26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

satna: खरीदी केन्द्र की स्थापना हुई नहीं और धान खरीदी प्रारंभ

जब किसानों के बुक नहीं हुए स्लॉट तो किसके धान की हो रही तौल यूपी बार्डर क्षेत्र में जारी है उपार्जन का फर्जीवाड़ा, जिम्मेदार मौन

3 min read
Google source verification
satna: खरीदी केन्द्र की स्थापना हुई नहीं और धान खरीदी प्रारंभ

satna: procurement center not established and paddy procurement start

सतना. तालाब खुदा नहीं और मगरमच्छ उतराने लगे यह कहावत सतना जिले में चल रही धान खरीदी में चरितार्थ हो रही है। मझगवां तहसील में सेवा सहकारी समिति पिण्ड्रा की खरीदी केन्द्र के रूप में स्थापना हुई नहीं है और यहां पर खरीदी प्रारंभ कर दी गई है। इतना ही नहीं जब स्थापना नहीं हुई है तो किसानों के स्लॉट बुक नहीं होंगे, ऐसे में किन किसानों से खरीदी प्रारंभ कर दी गई है यह भी अपने आप में बड़ा सवाल है? लेकिन इन पर जिम्मेदारों ने चुप्पी साध ली है। यह खेल उस क्षेत्र में हो रहा है जो उत्तर प्रदेश सीमा से लगा है और यहां अक्सर व्यापारी यूपी की सस्ती धान लाकर किसानों के नाम पर बेचते हैं।

यह है प्रक्रिया

ई-उपार्जन नियमों के अनुसार समिति या समूह के आवेदनों पर परीक्षण उपरांत विभागीय अनुशंसा के आधार पर कलेक्टर खरीदी के आदेश जारी करते हैं। इसके बाद इसे खरीदी कोड आवंटन के लिए शासन के पास भेजा जाता है। जब वहां से अनुमति मिल जाती है तब संबंधित समिति या समूह की स्थापना होती है और इसके बाद यह खरीदी केन्द्र ई-उपार्जन पोर्टल पर नजर आने लगता है। इसके बाद इस खरीदी केन्द्र में खरीदी प्रारंभ होती है। इसके साथ ही किसान पोर्टल में अपनी उपज विक्रय के लिए स्लॉट बुक करते हैं।

इस तरह चलाई मनमानी

बिना पूरी प्रक्रिया के मझगवां तहसील के चौरहा में सेवा सहकारी समिति पिण्ड्रा ने बिना केन्द्र स्थापना के ही खरीदी प्रारंभ कर दी है। यहां भारी मात्रा में धान बोरियों में रखी हुई है तो इतनी ही मात्रा में बोरियों से निकाल कर तौल के लिये रखी गई है। मौके पर तौल भी प्रारंभ है।यूपी सीमा से लगे इलाके में किससे हो रही खरीदी

मझगवां तहसील का चौरहा इलाका एमपी यूपी सीमा से लगा हुआ है और इस इलाके में उत्तर प्रदेश से उपज लाये जाने के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। ऐसे में बिना स्लॉट बुक हुए किसके द्वारा किसकी धान खरीदी हो रही है अपने आप में बड़ा सवाल है। उपार्जन नियमों के विपरीत हो रही इस खरीदी पर सभी ने चुप्पी साध रखी है।

व्यापारियों की धान किसान के नाम

जानकारों ने कहा कि जब स्लॉट बुक नहीं हुए हैं तो किसानों के आने का सवाल ही नहीं उठता है। दूसरा यहां पर जो धान लाई गई है उसे तौल कर बकायदा वारदानों में भरा जा रहा है। जबकि अभी केन्द्र स्थापना नहीं हुई है तो वारदान भी नहीं होने चाहिए ऐसे में कोई किसान ऐसा क्यों करेगा कि तौल के वारदाने में अभी भरे और बाद में दोबारा सरकारी वारदाने में पलटी करे। इससे स्पष्ट हो रहा है कि यह धान तौल कर रेडी कर ली जा रही है। वारदाने और धान दोनों व्यापारियों के है। जैसे ही खरीदी प्रारंभ होगी यहां रखी धान को किसान के नाम से चढ़ा कर पूरा खेल कर लिया जाएगा।

केन्द्र की स्थापना ही सवालों में

जहां यह अवैध खरीदी केन्द्र संचालित है उससे 6 किमी दूर मझगवां में दो-दो खरीदी केन्द्र संचालित हो रहे हैं। ऐसे में यहां पर केन्द्र देना अपने आप में ही सवाल है। स्पष्ट हो रहा है कि यूपी से आने वाली सस्ती धान को गलाने का काम इस केन्द्र में बड़ी आसानी से होगा। इसलिए यहां पूरी ताकत लगाकर यह केन्द्र खुलवाया गया है और वह दिखने भी लगा है।

बिना कार्रवाई वापस लौटे अधिकारी

इस मामले की जानकारी मिलने पर एसडीएम और तहसीलदार मझगवां मौके पर पहुंचे भी थे। यहां बड़े पैमाने पर धान रखी भी देखी। लेकिन इस नियम विरुद्ध तौल और उपज भण्डारण पर कोई कार्रवाई किए बिना ही लौट आए। हालांकि एसडीएम ने बताया कि इस मामले में कार्रवाई का प्रतिवेदन भेज रहे हैं। दूसरी ओर कलेक्टर ने कहा है कि मौके पर मिली धान जब्त कराई जा रही है। बहरहाल अब यह देखने वाली बात होगी कि एक्शन क्या होता है।