
University will increase the burden on the increase in the degree fee
सतना. आर्थिक तंगी झेल रहा अवधेश प्रताप ङ्क्षसह विश्वविद्यालय डिग्री का शुल्क बढ़ाने की तैयारी में जुटा हुआ है। इससे लाभ यह होगा कि विश्वविद्यालय की आर्थिक तंगी कुछ हद तक दूर हो सकेगी। लेकिन छात्र-छात्राओं पर इसका बुरा असर पड़ेगा। पहले से ही मोटी शुल्क का भार झेल रहे छात्रों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। पिछले कुछ वर्षों के दौरान डिग्री की मांग बढ़ी है।ज्यादा संख्या में आवेदन आ रहे हैं। एपीएसयू के लिए यह खुशी की बात है। ऐसे में शुल्क बढ़ाकर विवि अपने आमदनी में बढ़ोत्तरी करना चाह रहा है। फिलहाल शुल्क बढ़ाने की प्रक्रिया पूरी होने में कुछ समय लग सकता है।
आर्थिक तंगी झेल रहा विवि
वर्तमान व्यवस्था के मुताबिक डिग्री के लिए विवि छात्र-छात्राओं से चार प्रकार की शुल्क लेता है। तत्काल में आवेदन करने के कुछ ही घंटों में डिग्री मिल जाती है। जबकि सामान्य रूप से ज्यादा समय लगता है। इसी प्रकार यदि कक्षा उत्तीर्ण करने के शैक्षणिक सत्र में ही डिग्री चाहिए तो उसके लिए ज्यादा शुल्क देनी पड़ती है। उसी वर्ष की डिग्री तत्काल में लेने के लिए 1200 रुपए का शुल्क है। जबकि उसी वर्ष की डिग्री सामान्य रूप से लेने में 600 रुपए का शुल्क निर्धारित है। इसके अलावा अन्य वर्ष की डिग्री तत्काल में लेने के लिए ६०० रुपए शुल्क है। जबकि सामान्य रूप से देने के लिए 300 रुपए शुल्क है।
करीब 500 छात्र-छात्राओं को लगेगा झटका
विश्वविद्यालय में प्रत्येक महीने डिग्री के लिए करीब 500 छात्र-छात्राएं आवेदन करते हैं। इसमें से आधे आवेदन तत्काल डिग्री के लिए होते हैं। जनवरी 2018 में 487 छात्र-छात्राओं ने डिग्री के लिए आवेदन किया। कभी-कभी एक दिन में 39 से ज्यादा आवेदन आ जाते हैं। हालांकि फरवरी और मार्च में कम आवेदन हुए। विवि कर्मचारियों की माने तो छुट्यिों की वजह से फरवरी एवं मार्च में कम आवेदन आए।
Published on:
11 Nov 2018 06:50 pm
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