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मध्यप्रदेश के अस्पतालों में मंत्री-मिनिस्टरों को नहीं मिलता इलाज, बिना उपचार ही वापस लौटे

स्वास्थ्य विभाग की नाकामी: कामगार आयोग सदस्य को नहीं मिला इलाज, सड़क हादसे में हुए थे घायल, समर्थक निजी अस्पताल ले गए

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Story of shivraj singh chauhan good governance

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सतना। चिकित्सकों की मनमानी के कारण जिला अस्पताल में रविवार को कामगार आयोग सदस्य को इलाज नहीं मिल पाया। कार्यकर्ताओं की मिन्नत के बाद भी जब डॉक्टर उन्हें देखने नहीं पहुंचे तो मजबूरी में उन्हें निजी अस्पताल लेकर जाना पड़ा। बताया गया, सफाई कामगार आयोग के सदस्य अमित कछवाहा रविवार को पन्ना से सतना आ रहे थे। रास्ते में अमानगंज के पास उनकी गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे में आयोग सदस्य को चोट लगी।

अव्यवस्थाओं से रूबरू होना पड़ा

कार्यकर्ताओं ने उन्हें अमानगंज स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया लेकिन वहां पर्याप्त संसाधन नहीं थे। लिहाजा, कछवाहा स्वयं सतना जिला अस्पताल के लिए दूसरे वाहन से रवाना हुए। जब वे सतना अस्पताल पहुंचे तो अव्यवस्थाओं से रूबरू होना पड़ा। इलाज करने के लिए कोई डॉक्टर नहीं पहुंचा जबकि उनके समर्थकों ने काउंटर पर भी सूचना दी। इसके बाद कछवाह के समर्थक निजी अस्पताल पहुंचे। वहां उपचार के बाद आगे की ओर रवाना हो गए।

सोशल मीडिया टोल हुआ मैसेज
बता दें कि, जैसे ही रविवार को सतना जिला अस्पताल में एक मंत्री हो उपचार न मिलने की खबर सोशल मीडिया में चली तो जिला अस्पताल प्रबंधन की खूब किरकिरी हुई। लोगों ने कहा जब शिवराज सरकार में मंत्री मिनिस्टरों को ही समुचित इलाज नहीं उपलब्ध हो पा रहा तो आम जनता का क्या हाल होगा। ये एक दिन की बात नहीं गांव से लेकर शहर तक के अस्पतालों में रोजाना इस तरह की तस्वीर सामने आती है।

उद्घाटन में व्यस्त थे डॉक्टर
आयुष्मान भारत योजना का उद्घाटन जिला अस्पताल में चल रहा था। इस दौरान जिला अस्पताल का पूरा स्टाफ वहां मौजूद था। लिहाजा आयोग सदस्य की सूचना कोई सुनने को तैयार नहीं था। समर्थकों को खुद नहीं समझ आ रहा था कि आखिर क्या करें? इसके बाद वे निजी अस्पताल की ओर रुख कर गए।

ऐसी कोई जानकारी अस्पताल प्रबंधन के पास नहीं है। कोई जनप्रतिनिधि घायल होकर अस्पताल नहीं आया था। अगर, सूचना मिलती, तो निश्चित रूप से इलाज उपलब्ध कराया जाता।
इकबाल सिंह, प्रशासक, जिला अस्पताल, सतना