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सतना

संजय टाइगर रिजर्व से भटककर बाघिन पहुंची छत्तीसगढ़, पार्क प्रबंधन के फूले हाथ-पैर, आगे जानिए…

तीन दिन बाद फिर लौटी वापस, झिरिया नाले के किनारे फरमा रही आराम, रेडियो कालर लगे होने से मिली लोकेशन

सतनाJun 05, 2018 / 07:12 pm

suresh mishra

sanjay gandhi national park sidhi madhya pradesh

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सीधीा। संजय गांधी नेशनल पार्क सीधी से भटककर एक मादा बाघ मध्यप्रदेश की सीमा से लगे छत्तीसगढ़ के वन क्षेत्रों में भ्रमण करने चली गई। छत्तीसगढ़ के जनकपुर रेंज में बाघिन के आने से वन क्षेत्रों के कई गांवों में दहशत का माहौल हो गया। बाघिन की लोकेशन छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा पर मिलने के बाद टाइगर प्रबंधन के हाथ-पैर फूल गए। टाइगर रिजर्व सीधी की टीम छत्तीसगढ़ के जनकपुर वन क्षेत्र के अधिकारियों के साथ मिलकर बाघिन की मानीटरिंग शुरू की।
आसपास के गांव में दौरा कर ग्रामीणों को समझाइश देकर जंगल में जाने से मना किया गया। ताकि बाघिन के कारण किसी भी प्रकार जनहानि न होने पाए। फिलहाल मादा बाघ झिरिया नाले के किनारे आराम फरमा रही है। लेकिन अभी भी ग्रामीणों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए है।
ये है मामला
संजय टाइगर रिजर्व सीधी से एक बाघिन भटककर वन मंडल मनेंद्रगढ़ अंतर्गत वन परिक्षेत्र जनकपुर के बेलगांव बीट में पडऱी गांव और चरखर गांव के बीच जंगल में कक्ष क्रमांक-1328 में आकर तीन दिन से आराम फरमा रही थी। बाघिन के गले में आइडेंटी कार्ड के साथ इलेक्ट्रानिक उपकरण होने से टाइगर रिजर्व की तीन सदस्यीय टीम जीपीएस के मदद से लोकेशन ट्रेस करते हुए पीछे पहुंची।
चार सदस्यीय टीम मौके के लिए रवाना

उप वन मंडल अधिकारी जनकपुर केएस कंवर को सूचना देने पर एसडीओ फारेस्ट ने वन परिक्षेत्र अधिकारी जनकपुर आरएस कुर्रे के नेतृत्व में परिक्षेत्र सहायक बेलगांव उमेश कुमार गौतम, वनपाल विनोद कुमार, अंजनी सिंह को शामिल कर चार सदस्यीय टीम बनाकर मौके के लिए रवाना किया गया।
ग्रामीणों को समझाइश दी

टाइगर रिजर्व की टीम के साथ बाघिन की निगरानी करते हुए ग्रामीणों को समझाइश दी गई। वन अधिकारियों ने ग्रामीणों को जंगल में जाने से रोक दिया। तीन दिन की मशक्कत के बाद बाघिन फिर वापस संजय टाइगर रिजर्व क्षेत्र सीधी में दाखिल हो गई है।
पन्ना से लाई गई थी बाघिन
सीधी जिले से भटकर छत्तीसगढ पहुंची बाघिन को पन्ना से लाया गया था। पन्ना में बाघिन जंगल से गांव में पहुंच जाती थी, जिससे गांव के लोगों को खतरा बना हुआ था, जिसके कारण 26 माह की बाघिन को पन्ना से सीधी लाकर संजय टाइगर रिजर्व के बाड़े में रखा गया था, दो माह बाद बाघिन को बाड़े से आजाद कर खुले जंगल में छोड़़ दिया गया था।
झिरिया नाला के किनारे आराम फरमाते मिली बाघिन
विभागीय अमले ने बताया कि मंगलवार की दोपहर करीब 3 बजे बाघिन को वन परिक्षेत्र टमसार के वीट कुसमी पश्चिम में आर/एफ 1501 में झिरिया नाला के किनारे आराम करते देखा गया है। बाघिन को रेडियो कालर लगे होने के कारण उसकी लोकेशन अमले को दिनभर मिलती रहती है। जिसके आधार पर बाघिन की गतिविधियों व उसकी सुरक्षा का ध्यान रखा जा रहा है।
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