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सतना. मझगवां तहसील के मौजा रजौला में कुछ लोगों को बंटन में जमीन मिली थी। इन्होंने बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के बंटन में मिली अपनी जमीन को अन्य लोगों को बेच दिया। यह मामला कलेक्टर न्यायालय पहुंचा। जहां जिला मजिस्ट्रेट अजट कटेसरिया ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अपने निर्णय में न केवल बंटन को नियम विरुद्ध बताते हुए निरस्त कर दिया बल्कि बंटन की जमीन के नियम विरुद्ध विक्रय के आधार पर किये गये नामांतरण को निरस्त करते हुए जमीन को वापस मध्यप्रदेश शासन दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए।
जिला मजिस्ट्रेट अजट कटेसरिया के जारी आदेश के मुताबिक राजेश्वर त्रिपाठी निवासी कामता चित्रकूट तहसील मझगवां ने अपने आवेदन में बताया कि मौजा रजौला की आराजी नंबर 268/1क रकवा 1.619 हैक्टेयर तथा आराजी नंबर 268/1ग रकवा 1.619 हैक्टेयर को भवानीदीन पिता रामाधीन व पराग पिता बदलू दोनों निवासी कामता चित्रकूट को तहसीलदार के आदेश पर 1978 में बंटन में प्राप्त हुई थी। इन्होंने इस जमीन का विक्रय 2004 में बिना सक्षम अनुमति प्राप्त किये रमेश सिंह और रीना सिंह निवासी मुख्त्यिारगंज को बेच दी। इसके साथ ही नामांतरण भी करा दिया। राजेश्वर ने आरोप लगाया कि बंटितियों द्वारा म.प्र. भू-राजस्व संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है। लिहाजा संहिता के तहत कार्रवाई की जाकर निष्पादित विक्रय पत्र शून्य घोषित करते हुए बंटित भूमियां पुन: म.प्र. शासन दर्ज कराया जाए।
इस पर जिला मजिस्ट्रेट ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मझगवां से प्रतिवेदन लिया। सभी पक्षों की सुनवाई और सूक्ष्म परिसीलन के बाद जिला मजिस्ट्रेट ने अपने निर्णय में कहा कि विवेचना के आधार पर मौजा रजौला की संबंधित आराजियों का तहसीलदार मझगवां के आदेश पर किया गया बंटन नियम व प्रावधानों के विरुद्ध पाये जाने से निरस्त किया जाता है। साथ ही बंटित भूमि बिना सक्षम अधिकारी से अनुमति प्राप्त किए विक्रय पत्र के आधार पर किया गया नामांतरण अमान्य किया जाकर निरस्त किया जाता है। साथ ही इन जमीनों को पूर्व की भांति म.प्र. शासन दर्ज किया जाए।
Published on:
09 Mar 2020 11:23 pm
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