30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

satna e-uparjan: 210 किसानों ने कराया था 483 हैक्टेयर रकवे का फर्जी पंजीयन

समर्थन मूल्य पर खरीदी के पहले किये जा रहे सत्यापन में सामने आया सच

2 min read
Google source verification
satna e-uparjan: 210 किसानों ने कराया था 483 हैक्टेयर रकवे का फर्जी पंजीयन

satna e-uparjan: 210 farmers had done fake registration of 483 hectare area

सतना. विगत वर्षों में किसानों के नाम पर फर्जी पंजीयन करवा करवा जिस तरीके से व्यापारियों और अन्य लोगों ने बाहर का गेहूं लाकर यहां बेचा था उस पर लगाम लगाने इस बार कलेक्टर ने काफी सख्ती दिखाई है। इस बार सत्यापन में गड़बड़ी पर अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराने की चेतावनी देते हुए तय मापदण्ड के अनुसार सत्यापन करने के निर्देश दिए गये थे। इससे बड़े पैमाने पर गड़बड़झाले पकड़ में आने शुरू हो गए हैं। चार अलग अलग श्रेणियों के 39090 किसानों का सत्यापन इस बार किया जाना है। जिसमें से अब तक 24556 किसानों का सत्यापन पूरा हो चुका है। जिसमें 210 किसानों द्वारा 483.48 हैक्टेयर रकवे का पंजीयन गलत पाया गया है। अब इसे खरीदी पोर्टल से अलग किया जाएगा। पंजीयन में सर्वाधिक गड़बड़झाला अमरपाटन और मझगवां तहसील में पाया गया है।

यह है स्थिति

अब तक सतना जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिये कुल 39090 किसानों ने 173972 हैक्टेयर रकवे का पंजीयन कराया है। इसमें से तहसीलदार और एसडीएम ने मिलकर 24556 हैक्टेयर रकवे का सत्यापन पूरा कर लिया है। जिसमें तहसीलदारों ने 24326 हैक्टेयर और एसडीएम ने 230 हैक्टेयर रकवे का सत्यापन किया है। जिसमें से 210 किसानों का पंजीयन असत्यापित निकला है अर्थात इन्होंने गलत पंजीयन कराया था। पंजीयन के पहले कुल रकवा 76598.1 हैक्टेयर था जो सत्यापन के बाद घट कर 76114.62 हो गया। अर्थात 483.48 हैक्टेयर रकवे का पंजीयन फर्जी तरीके से कराया गया था। अब इस रकवे को होल्ड कर दिया गया है। इस रकवे पर खरीदी नहीं होगी।

इन श्रेणी के पंजीयन का हो रहा सत्यापन

बताया गया है कि इस बार 4 श्रेणी के किसानों के रकवे के पंजीयन को इस बार संदेहास्पद मानते हुए सत्यापन किया जा रहा है। इनमें ऐसे किसान जिनका रकवा पिछले साल से 50 फीसदी से ज्यादा हो गया है, ऐसे किसान जिन्होंने खुद किसान एप से या फिर कियोस्क से पंजीयन कराए हैं, जिन किसानों ने सिकमी पंजीयन कराया है और जिन किसानों का रकवा 2 हैक्टेयर से ज्यादा है।

7704 किसानों का रकवा 50 फीसदी से अधिक बढ़ा

इस बार 7704 किसानों का पंजीयन ऐसा पाया गया है जिनका बोनी का रकवा पिछले साल की तुलना में 50 फीसदी ज्यादा बढ़ गया है। सामान्य भाषा में अगर समझे तो जिस किसान का पिछली बार बोनी का रकवा 4 हैक्टेयर था और इस बार इसमें 50 फीसदी अर्थात 2 हैक्टेयर से ज्यादा की बढ़ोत्तरी हो गई अर्थात अब रकवा 6 हैक्टेयर हो गया है। इन रकवों की अलग से जांच होगी। इन 7704 किसानों का बोनी का रकवा 22072 हैक्टेयर पंजीकृत हुआ है।

6 तहसीलों में एसडीएम का सत्यापन शून्य

मिली जानकारी के अनुसार 6 तहसीले ऐसी है जहां एसडीएम ने एक भी रकवे का सत्यापन नहीं किया है। इनमें रघुराजनगर, मैहर, कोठी, कोटर, बिरसिंहपुर और मझगवां तहसीलें शामिल हैं। जबकि हर तहसीलों में एसडीएम को सत्यापन करना है।

कोटर में राम राज्य

सतना जिले में कोटर तहसील इकलौती ऐसी मिली है जहां किसी भी तरह के पंजीयन में किसी भी किसान का कोई भी रकवा असत्यापित नहीं मिला है। अर्थात यहां शत प्रतिशत पंजीयन सही मिले है। यह तो आधिकारिक रिपोर्ट है। जबकि अभी कुछ दिनों पहले कोटर की एक पंजीयन संस्था में गुड़ुहुरू के किसान का फर्जी सिकमी पंजीयन सामने आया था।

इनके पंजीयन में मिला फर्जीवाड़ा

तहसील - किसान - रकवा

नागौद - 17 - 40

रामपुर बाघेलान - 20 -43

रघुराजगर - 35 - 77

मैहर - 3 - 4

अमरपाटन - 61 - 130

कोठी - 4- 10

उचेहरा - 3- 18

कोटर - 0 - 0

रामनगर - 5- 5

बिरसिंहपुर - 1- 3

मझगवां - 61- 153