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जिले के तहसीलदार नहीं चाहते हैं कि नक्शा विहीन गांवों का नक्शा बने

कलेक्टर के पत्र और एलएलआर के रिमाइंडर के बाद भी नहीं भेजा अधिसूचना प्रस्ताव

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Tehsildars are not interested in making a map of villages without maps

Tehsildars are not interested in making a map of villages without maps

सतना। एक दशक से प्रदेश में सबसे ज्यादा नक्शा विहीन गांव वाले जिले की कालिख लगे सतना जिले में जब नक्शा बनने की कुछ रोशनी नजर आई तो अब तहसीलदार इसमें बाधा बन कर खड़े हो गए हैं। तत्कालीन एसएलआर के कार्यकाल में कई बार प्रयासों के बाद भी जिले में नक्शा विहीन गांवों की सही जानकारी तैयार नहीं हो सकी तो एकाध बार ऐसी भी स्थिति बनी कि जिले से शासन को यह भी फर्जी जानकारी भेज दी गई कि सभी नक्शे मिल गए हैं और कोई भी गांव नक्शा विहीन नहीं है। लेकिन विगत माहों में सीएलआर ने विशेष टीम गठित कर जिले के नक्शा विहीन गांवों की सूची तैयार करवाई। जिसमें 380 गांव नक्शा विहीन मिले। इस रिपोर्ट के बाद इन गांवों के नक्शे और अधिकार अभिलेख तैयार करने तहसीलदारों से अधिसूचना प्रस्ताव चाहे गए लेकिन 3 माह बाद भी तहसीलदार अधिसूचना प्रस्ताव तक नहीं दे सके। यह स्थिति तब है जब कलेक्टर खुद इसके लिए पत्र जारी कर चुके हैं।

380 गांव नक्शाविहीन
मिली जानकारी के अनुसार आयुक्त भू-अभिलेख ने उपायुक्त भू अभिलेख रीवा की अध्यक्षता में तीन जिलों की 6 सदस्यीय टीम गठित की थी। इस टीम ने अभिलेखागार सहित मैदानी राजस्व अमले से संपर्क कर अक्टूबर 2020 में 380 गांव नक्शा विहीन होने की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की थी। इस रिपोर्ट को आयुक्त भू-अभिलेख को भेजा गया। जिस पर आयुक्त भू अभिलेख ने नवम्बर 2020 में कलेक्टर को पत्र भेज कर कहा था कि इन नक्शा विहीन गांवों के नक्शा एवं अधिकार अभिलेख तैयार करने के लिए अधिसूचना प्रस्ताव म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 संशोधित अधिनियम 2018 की धारा 64 में दिये प्रावधान अनुसार सीएलआर कार्यालय को भेजा जाए।
कलेक्टर ने तहसीलदारों को दिये थे निर्देश
इस आधार पर कलेक्टर के निर्देश पर सभी तहसीलदारों को नक्शा विहीन गांवों के अधिसूचना प्रस्ताव भेजने पत्र भेजा गया। इसमें यह भी कहा गया कि अगर नक्शा विहीन गांवों की सूची के अतिरिक्त किसी अन्य ग्राम को सम्मिलित करने अथवा हटाने की आवश्यकता है तो कारण सहित एसएलआर कार्यालय में भेजे।
तीन दिन की समय सीमा तीन माह गुजरे
5 नवबंर 2020 को सभी तहसीलदारों को अधिसूचना प्रस्ताव भेजने के लिए तहसीलदारों को पत्र लिखते हुए तीन दिन में यह काम पूरा करने कहा गया था। लेकिन तीन माह से ज्यादा गुजर चुके हैं लेकिन एक तहसीलदार को छोड़ कर किसी के यहां से अभी तक अधिसूचना प्रस्ताव नहीं प्राप्त हुआ है। इससे स्पष्ट है कि अब तहसीलदार नहीं चाहते हैं कि नक्शा विहीन गांवों का नक्शा बन सके।