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विकास की धूल फांक रही जनता ने रूपहले पर्दे पर देखा सपनों का शहर, यहां पढ़ें स्मार्ट सिटी की पूरी वर्कशॉप

स्मार्ट सिटी पर वर्कशॉप में दिया प्रजेंटेशन

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Smart city full workshop in satna

Smart city full workshop in satna

सतना। एक साल से स्मार्ट सिटी के सपने देख रही शहर की जनता को शनिवार को निगम प्रशासन ने रूपहले पर्दे पर स्मार्ट सिटी दिखाई। लोग सपनों के शहर का प्रजेंटेशन देखकर मंत्रमुग्ध हो गए। दरअसल, भरहुत होटल में स्मार्ट सिटी को लेकर निगम प्रशासन द्वारा कार्यशाला का आयोजन किया गया। वर्कशॉप में शहर के व्यापारी, सरकारी विभागों के अधिकारी तथा नागरिकों सहित स्मार्ट सिटी के सीइओ देवेंद्र सिंह एवं कन्सलटेंट एजेंसी के प्रतिनिधि शामिल रहे।

सीइओ ने बताया, स्मार्ट सिटी की नींव 2017 में रखी गई थी। इसका कमांड एवं कंट्रोल सेंटर के रूप में धरातल पर कार्य कलेक्ट्रेट परिसर में प्रारंभ हो चुका है। स्मार्ट सिटी का कार्य-2022 तक पूरा करने का लक्ष्य है। कार्यशाला में महापौर ममता पाण्डेय, विशिष्ट अतिथि शंकरलाल तिवारी विधायक, ननि अध्यक्ष अनिल जायसवाल, कलेक्टर मुकेश शुक्ला तथा जिला पंचायत सीइओ, स्मार्ट सिटी के डायरेक्टर व एमआइसी सदस्य सुशील सिंह उपस्थित रहे।

दो पार्ट में बनेगी स्मार्ट सिटी
निगमायुक्त प्रवीण सिंह अढ़ायच ने बताया, स्मार्ट सिटी के दो भाग हैं। सतना प्रदेश का एकलौता शहर है जहां मुख्य शहर को स्मार्ट बनाने के साथ ही मैहर बाइपास सोनौरा में अलग से स्मार्ट सिटी विकसित की जाएगी। वहां पानी की झील, पार्क , औद्योगिक क्षेत्र सहित हर अत्याधुनिक सुविधा उपलब्ध होगी। स्मार्ट सिटी के विकास की शुरुआत सरकार अपने पैसे से कर रही है। आगे चलकर इसमें पीपीपी मॉडल के तहत व्यापारियों से भी सहयोग लिया जाएगा। स्मार्ट सिटी बहुत बड़ा प्रोजेक्ट है। इसके पूरा होने में ५ से ८ साल का लंबा समय लग सकता है।

कंट्रोल रूम से नियंत्रित होगा शहर
स्मार्ट सिटी के सीइओ देवेंद्र सिंह ने बताया, कलेक्ट्रेट परिसर में 50 करोड़ की लागत से स्मार्ट सिटी कमांड एवं कंट्रोल सेंटर का निर्माण शुुरू हो चुका है। इससे शहर की ट्रैफिक व्यवस्था, बिजली तथा अपराधों पर नियंत्रण रखा जाएगा। कंट्रोल रूम से पुलिस शहर की निगरानी करेगी। कहीं भी घटना होने पर जानकारी मिल जाएगी।

किसने क्या कहा
विकास की पहली सीढ़ी हैं गड्ढे: कलेक्टर : कलेक्टर मुकेश शुक्ला ने कहा, मैंने कई शहर देखे हैं। लेकिन, सतना की जनता में विकास की एक अलग ही ललक है। इसीलिए सतना विकास के पथ पर अग्रसर है। यह बात सही है कि बीते एक साल से शहर की जनता धूल और गड्ढों से परेशान है। लेकिन, एक-दो साल में उन्हें इसके अच्छे परिणाम भी मिलंेगे। जब हम घर बनाते हैं तो उसकी शुरुआत गड्ढा खोदने से होती है। धूल व गड्ढे विकास की पहली सीढ़ी होते है। इससे घबराने की जरूरत नहीं है।

