संजय टाइगर रिजर्व सीधी से एक बाघिन भटककर वन मंडल मनेंद्रगढ़ अंतर्गत वन परिक्षेत्र जनकपुर के बेलगांव बीट में पडऱी गांव और चरखर गांव के बीच जंगल में कक्ष क्रमांक-1328 में आकर तीन दिन से आराम फरमा रही थी। बाघिन के गले में आइडेंटी कार्ड के साथ इलेक्ट्रानिक उपकरण होने से टाइगर रिजर्व की तीन सदस्यीय टीम जीपीएस के मदद से लोकेशन ट्रेस करते हुए पीछे पहुंची।
सीधी जिले से भटकर छत्तीसगढ पहुंची बाघिन को पन्ना से लाया गया था। पन्ना में बाघिन जंगल से गांव में पहुंच जाती थी, जिससे गांव के लोगों को खतरा बना हुआ था, जिसके कारण 26 माह की बाघिन को पन्ना से सीधी लाकर संजय टाइगर रिजर्व के बाड़े में रखा गया था, दो माह बाद बाघिन को बाड़े से आजाद कर खुले जंगल में छोड़़ दिया गया था।
विभागीय अमले ने बताया कि मंगलवार की दोपहर करीब 3 बजे बाघिन को वन परिक्षेत्र टमसार के वीट कुसमी पश्चिम में आर/एफ 1501 में झिरिया नाला के किनारे आराम करते देखा गया है। बाघिन को रेडियो कालर लगे होने के कारण उसकी लोकेशन अमले को दिनभर मिलती रहती है। जिसके आधार पर बाघिन की गतिविधियों व उसकी सुरक्षा का ध्यान रखा जा रहा है।