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यहां स्कूलों में पढ़ रहे 25 हजार बच्चों को 5 माह से मास्साब का इंतजार

आनलाइन स्थानांतरण व अतिथि नियुक्ति में उलझ़ी जिले की शिक्षा व्यवस्था

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पहली बार...स्कूली पढ़ाई में पीछे रह गए ये बड़े शहर

सतना। जिले के सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था आनलाइन स्थानांतरण व अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के बीच उलझ़ी कर रह गई है। स्कूल शिक्षा विभाग ने इस साल 5वीं व 8वीं की परीक्षा बोर्ड से लेने का निर्णय लिया है। वहीं जिले के दौ सौ स्कूल जुलाई से शिक्षक विहीन है। इन स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों का साल मास्साब के इंतजार में गुजर गया। जिले के शिक्षक विहीन स्कूलों में पढ़ रहे लगभग 25 हजार बच्चों का भविष्य अंधकार में है। वहीं पांच माह बीत जाने के बाद भी शिक्षा विभाग के अधिकारी न तो शून्य शिक्षकीय शालाओं की जानकारी जुटा पाए और न ही उनमें आज तक शिक्षकों की नियुक्ति की गई।

कैसे सुधरेगा बोर्ड परीक्षाओं में रिजल्ट
जिले की सरकारी स्कूलों में विषयवार शिक्षक न होने के कारण बीते साथ 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में जिले के 50 फीसदी से अधिक बच्चे फेल हो गए थे। बोर्ड परीक्षाओं में जिले के खराब प्रदर्शन की समीक्षा करते हुए कलेक्टर अनुराग वर्मा ने इस साल परीक्षा परिणाम में सुधार लाने के निर्देश दिए थे। लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी जिले की बेपटी शिक्षा व्यवस्था को चालू शिक्षासत्र में पांच माह गुजर जाने के बाद भी पटरी पर नहीं ला सके। गांव की अधिकांश स्कूलों में आवश्यक शिक्षकों की पदस्थापना न होने के कारण इन स्कूलों के बच्चों की पढ़ाई भगवान भरोसे चल रही है।

पांच माह बीते नहीं हुई अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति

जुलाई में नया शिक्षा सत्र शुरू होने के साथ ही शिक्षक विहीन स्कूलों में अतिथि शिक्षक नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। लेकिन जिले के संकुल प्राचार्य स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पदों की जानाकरी आनलाइन पोर्टल पर दर्ज नहीं की। जिससे शिक्षक विहीन स्कूलों में पांच माह बीत जाने के बाद भी शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो सकी।