ठेला-मड़इया हटाने मात्र से नहीं सुधरेगा ट्रैफिक: शंकरलाल
नगर निगम शहर के ठेले और मड़इया हटाकर यह सोच रहा है कि इससे ट्रैफिक व्यवस्था सुधरेगी और शहर स्मार्ट होगा। लेकिन, यह अर्धसत्य है। मैं किसी कार्रवाई का विरोध नहीं करता पर निगम प्रशासन को किसी को उजाडऩे से पहले उसे बसाने के प्रबंध कर लेने चाहिए। विधायक ने कहा कि जब मेरे बाल काले थे, तब से मैं सुन रहा हूं कि आरा मशीनें, डेयरी और पटाखा दुकान शहर से बाहर होंगी। लेकिन हुआ आज तक कुछ नहीं। शहर को स्मार्ट बनाना है तो इन्हें शहर से बाहर करना ही होगा।

हम लड़कर लाए स्मार्ट सिटी: ममता
महापौर ममता पाण्डेय ने कहा, सतना को स्मार्ट सिटी यूं ही नहीं मिल गई। इसे हम लोगों ने लड़कर जीता है। जब भोपाल में स्मार्ट सिटी के लिए प्रजेंटेशन हुआ तो अधिकारियों ने दस्तावेजों में हेरफेर कर रीवा को सतना से अधिक अंक दे दिए। तब मैंने मुख्यमंत्री से इसका विरोध करते हुए फिर से दस्तावेजों को दिखवाया। उसमें सतना को सबसे अधिक अंक मिले। उन्होंने नसीहत देते हुए कहा, शहर में खूब गड्ढे खोदें पर दूसरों के लिए नहीं। अधिकारी विकास के नाम पर जनता को टोपी न पहनाएं। स्मार्ट सिटी जनता जैसा चाहेगी वैसी बनेगी।

अलग है अपनी स्मार्ट सिटी: निगमायुक्त :
निगमायुक्त ने उपस्थित नागरिकों को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की जानकारी देते हुए कहा, प्रदेश के सात शहर स्मार्ट सिटी के लिए चयनित किए गए हैं। इनमें सतना की स्मार्ट सिटी छह शहरों से अलग है। भोपाल, इंदौर जैसे महानगरों में स्मार्ट सिटी का विकास शहर में ही होना है। जबकि सतना में शहर से अलग एक स्मार्ट शहर विकसित किया जाएगा। स्मार्ट सिटी का कार्य शुरू हो चुका है।

शहर में लगेंगे 137 स्मार्ट पोल
स्मार्ट शहर की निगरानी के लिए शहर के प्रमुख सात मार्गों पर 137 स्मार्ट पोल लगाए जाएंगे। इनमें प्रकाश के लिए एलइडी, सीसीटीवी कैमरा तथा सेंसर लगे होंगे। जो सड़क पर होने वाली हर घटना पर नजर रखेंगे। इसकी जानकारी कंट्रोल सेंटर तक पहुंचाएंगे। यदि चौराहे पर कोई वाहन सिग्नल तोड़ता है तो उस वाहन का नंबर कैमरे में कैद हो जाएगा। स्मार्ट पोल पर एक विशेष स्वीच लगेगा, जिसे महिलाएं पुलिस की मदद लेने के लिए इस्तेमाल कर सकेंगी। स्वीच दबाते ही पांच मिनट में पुलिस बल मौके पर उपस्थित हो जाएगा।

सुविधाएं
- बहुमंजिला रिहायशी कॉलोनियां
- शॉपिंग कॉम्पलेक्स
- पानी की झील
- स्मार्ट अस्पताल
- अंडर ग्राउंड बिजली, पानी एवं सीवर लाइन
- 60 मीटर चौड़ी सड़कें
- ग्राीन बेल्ट
- अत्याधुनिक पार्क
- ऑडिटोरियम
- औद्योगिक भवन