आइपीएस का सपना
निखिल तिवारी सरस्तवी उमा विद्यालय नागौद के छात्र हैं। उन्होंने 491 अंक के साथ स्टेट मेरिट में 8वां स्थान हासिल किया है। पिता बुद्धिप्रकाश तिवारी 15 एकड़ के कास्तकार हैं और माता सावित्री तिवारी गृहिणी हैं। ग्रामीण माहौल में जीवनयापन करने वाले निखिल आइपीएस बनना चाहते हैं। उनका कहना है कि ग्रामीण भारत के बच्चों के सामने संघर्ष बहुत है। वे अपनी सफलता का श्रेय सबसे पहले दादी को देते हैं। कहते हैं कि सुबह उठकर पढ़ाई करता हूं, तो दादी चाय बनाकर देती हैं। इसके अलावा माता-पिता व गुरुजन को श्रेय देते हैं।
निखिल तिवारी सरस्तवी उमा विद्यालय नागौद के छात्र हैं। उन्होंने 491 अंक के साथ स्टेट मेरिट में 8वां स्थान हासिल किया है। पिता बुद्धिप्रकाश तिवारी 15 एकड़ के कास्तकार हैं और माता सावित्री तिवारी गृहिणी हैं। ग्रामीण माहौल में जीवनयापन करने वाले निखिल आइपीएस बनना चाहते हैं। उनका कहना है कि ग्रामीण भारत के बच्चों के सामने संघर्ष बहुत है। वे अपनी सफलता का श्रेय सबसे पहले दादी को देते हैं। कहते हैं कि सुबह उठकर पढ़ाई करता हूं, तो दादी चाय बनाकर देती हैं। इसके अलावा माता-पिता व गुरुजन को श्रेय देते हैं।
सफलता का मंत्र: कठिन परिश्रम, दादी रोज पढऩे के लिए जगाती थी।