सतना। जिले के राजस्व अमले ने 20 मई 2023 को 12 घंटे के अंदर 1552 सीमांकन किए आज वह संपूर्ण भारत ही नहीं बल्कि संपूर्ण एशिया महाद्वीप के रिकार्ड बन गया। एक साथ एक दिन में किसी भी जिले में किए गए ये सर्वाधिक सीमांकन हैं। सीमांकन के इस रिकार्ड को 21 जून को एशिया बुक ऑफ रिकार्ड की टीम 21 जून को प्रमाणित करने सतना पहुंची। कलेक्ट्रेट सभागार में एक सादे समारोह में सतना जिले के रिकार्ड सीमांकन के दो प्रमाण पत्र ‘इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड’ और ‘एशिया बुक ऑफ रिकार्ड’ कलेक्टर अनुराग वर्मा को सौंपे।
बना आधिकारिक रिकार्ड
कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित अवार्ड सेरेमनी में एशिया बुक ऑफ रिकार्ड के प्रतिनिधि डॉ हर्षित तिवारी ने कहा कि कलेक्टर अनुराग वर्मा की लीडरशिप और समस्त राजस्व अमले की सक्रिय सहभागिता का यह परिणाम है, जिसने सीमांकन जैसे दुरूह और असंभव जैसे काम को इतने कम समय में इतनी ज्यादा संख्या में कर दिखाया। अब यह एक आधिकारिक रिकार्ड बन चुका है।
उपलब्धि का श्रेय संपूर्ण राजस्व अमले को
कलेक्टर ने यह रिकार्ड हासिल करने के बाद उपलब्धि का श्रेय संपूर्ण राजस्व अमले को दिया। कहा कि जिले के सभी 730 पटवारी हल्कों में पदस्थ राजस्व विभाग के कोटवार, पटवारी, आरआई, नायब तहसीलदार, एसडीएम और एडीएम ने उस दिन फील्ड में अभूतपूर्व मेहनत की। ये तो वो टीम थी जिसने फ्रंट में काम किया। एक और टीम थी जो बैक ऑफिस काम कर रही थी। इस टीम में रीडर से लेकर आपरेटर तक शामिल थे जिन्होंने इस सीमांकन को आधिकारिक रूप देने रेवेन्यू कोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम (आरसीएमएस) में दर्ज कर सीमांकन की प्रक्रिया को पूरा किया।
ऐसा सोचा नहीं था
कलेक्टर ने कहा कि मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान के तहत हमने अविवादित सीमांकन की संख्या शून्य पर लाने के लिए एक महाअभियान चलाने की प्लानिंग की। इसमें 1275 गैर विवादित सीमांकन प्रकरणों को चिन्हित कर तहसीलवार निराकरण की प्लानिंग की और सभी को लक्क्ष्य दिया। पूरा अमला सुबह 5 बजे से मैदान में उतर चुका था। मेरे सहित राजस्व विभाग के हर अफसर सीमांकन में जुटे हुए थे। काम शुरू हुआ और देर शाम तक हमने तय लक्क्ष्य से कहीं आगे 1552 सीमांकन पूरा कर चुके थे। अगले दिन जब इसकी समीक्षा की गई तो पाया गया कि एक दिन में इतने बड़े पैमाने पर देश में कही भी सीमांकन नहीं हुआ है। इसके बाद सीमांकन की इस संख्या को रिकार्ड में दर्ज कराने की प्रक्रिया की गई। इस दौरान अपर कलेक्टर शैलेन्द्र सिंह और एनआईसी के इंजीनियर मनोहर कुमार ने अभियान की एक लघु फिल्म प्रदर्शित की जिसमें बताया गया कि सतना जिला किस तरह इस मुकाम पर पहुंचा। इसके बाद एसडीएम नीरज खरे, तहसीलदार बीके मिश्रा, नायब तहसीलदार जांगड़े, पटवारी बृजेश निगम सहित कोटवार ने अपने अनुभव साझा किए। सबसे भावनात्मक कोटवार का संबोधन रहा। ये वो अमला है जिसे कभी इस स्तर पर लाकर सम्मानित नहीं किया जाता।
पूरे अमले को दिया प्रशस्ति पत्र
इस दौरान कलेक्टर ने चौकीदार- कोटवार,पटवारी,आरआई,नायब तहसीलदार, तहसीलदार एवं डिप्टी कलेक्टरों को स्मृति चिन्ह सहित प्रशस्ति पत्र प्रदान किये। इस रिकॉर्ड के डॉक्युमेंटेशन में सहयोग करने के लिए विभूति मिश्रा को भी प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया जबकि विशेष सहयोग के लिए डीपीओ सौरभ सिंह, पीआरओ राजेश सिंह एवं एनआईसी के इंजीनियर मनोहर कुमार को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी सौरभ सिंह ने किया जबकि आभार प्रदर्शन पटवारी बृजेश निगम ने किया।