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satna: प्रदेश के 13 मेडिकल कॉलेजों में सतना इकलौता होगा जो ‘स्वशासी’ नहीं होगा

अन्य मेडिकल कॉलेज से अलग यहां चिकित्सकों की भर्ती लोक सेवा आयोग के जरिये होगीएसीएस चिकित्सा शिक्षा सुलेमान ने वीसी में हुई समीक्षा के दौरान दी जानकारी

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satna: प्रदेश के 13 मेडिकल कॉलेजों में सतना इकलौता होगा जो 'स्वशासी' नहीं होगा

Satna the only one medical college in MP which will not be autonomous

सतना। प्रदेश में मौजूद 13 मेडिकल कॉलेजों सतना मेडिकल कॉलेज इकलौता होगा जो 'स्वशासी' नहीं होगा और पूरी तरह से शासन के अधीन होगा। इसी तरह अन्य मेडिकल कॉलेजों से अलग यहां चिकित्सकों की भर्ती लोक सेवा आयोग के जरिये होगी। प्रदेश के अन्य मेडिकल मेडिकल कॉलेजों में संभागायुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति साक्षात्कार के जरिये चिकित्सकों की भर्ती करती है। एसीएस चिकित्सा शिक्षा मो. सुलेमान ने यह जानकारी वीसी के माध्यम से हुई समीक्षा बैठक में दी। इस दौरान एसीएस के साथ अवर सचिव सुरभि गुप्ता, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा संजय गोयल, डायरेक्टर चिकित्सा शिक्षा डॉ जितेन्द्र शुक्ला, परियोजना सलाहकार विपुल सिंघल मौजूद रहे। रीवा में संभागायुक्त अनिल सुचारी, डीन डॉ अवतार सिंह, सहायक नोडल अधिकारी डॉ अंबरीश मिश्रा, डॉ अंकित जैन, ईई पीआईयू बीएल चौरसिया मौजूद रहे।

एलओपी की सभी औपचारिकता पूरी करें

वीसी में एसीएस सुलेमान ने मेडिकल कॉलेज सतना के एलओपी (लेटर ऑफ परमिशन) के संबंध में कहा कि सभी औपचारिकताएं पूरी कर सभी बाधाएं शीघ्र दूर करें। कहा, अगर मामले में नेशनल मेडिकल कमीशन कोई अन्य जानकारी चाहता है तो उसे तत्काल उपलब्ध कराएं।

अगले माह से शुरू होगी भर्ती प्रक्रिया

एसीएस सुलेमान ने बताया कि पद सृजन की प्रक्रिया को यहां तेजी से किया जा रहा है। जल्द ही इसे कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। संभवत: आगामी माह तक कैबिनेट से स्वीकृति हो जाएगी। इसके बाद भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ होगी। बताया कि पदों की स्वीकृति पूरी होगी लेकिन शुरुआती दौर में न्युनतम आवश्यक पदों पर ही भर्ती की जाए। यह भी बताया कि सतना मेडिकल कॉलेज के लिये चिकित्सकों की भर्ती अन्य मेडिकल कॉलेज की तरह संभागायुक्त की कमेटी के साक्षात्कार के जरिये न होकर लोक सेवा आयोग के जरिये की जाएगी। इस दौरान पदों के नामों को लेकर विसंगतियों पर भी चर्चा करते हुए कहा गया कि शासन स्तर पर इसे समरूपता दी जा रही है। लिहाजा इन पदों का स्पष्टीकरण के साथ स्वीकृति लें। अभी तक अन्य मेडिकल कॉलेजों में पदीय नाम और दायित्वों में काफी गड़बड़ी है। लिहाजा प्रदेश स्तर पर सुधार की प्रक्रिया शुरू है जिसे सतना मेडिकल कॉलेज से लागू किया जा रहा है।

30 सितंबर तक जारी करें कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र

एसीएस ने पीआईयू के अधिकारियों से कहा कि मेडिकल कॉलेज के शेष निर्माण कार्य हर हाल में 30 सितंबर तक पूरे करके सीसी जारी कर दें। यह भी बताया कि जिला अस्पताल के उन्नयन के लिये 10 करोड़ की स्वीकृति जारी कर दी है। आगे की प्रक्रिया पूरी करते हुए इसे हर हाल में 6 माह के भीतर उन्नयन का कार्य पूरा करा लें।

गैर स्वशासी प्रदेश का पहला मेडिकल कॉलेज होगा

एससीएस ने बताया कि सतना मेडिकल कॉलेज अन्य 13 मेडिकल कॉलेजों की तरह स्वशासी नहीं रहेगा। हालांकि जानकारों ने कहा कि इससे कॉलेज प्रबंधन स्वयं से निर्णय नहीं ले सकेंगे जैसे अन्य मेडिकल कॉलेजों में संभागायुक्त की अध्यक्षता में होने वाली कार्यकारिणी समिति के जरिये स्थानीय आधार पर ले लिये जाते हैं। हालांकि बाद में अन्य कालेजों को भी इसी श्रेणी में लाने का प्रयास किया जाना है।

उपकरणों के लिये मांगा प्रस्ताव

300 करोड़ की स्वीकृति से शेष राशि में फर्नीचर और जिला अस्पताल उन्नयन के लिए राशि जारी होने के बाद अब उपकरणों के लिये आवश्यक 9 करोड़ की राशि के लिये प्रस्ताव भेजने के निर्देश एसीएस ने दिए। फर्नीचर के संबंध में भी एसीएस ने कहा कि एक सप्ताह में बिल ऑफ क्वाटिंटी तैयार कर पब्लिश कर दें और 21 दिन के भीतर फर्नीचर की प्रदायगी सुनिश्चित कर दें।