
Secretary forged signature and removed 10 lakh from account
सतना. जिले के पंचायती राज में कई सरपंच सचिवों ने व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार किया है। हालात यह रहे कि उन्होंने फर्जी हस्ताक्षर कर खातों से राशि आहरित कर गबन कर ली। ऐसा ही मामला जिपं सीईओ ऋजु बाफना ने नागौद जनपद की ग्राम पंचायत कतकोन कला में पकड़ा है। यहां के तत्कालीन सचिव संजय सिंह ने दूसरे सचिव की अनुपस्थिति में फर्जी हस्ताक्षर कर 10 लाख रुपए का आहरण कर लिया। प्राथमिक जांच में दोषी पाने पर सचिव संजय को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही खंड पंचायत अधिकारी को सचिव सहित सरपंच, सरपंच पति और दुकानदार के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं। इतनी बड़ी राशि फर्जी हस्ताक्षर से बैंक से निकाले जाने पर बैंक कर्मियों की संलिप्तता मानते हुए एलडीएम को मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। मामला सामने आने पर हड़कम्प मच गया है।
जिपं सीईओ बाफना को जनपद नागौद की ग्राम पंचायत कतकोन कला में व्यापक पैमाने पर फर्जीवाड़े की शिकायत मिली थी। इसकी जांच करवाने पर उन्होंने पाया कि ग्राम पंचायत कतकोन कला के तत्कालीन सचिव संजय सिंह (वर्तमान सचिव धौरहरा) ने तत्कालीन सरपंच माधुरी सिंह की मिलीभगत से इलाहाबाद बैंक शाखा नागौद में संचालित पंचायत खाता से अनाधिकृत रूप से 10 लाख रुपये का आहरण कर लिया।
यूं किया खेल
जांच में पाया गया कि सचिव धौरहरा संजय सिंह ने सरपंच माधुरी सिंह से मिलीभगत कर मोहनलाल वर्मा सचिव ग्राम पंचायत कतकोन कला एवं माधुरी बागरी सरपंच के फर्जी हस्ताक्षर कर 30 जुलाई 2019 एवं 31 जुलाई 2019 को कुल 10 लाख रुपये अनाधिकृत तौर पर निकाल लिये। जब इसकी शिकायत की गई तो किसी बाहरी व्यक्ति शालिगराम कुशवाहा के माध्यम से एक मुश्त राशि 10 लाख रुपये 2 नवंबर 2019 को बैंक में जमा कराए। इसमें सरपंच माधुरी बागरी की भी भूमिका संदिग्ध पाई गई है। उन्होंने जानबूझकर वर्तमान सचिव वर्मा की अनुपस्थिति में संजय सिंह सचिव के साथ मिलकर वर्मा के फर्जी हस्ताक्षर कर राशि आहरित करने में सहयोग किया। इस खेल में माधुरी बागरी के पति देशराज बागरी की भूमिका भी मिली है। उन्होंने तमाम स्थानों और दस्तावेजों में सरपंच की सील के ऊपर अपनी पत्नी के हस्ताक्षर किये जो कि आपराधिक कृत्य है। इस मामले में एक सप्लायर राकेश चतुर्वेदी भी घेरे में आया है। प्रो. संन्यासी बाबा ट्रेडर्स के नाम से चतुर्वेदी ने बिना सामग्री सप्ताई किये ही राशि प्राप्त की। जब मामले की शिकायत हुई तो राशि किसी अन्य व्यक्ति के माध्यम से इलाहाबाद बैंक शाखा नागौद के खाते में जमा कराई। यह कृत्य भी आपराधिक एवं षड्यंत्रकारी माना गया है।
बैंककर्मियों की भी भूमिका
इतना बड़ा फर्जीवाड़ा बिना बैंककर्मियों की मिलीभगत के संभव नहीं है। इसे देखते हुए जिपं सीईओ ने लीड बैंक मैनेजर इलाहाबाद बैंक पीसी वर्मा को पत्र लिख कर मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। बताया कि कतकोन कला पंचायत का खाता इलाहाबाद बैंक नागौद शाखा में संचालित है। जिस वक्त इस पंचायत में सचिव मोहनलाल वर्मा थे, उस दौरान संजय सिंह सचिव धौरहरा ने सरपंच से साठगांठ कर वर्मा के फर्जी हस्ताक्षर कर 30 जुलाई 2019 को दो किस्तों में ढाई-ढाई लाख रुपए एवं 31 जुलाई 2019 को दो किस्तों में ढाई-ढाई लाख रुपए कुल चार किस्तों में 10 लाख रुपये अनाधिकृत तौर पर निकाल लिये। इतनी बड़ी राशि का आहरण शाखा प्रबंधक ने संबंधितों के हस्ताक्षर मिलान किये बिना राशि का भुगतान करना अपने आप में संदेहास्पद है। मामले से जुड़े सभी अभिलेख एलडीएम को देते हुए मामले की जांच कर 5 दिन में प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा है कि दोषी पाये जाने पर शाखा प्रबंधक पर कार्रवाई कर अवगत कराएं।
सचिव संजय निलंबित
मामले में दोषी पाने पर जिपं सीईओ ने सचिव संजय सिंह को कारण बताओ नोटिस दिया था। संबंधित सचिव ने जो जवाब प्रस्तुत किया उसमें कोई ठोस साक्ष्य तो मिले नहीं, साथ ही उनके पास बाहरी व्यक्ति द्वारा 10 लाख जमा कराने की जमा पर्ची भी मिली। अन्य अभिलेखीय और साक्ष्य परीक्षण में संजय सिंह कूटरचित दस्तावेज तैयार करने और अनाधिकृत राशि आहरण के दोषी पाये गए। जिस पर जिपं सीईओ ऋजु बाफना ने सचिव धौरहरा संजय सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय जनपद नागौद नियत किया है। साथ ही विभागीय जांच संस्थित करते हुए जनपद सीईओ नागौद को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। जांच प्रतिवेदन एक माह में प्रस्तुत करने कहा है।
" मामला गंभीर है। संबंधित दोषियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही बैंक कर्मियों की भूमिका की जांच करने एलडीएम को निर्देशित किया गया। संबंधित सचिव को निलंबित कर दिया गया है।"
- ऋजु बाफना, जिपं सीईओ
Published on:
27 Feb 2020 01:26 am
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