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20 हजार की रिश्वत लेते स्टेनो ट्रैप, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की ज्वाइनिंग कराने के लिए मांगे थे 1 लाख

- आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ती के लिए मांगी थी 50 हजार रुपए की रिश्वत- सुबह 10.45 बजे दबिश देकर लोकायुक्त ने रिश्वतखोर स्टेनों को दबोचा

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Rewa Lokayukta Raid in sidhi 20 thousand bribe Steno Trap in Lokayukta

Rewa Lokayukta Raid in sidhi 20 thousand bribe Steno Trap in Lokayukta

सीधी। महिला बाल विकास विभाग में मंगलवार की सुबह लोकायुक्त रीवा की टीम ने छापामार कार्रवाई करते हुए स्टेनों को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोचा है। बताया गया कि स्टेनो द्वारा रिश्वत की रकम शिकायतकर्ता की बहू को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ती दिलाने के नाम पर दूसरी किस्त के रूप में ली जा रही थी। इसके पहले स्टेनों को प्रथम किस्त के रूप में 10 हजार रुपए बीते 10 जुलाई को दे दिए गए थे। लेकिन बिना 50 हजार की रकम लिए आरोपी स्टोनो ज्वाइनिंग नहीं दे रहा था। धकहार पीडि़त ने लोकायुक्त रीवा से शिकायत करते हुए बेनकाब कर दिया। लोकायुक्त की 16 सदस्यीय टीम ने भ्रस्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज करते हुए कार्रवाई की है। लोकायुक्त की इस कार्रवाई के बाद कुछ समय के लिए कलेक्ट्रेट में हड़कंप की स्थिति मच गई।

ये है मामला
जनपद पंचायत कुसमी अंतर्गत गोतरा निवासी रमोले प्रजापति ने बताया कि वार्ड क्रमांक-3 में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र में कार्यकर्ता की नियुक्ती होनी थी। जिसके सिलसिले में कई महिलाओं द्वारा आवेदन किया गया था। जिसमे उसकी बहू प्रमिला प्रजापति पति राजेश प्रजापति का नंबर मैरिट में सबसे ऊपर था। फिर भी विभाग के कुछ कर्मचारियों ने फर्जीवाड़ा कर दूसरे महिला को प्रथम स्थान पर कर दिए। जानकारी मिलने पर अपील की गई। सुनवाई के दौरान संबंधित अभ्यर्थी द्वारा लगाए गए सर्टीफिकेट को फर्जी पाया गया और उसकी बहू प्रमिला प्रजापति मैरिट में फिर से प्रथम स्थान पर आ गई।

1 लाख रुपए की मांग
फिर भी महिला बाल विकास का स्टेनो दीपनारायण पटेल ज्वाइनिंग कराने के एवज में 1 लाख रुपए की मांग की गई। जब पीडि़त ने इतनी बड़ी रकम देने में असमर्थता जताई तो 50 हजार रुपए में सौदा तय हो गया। जिसमे स्टेनों को प्रथम किस्त के रूप में 10 हजार रुपए बीते 10 जुलाई को ही दिए गए थे। कुछ दिन बाद पीडि़त फिर 5 हजार रुपए देने गया लेकिन स्टेनो ने एक मुस्त रुपए मांगे। शिकायतकर्ता इतनी बड़ी रकम दे पाने में असमर्थ था फिर भी उसने 20 हजार रुपए दिए। जब स्टेनो ने और रुपए की मांग की तो वह लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई।

कार्यालय खुलते ही ली रकम
शिकायत सत्य पाए जाने पर ट्रैपिंग की योजना बनाई गई। मंगलवार को सुबह कार्यालय खुलते ही स्टेनो ने जैसे ही 20 हजार रुपए रिश्वत की राशि पकड़ी, उसी समय टीम ने दबोच लिया। पैंट से 20 हजार रुपए जब्त करने के बाद हाथ धुलाया तो लाल हो गया। आरोपी स्टेनो के विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 एवं संसोधन अधिनियम 1918 की धारा 7(क) के तहत मामला पंजीबद्ध कर आगे की कार्रवाई पूरी की गई। निरीक्षक विद्यावारिधि तिवारी और अरविंद तिवारी के नेतृत्व में 16 सदस्यी टीम में प्रआ विपिन त्रिवेदी, आ.उमेश मिश्रा, अजय पांडेय, शैलेंद्र मिश्रा, लवलेश पांडेय आदि शामिल रहे।