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सतना. न्यायिक मजिस्ट्रेट सतना शैफाली सिंह ने चेक अनादरण के मामले में दवा दुकान संचालक मनोहर लाल बम्बानी प्रोपराइटर विकास मेडिकल एंड जनरल स्टोर अस्पताल रोड निवासी पुष्पराज कॉलोनी को एक साल के कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने मूल राशि 9 प्रतिशत सालाना की दर से ब्याज सहित राशि लौटने के भी आदेश दिए। अभियुक्त को राशि का भुगतान निर्णय दिनांक से अपीलावधि के भीतर करने के आदेश दिए हैं। परिवादी की ओर से अधिवक्ता अजय सिंह रघुवंशी ने पैरवी की।
परिवादी सन्नी गोयल पिता मोतीलाल गोयल निवासी गोयल रोडवेज हरियाणा भवन पन्ना रोड सिविल लाइन सतना और अभियुक्त मनोहर लाल बम्बानी पिता छुंदराज बम्बानी प्रोपराइटर विकास मेडिकल एंड जनरल स्टोर अस्पताल रोड निवासी पुष्पराज कॉलोनी सिटी कोतवाली सतना का परिचय सीताराम दलाल के माध्यम से हुआ था। इसके बाद दोनों के बीच व्यापारिक और मित्रवत संबंध स्थापित हो गए। अभियुक्त ने परिवादी से चार माह के लिए दस लाख रुपए की मांग की। परिवादी ने अभियुक्त पर विश्वास कर सीताराम दलाल के माध्यम से 14 अगस्त 15 को दस लाख रुए दिए। अभियुक्त द्वारा अपनी फर्म विकास मेडिकल एंड जनरल स्टोर के लेटर पैड पर उपरोक्त लेनदेन कर रेवेन्यू टिकट चस्पा कर परिवादी को दिया था। इसमें चार माह के अंदर रकम लौटाने की बात लिखी गई थी।
चेक दो बार अनादरित
परिवादी द्वारा अपनी रकम की मांग किए जानेे पर अभियुक्त ने अपने पंजाब एंड सिंध बैंक शाखा पन्नीलाल चौक सतना के चालू खाता क्रमांक 10 दिसंबर 15 का चेक दिया। यह चेक परिवादी द्वारा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में भुगतान के लिए पेश किया गया जो कि एक्सीड एग्रीमेंट नाम्र्स की टीप के साथ अनादरित हो गया। इस वजह से परिवादी को भुगतान नहीं हो पाया। परिवादी ने दोबारा चेक प्रस्तुत किया लेकिन खाते में पैसा कम होने के चलते दोबारा अनादरित हो गया। परिवादी ने परेशान होकर अदालत की शरण ली। दवा विक्रेता के खिलाफ परिवाद पेश किया।
कोर्ट ने कहा, गंभीर प्रकृति का अपराध
कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त द्वारा किया गया अपराध गंभीर प्रकृति का है। अभियुक्त अपराध करते समय अपने कार्य की प्रकिृत व उसके परिणाम को समझने में सक्षम था। एेसी स्थिति में उसे परीविक्षा का लाभ देना न्यायोचित नहीं हो होगा। अदालत ने धारा 138 परक्राम्य लिखित अधिनियम 1881 के तहत अभियुक्त मनोहर लाल को एक वर्ष के सश्रम कारावास से दंडित किया।
13.38 लाख देने के आदेश
कोर्ट ने दस लाख रुपए 9 प्रतिशत सालाना ब्याज के साथ लौटाने के आदेश दिए। वर्ष 2016 से 13.38 लाख रुपए लौटाने के आदेश दिए। यह राशि निर्णय दिनांक से अपीलावधि के भीतर भुगतान करने के भी आदेश दिए।
Published on:
12 Jan 2020 01:56 am
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