
unique swing bridge of Madhya Pradesh population crosses 2000 rope
सतना। मध्यप्रदेश के सतना जिला अंतर्गत मैहर के पहाड़ी क्षेत्र स्थित तिघरा खुर्द के ग्रामीण चार माह के लिए अपने-अपने घरों में कैद हो जाते है। बताया गया कि आजादी के 73 साल बाद भी इस गांव में आज तक टमस नदी को पार करने के लिए बड़े ब्रिज का निर्माण नहीं कराया गया है। कहते है कि 70 के दशक में एक रपटा बनाया गया था जो वर्षा ऋतु में पूरी तरह डूब जाता है। नजीजन अग्रेजों के जमाने का बनाया गया एक झूला पुल है।
जिसका बारिश के समय में उपयोग किया जात है। लेकिन बुधवार की रात हुई भीषण बारिश के बाद वह भी डूब गया। अब जरूरी काम काज के लिए लोग रस्सी को हवा में पकड़कर झूला पुल पार कर रहे है। ग्रामीणों की मानें तो कोई भी सरकार आए लेकिन हम लोगों की बात आज तक सुनी गई है। कई बार तो लोग बारिश के समय में हादसे का शिकार भी हो चुके है। फिर भी जिला प्रशासन ने इस ओर गौर नहीं किया।
ये है मामला
बताया गया कि मैहर जनपद पंचायत के टमस नदी के किनारे 2000 की आबादी वाला गांव तिघराखुर्द है। कहते है टमस नदी को पार करने के लिए एक रपटा तो बनाया गया है लेकिन बारिश के समय में डूब जाता है। ऐसे में ग्रामीण झूलापुल का सहारा लेकर गांव से दो किमी. दूर मुख्य मार्ग तक आते-जाते है। ग्रामीणों की मानें तो यदि भरी बरसात में किसी की तबियत बिगड़ जाए तो गांव तक एंबुलेंस तक नहीं पहुंच पाती है।
हर साल होती है आफत
तिघराखुर्द के एक ग्रामीण ने बताया कि हर साल बारिश में आफत होती है। लोग इसी तरह जान जोखिम में डालकर झूला पुल पार करते है। कई बार ग्रामीणों से सामूहिक रूप से नया पुल बनाने की मांग की लेकिन किसी जिम्मेदार ने ध्यान नहीं दिया। नेता चुनाव में जब वोट मांगने आते है तब हर बार नए पुल का राग अलापते है लेकिन चुनाव के बाद कोई भी नेता मुड़कर नहीं देखता है। ये बात अब गांव में आम हो गई है लोग इसी तरह आते जाते है।
Published on:
26 Sept 2019 02:11 pm
बड़ी खबरें
View Allसतना
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
