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सेहत खराब कर रहा नगर निगम, शहर में हो रही थी अमानक पानी की सप्लाई

निगमायुक्त ने पकड़ी बड़ी गड़बड़ी: फिल्टर प्लांट का किया औचक निरीक्षण, ईई पीएचई तलब, कर्मचारियों के दो इंक्रीमेंट रोकने के निर्देश

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satna nagar nigam Filter plant: Water Treatment Plants In Satna

satna nagar nigam Filter plant: Water Treatment Plants In Satna

सतना। निगमायुक्त प्रवीण सिंह अढ़ायच ने सोमवार को नगर निगम के फिल्टर प्लांट का निरीक्षण कर बड़ी गड़बड़ी पकड़ी। यहां से शहर को सप्लाई होने वाले पानी की टेस्टिंग करवाई। उसमें पानी अमानक स्तर का पाया गया। इस काम के लिए तैनात कर्मचारी टेस्टिंग में अयोग्य पाए गए। इससे नाराज निगमायुक्त ने ईई पीएचई रावेन्द्र सिंह को तलब किया।

कहा, आपके प्रशासकीय नियंत्रण के इन कर्मचारियों को पानी की टेस्टिंग नहीं आती है। शहर में अमानक पानी का वितरण कर जनस्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसे लापरवाहों की संवेदनशील स्थल पर नियुक्ति क्यों कर रहे हैं? इसके साथ ही टेस्टिंग में तैनात दोनों कर्मचारियों की दो वेतन वृद्धि रोकने के निर्देश दिए। साथ ही इइ को तत्काल प्रभाव से व्यवस्था में सुधार करने के निर्देश दिए।

ये है मामला
निगमायुक्त प्रवीण सिंह अढ़ायच को बताया गया कि एनीकट से पानी फिल्टर प्लांट में लाया जाता है। इसके बाद इसे फिल्टर किया जाता है। इस फिल्टर पानी का परीक्षण करने के उपरांत टेस्टिंग में सफल होने पर शहर में सप्लाई की जाती है। इस पर निगमायुक्त टेस्टिंग लैब देखने पहुंच गए। यहां उन्होंने पाया कि टेस्टिंग के उपकरण अस्त-व्यस्त हालत में हैं। टेस्टिंग में प्रयुक्त होने वाले कैमिकल भी सही स्थिति में नहीं है। टेस्टिंग रिपोर्ट रजिस्टर चेक किया तो पाया कि टेस्टिंग रिपोर्ट भी काल्पनिक तरीके से दर्ज है। टेस्टिंग मशीन में धूल जमी थी। इससे साबित हो रहा था कि इनका उपयोग नहीं हो रहा है।

दो बार टेस्टिंग के नियम
फिल्टर प्लांट में पानी की दो बार टेस्टिंग की जाती है। पहली बार जब एनीकट से रॉ वाटर आता है तो उसकी टेस्टिंग होती है। इसके बाद फिल्टर वाटर की जांच होती है। इस जांच में रिपोर्ट सही मिलने पर ही पानी शहर में सप्लाई किया जाता है।

सप्ताह में होता है निरीक्षण
निगमायुक्त की पूछताछ में पता चला कि कर्मचारी नियमित परीक्षण न कर सप्ताह में कभी परीक्षण कर लेते हैं और उसी के अनुरूप आंकड़े आगे मनमानी दर्ज कर देते हैं। यह देख वे भड़क गए। आनन फानन में टेस्टिंग में तैनात कर्मचारी राजेश मिश्रा और सौखीलाल नामदेव को तलब किया। आने पर कर्मचारी से सुबह की गई टेस्ट रिपोर्ट मांगी और अपने सामने पानी टेस्ट करने कहा। लेकिन कर्मचारी टेस्ट करने में असफल रहे।

पानी की दृढ़ता की जानकारी दे

न तो वे पानी की पीएच वैल्यू निकाल पाए न ही पानी की दृढ़ता की जानकारी दे सके। क्लोरीनीकरण की यूजर एंड पर वैल्यू क्या होगी? इस संबंध में भी जानकारी नहीं दे पाए। इस पर उन्होंने जनस्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे इन दोनों कर्मचारियों के खिलाफ एफआइआर कराने के निर्देश दिए साथ ही इइ पीएचई को तलब किया। बाद में कर्मचारियों के गिड़गिड़ाने पर एफआइआर न करते हुए दोनों की दो-दो वेतन वृद्धि रोकने के निर्देश दिए।

आप क्या देखते हैं
ईई पीएचई के पहुंचने पर निगमायुक्त ने कहा कि फिल्टर प्लांट में तैनात इन कर्मचारियों का प्रशासनिक नियंत्रण आपके पास है। जनस्वास्थ्य से जुड़े इस संवेदनशील मामले में ऐसे नाकारा लोगों की ड्यूटी लगा कर आप हद दर्जे की लापरवाही कर रहे हैं। ऐसे कर्मचारियों की दो-दो वेतनवृद्धि रोकिये और कार्रवाई पश्चात मुझे अवगत कराएं। साथ ही निर्देश दिए कि कर्मचारियों को पानी टेस्टिंग की पूरी पद्धति सिखाएं और नियमित टेस्ट की व्यवस्था करें। दोबारा ऐसी लारवाही मिलने मामला पुलिस के सुपुर्द कर दिया जाएगा।

पीएस आवास योजना का लिया जायजा
फिल्टर प्लांट के निरीक्षण के बाद निगमायुक्त अढ़ायच उतैली स्थित निर्माणाधीन प्रधानमंत्री आवास के निरीक्षण में भी गए। यहां उन्होंने आवासों की जानकारी ली और कार्य की प्रगति पूछी। इस दौरान निर्माण कार्य से जुड़े अन्य मसलों पर भी जानकारी प्राप्त की। पहला निरीक्षण सामान्य जानकारी के लिए बताया जा रहा है।

इइ को भी जारी होगा नोटिस
बताया गया कि लोकस्वास्थ्य से जुड़े इस संवेदनशील मुद्दे के मामले में इइ पीएचई को भी नोटिस जारी होगी। नियमानुसार इस मसले पर उनकी भी प्राथमिक जिम्मेदारी होती है कि वे फिल्टर प्लांट का औचक निरीक्षण कर यहां होने वाली पानी की टेस्टिंग की जानकारी लें। माना जा रहा है कि इस मामले में आगे निगम के जिम्मेदार लोगों की भी क्लास ली जा सकती है।

फिल्टर प्लांट निरीक्षण के दौरान पानी की टेस्टिंग फेल पाई गई। यहां तैनात जिम्मेदार कर्मचारियों को टेस्टिंग का तरीका तक पता नहीं था। आंकड़े भी कागजी भरे जा रहे थे। जनस्वास्थ्य जैसे संवेदनशील मसले पर यह घोर लापरवाही है। दोनों की दो-दो वेतनवृद्धि बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। ईई पीएचई से भी जवाब तलब किया जाएगा।
प्रवीण सिंह अढ़ायच, निगमायुक्त