
Rajiv RERA chief and Balvindar and 2 others taken oath by Ram Naik
सतना। रियल एस्टेट कारोबार में अगर आप इन्वेस्ट करना चाह रहे हैं तो संभल जाए। जिले के किसी भी कॉलोनाइजर या जमीन कारोबारी के झांसे में न आएं। रेरा कानून लागू होने के बाद से आज की स्थिति में सतना जिले में सिर्फ २१ प्रोजेक्ट ही वैध (पंजीकृत) है। इसलिये इन्हीं प्रोजेक्टों में आप अपनी रकम फंसाने के बाद सौदा सुरक्षित रख पाएंगे। यह खुलासा हाल ही में रेरा द्वारा अपलोड किये गए पंजीकृत प्रोजेक्ट की सूची से हुआ है। इनमें नगर निगम का उतैली हाउसिंग प्रोजेक्ट रेरा में दर्ज नहीं है तो घूरडांग में हाउसिंग बोर्ड का प्रोजेक्ट अपंजीकृत प्रोजेक्ट के रूप दर्ज है।
अचल संपत्ति उद्योग में अच्छे निवेश को बढ़ावा देने और घर खरीदारों के हितों की रक्षा के लिये बनाए गए रेरा एक्ट अब पूरी तरह से प्रभावी हो चुका है। जमीन और भवन कारोबार को लेकर सरकार को अक्सर खरीदार को घर का कब्जा देने में देरी, समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद भी प्रमोटर का गैर जिम्मेदाराना व्यवहार सहित अन्य तरह की शिकायतें मिल रही थी।
शिकायतकर्ताओं द्वारा अक्सर बिल्डर, प्रमोटर और रियल एस्टेट एजेंटों की शिकायतें आ रही थी। ऐसे में सरकार ने खरीदारों के हितों की रक्षा के साथ प्रमोटरों और रियल एस्टेट एजेंटों को एक रूप रखते हुए बेहतर सेवाएं देने रेरा एक्ट लागू किया। इसके लागू होने के बाद से रेरा में बिना पंजीकृत कोई भी प्रोजेक्ट अवैध माना जाएगा और उस पर कार्रवाई की जाएगी।
यह करना होगा बिल्डर और प्रमोटर को
रेरा एक्ट लागू होने के बाद से बिल्डर को अपना प्रोजेक्ट सबसे पहले रेरा में पंजीकृत कराना होगा। इसी तरह से अगर कोई प्लाटिंग का काम कर रहा है तो उसे भी अपनी प्लाटिंग को रेरा में पंजीकृत कराना होगा। ऐसा नहीं करने पर वह कार्रवाई का भागीदार होगा। इसके साथ ही अचल संपत्ति खरीदने वालों से भी अपेक्षा की गई है कि वे इनमें अपनी राशि लगाने से पहले रेरा में पंजीकृत प्रोजेक्टों की जानकारी ले लें, ताकि इसमें कोई गड़बड़ी होने पर रेरा द्वारा उसका निराकरण किया जा सके।
ये हैं रेरा में पंजीकृत प्रोजेक्ट
रेरा की वेबसाइट के अनुसार सतना जिले में अभी पंजीकृत प्रोजेक्ट की संख्या 21 बताई गई है। इसमें से सर्वाधिक रघुराजनगर तहसील के हैं। यहां आनगोइंग प्रोजेक्ट में साईं लोटस सिटी, बांधवगढ़ कालोनी में हाउसिंग बोर्ड के 12 फ्लैट, कृष्णम एवेन्यू, गार्डन व्यू, केप्टाउन हाइट्स, कृपालपुर में हाउसिंग बोर्ड के 5 एचआईजी, कृपालपुर में हाउसिंग बोर्ड के 104 एमआईजी भवन, कृपालपुर में ही निर्माणाधीन हाउसिंग बोर्ड के 104 एचआईजी भवन, कृपालपुर में हाउसिंग बोर्ड के 48 एलआईजी, 33 ईडब्लूएस और सात दुकानों का प्रोजेक्ट, मैत्री उन्नति पार्क, बद्री पुरम, आरएन ग्रीन्स, सेटेलाइट सिटी फेज 1, महालक्ष्मी टॉवर शामिल हैं। इसके अलावा नए प्रोजेक्ट में ग्रीन पार्क और रामा इन्क्लेव शामिल हैं।
अमरपाटन: सिटी फेज 2 पंजीकृत प्रोजेक्ट
अमरपाटन तहसील में आनगोइंग प्रोजेक्ट में सेटेलाइट सिटी फेज 2 पंजीकृत प्रोजेक्ट है। मैहर में आनगोइंग प्रोजेक्ट में ग्रीन सिटी हाउसिंग शामिल है। मझगवां तहसील में आनगोइंग प्रोजेक्ट में शौर्या विहार प्रोजेक्ट शामिल है। उचेहरा तहसील में नए प्रोजेक्ट में तहसील कार्यालय के निकट हाउसिंग बोर्ड का प्रोजेक्ट जिसमें 197 एलआईजी, 187 ईडब्लूएस, 9 दुकानें शामिल हैं। इनके अलावा जिले में अन्य सभी प्रोजेक्ट गैर पंजीकृत हैं और कानूनी दृष्टि से इन्हें वैधता नहीं है। रेरा की वेबसाइट को अगर सही माना जाए तो नगर निगम का उतैली प्रोजेक्ट भी अभी रेरा में अभी दर्ज ही नहीं है। इसके अलावा हाउसिंग बोर्ड का घूरडांग शारदानगर का 100 ईडब्लूएस का प्रोजेक्टर भी गैरपंजीकृत श्रेणी में दर्ज है।
Published on:
09 May 2018 01:54 pm
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