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सतना

BSF जवान को जरूरत थी एयर पिस्टल की, फिर क्या SBI गया लोन, वहां मैनेजर ने कहा-ऐसे सैनिकों को रखते हैं जूते की नोक पर

नेशनल चैम्पियन दिव्यांग बेटे के लिए लोन लेने गए सैनिक पिता का आरोप, मेरे आवेदन को डस्टबिन में फेंका, कहा- ऐसे सैनिकों को जूते की नोक पर रखते हैं, एसबीआई रीजनल ऑफिस के अधिकारियों का शर्मिंदगी भरा बर्ताव

सतनाMar 12, 2019 / 01:51 pm

suresh mishra

Story of BSF Shooter Atul Singh parihar

Story of BSF Shooter Atul Singh parihar

सतना। नेशनल रायफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया की निशानेबाजी प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीत जिले का नाम ऊंचा करने वाले दिव्यांग बेटे के साथ अभद्रता का मामला सामने आया है। अंतरराष्ट्रीय हैंडीकैप निशानेबाजी स्पर्धा के ट्रायल में शामिल होने के लिए एयर पिस्टल खरीदने को लोन लेने पहुंचे दिव्यांग खिलाड़ी के पूर्व सैनिक पिता से आवेदन लेकर एसबीआई रीजनल कार्यालय के अधिकारियों ने फॉर्म को फाड़कर डस्टबिन में फेंक दिया। इतना ही नहीं, एसबीआई अधिकारियों ने आवेदन पर थूकते हुए कहा कि जहां शिकायत करनी हो कर दो।
आहत पिता ने मामले की शिकायत पीएमओ और रक्षा मंत्रालय को दर्ज कराई है। पूर्व सैनिक ने बताया कि वर्ष 2013 में एसबीआई की नागौद शाखा से दस हजार रुपए निकाले, लेकिन कैशियर ने जल्दबाजी में पासबुक में तीस हजार रुपए रखकर दिए। बाजार पहुंचने पर नोटों की गिनती की तो ज्यादा मिलने पर 20 हजार रुपए बैंक प्रबंधन को लौटाए। पर अब इसी बैंक के ऐसे बर्ताव से शर्मिंदगी हुई है।
यह है पूरा मामला
नागौद के ललचहा गांव निवासी पूर्व नायब सूबेदार अमोल सिंह परिहार ने बताया कि निशानेबाजी में राष्ट्रीय चैम्पियन दिव्यांग बेटे अतुल सिंह परिहार के लिए एयर पिस्टल खरीदना था। इसके लिए पर्सनल लोन लेने सात मार्च को एसबीआई की नागौद शाखा पहुंचे। वहां ब्रांच मैनेजर ने बताया कि उन पर 20 लाख 40 हजार रुपए का लोन बकाया है। यह सुनकर वे दंग रह गए, क्योंकि उन्होंने एसबीआई से कभी लोन लिया ही नहीं था। इलाहाबाद बैंक से एक लोन लिया, जिसे चुका चुके हैं। उसका नोड्यूज भी उन्होंने प्रस्तुत किया, लेकिन, बैंक मैनेजर मानने को तैयार नहीं थे।
लोन लेने का सवाल ही उठता नहीं
उनका कहना था कि पत्नी ऊषा सिंह पिता रामचंद सिंह वार्ड नंबर 05 ग्राम रामंगा पोस्ट सिरौली थाना रीगा जिला सीतामणि (बिहार) आधार नंबर 265109642944 के नाम पर लोन लिया गया है। इस पर अमोल सिंह ने बताया कि उनकी पत्नी ऊषा सिंह बीड़ा गांव, जिला रीवा की रहने वाली हैं। उनके पिता का नाम नारेंद्र सिंह हैं। पत्नी के दस्तावेज भी प्रस्तुत किए। यह भी बताया कि पत्नी ने कभी आधार कार्ड बनवाया ही नहीं है। ऐसे में किसी प्रकार के लोन लेने का सवाल नहीं उठता।
रक्षा मंत्रालय में शिकायत
नागौद शाखा से मामले का निराकरण नहीं होने पर वे सेमरिया चौक स्थित एसबीआई के रीजनल कार्यालय पहुंचे। वहां पर उनकी मुलाकात प्रबंधक प्रमोद अग्रवाल से हुई। अमोल ने आरोप लगाया कि अग्रवाल ने अभद्रता कर आवेदन को फाड़कर डस्टबिन में डाल दिया तथा उस पर थूककर शिकायत करने की धमकी दे डाली। कहा-कि ऐसे सैनिकों को हम जूते की नोक पर रखते हैं। इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय तथा रक्षा मंत्रालय से शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है। साथ ही ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।
चैम्पियनशिप के लिए चाहिए एयर पिस्टल
अमोल ने बताया कि बेटा अतुल बीएसएफ में है। वह नेशनल रायफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित 59वीं राष्ट्रीय स्पर्धा में गोल्ड, सिल्वर और ब्रांज मेडल पा चुका है। उसका अंतरराष्ट्रीय हैंडीकैप 10 मीटर दूरी की निशानेबाजी स्पर्धा के लिए दिल्ली में 16 से 19 मार्च तक ट्रॉयल है। इसके लिए एयर पिस्टल की जरूरत है। घर में इतने पैसे नहीं थे कि पिस्टल खरीदी जा सके। इसलिए एसबीआई से पर्सनल लोन लेकर पिस्टल खरीदना चाहते थे पर अधिकारियों ने लोन स्वीकृत करने की बजाय अभद्रता कर दी।
वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कीजिए
मैं इस संबंध में कुछ भी कहने के लिए अधिकृत नहीं हूं। आप इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करें।
प्रमोद अग्रवाल, चीफ मैनेजर, एसबीआई, सेमरिया चौक

पूर्व सैनिक की पत्नी के नाम पर लोन है। उनके साथ रीजनल कार्यालय में किसी ने अभद्रता नहीं की है। पूर्व सैनिक ने लोन स्वीकृत नहीं करने पर बैंक में ही सुसाइड करने की धमकी दी थी।
ए चक्रवर्ती, एजीएम, एसबीआई

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