ने यह उपलब्धि आने नाम कर लिया। बताया गया कि मेघा 22 मई की सुबह 5 बजे एवरेस्ट के शिखर पर पहुंची थी। करीब 30 मिनट तक वहां रुकने के बाद शुक्रवार सुबह 5 बजे वह कैंप-2 पर पहुंची। लेकिन यहां उनका स्वास्थ्य खराब हो गया। लिहाज, प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें काठमांडू पहुंचाया गया।
2018 में शुरू की थी चढ़ाई
टीम के अन्य तीन सदस्य घायल और बीमार होने के कारण शिखर तक नहीं पहुंच सके। मेघा ने 2018 में भी माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई शुरू की थी, लेकिन अभियान पूरा नहीं कर पाई थी। इसके बाद दोबारा तैयारी कर उसने यह जीत हासिल की। पिता दामोदर परमार ने बताया कि आखिर उसे मेहनत का फल मिल गया।
फतह कर चुके माउंट एवरेस्ट
उल्लेखनीय है कि रत्नेश पांडेय इससे पहले मांउट एवरेट फतह कर चुके हैं। लेकिन इस बार ऑक्सीजन मास्क में खराबी आ जाने से उन्हें 300 मीटर नीचे से शिखर छोडऩा पड़ा। रत्नेश की इस उपलब्धि के बाद सतना स्मार्ट सिटी का ब्रांड एम्बेस्डर बनाया गया है।
Published on:
25 May 2019 06:08 am
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