ये भी पढ़ें: MP में यहां आरएसएस कार्यकर्ता की गला रेत कर हत्या, मौके पर भारी पुलिस बल तैनात, इलाके में तनाव चिडिय़ाघर के रेस्क्यू सेंटर के चिकित्सक डॉ. राजेश तोमर नियमित उसके स्वास्थ्य पर नजर बनाए हुए हैं तो अन्य स्टाफ भी अपने तरह से बचाव के प्रयास में है। वेटरनरी कालेज रीवा के साथ ही जबलपुर विश्वविद्यालय से भी विशेषज्ञों की सलाह ली जा रही है।
दो शावकों की हो चुकी है मौत
शेरनी जैस्मिन ने इस बार तीन शावकों को जन्म दिया था। इसमें एक की मौत दो दिन बाद ही हो गई। जबकि दूसरे ने करीब डेढ़ सप्ताह के बाद दम तोड़ दिया। कुछ समय पहले भी दो शावकों की मौत हो चुकी थी, इसलिए प्रबंधन की व्यवस्थाओं को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। शेरनी के तीसरे शावक को बचाने के प्रयास जारी हैं। बताया जा रहा है कि यह शावक कुछ समय के लिए स्वस्थ रहता है और उछल कूद भी करता है।
शेरनी का दूध नहीं निकल रहा इसी दौरान उस पर अचानक सुस्ती आ जाती है, जिससे घंटों वह पड़ा रहता है। ऐसे में कभी भी उसके साथ कोई घटना नहीं हो जाए, इसके लिए पूरी निगरानी की जा रही है। शेरनी का दूध नहीं निकल रहा, जिससे शावक को बाहर का दूध पिलाया जा रहा है। वहीं शेरनी जैस्मिन को भी दवाएं दी जा रही हैं ताकि उसका दूध निकलने लगे और शावक को बचाया जा सके।
दूसरे जानवरों के स्वास्थ्य पर भी नजर
एक ओर शावकों के बिगड़ते स्वास्थ्य ने चिडिय़ाघर प्रशासन की परेशानी बढ़ाए हुए हैं तो अब सभी जानवरों के स्वास्थ्य का नियमित परीक्षण किया जा रहा है। मौसम में ठंडक बढऩे लगी है ऐसे में जानवरों के आहार और अन्य दिनचर्या को लेकर चौकसी बढ़ाई गई है।