सतना. अतिवृष्टि से जिले में फसलों को कोई नुकसान नहीं हुआ…, जिला प्रशासन द्वारा राज्य सरकार को भेजी गई फसल सर्वे की यह रिपोर्ट किसानों पर भारी पड़ रही है। जिले के अधिकांश किसानों की उड़द-मूंग की फसल सितंबर की तेज बारिश में खेत में ही सड़ गई। इससे 80 फीसदी फसल खराब हो चुकी है। अतिवृष्टि से दलहनी फसलों को कितना नुकसान हुआ, इसका आकलन मंडी में पहुंच रही सड़ी उड़द-मूंग एवं सोयाबीन की फसल को देखकर सहजता से लगाया जा सकता है।
वर्तमान में सतना मंडी में उड़द की आवक दो हजार क्विंटल तक पहुंच गई है। उपज की गुणवत्ता खराब होने से मंडी में किसानों को उपज का उचित दाम नहीं मिल पा रहा। व्यापारियों का कहना है कि उड़द की अधिकांश फसल सड़ चुकी है। उसकी मीलिंग करने पर दाने धूल बन जाते हैं। इसलिए उड़द के दाम कम बोले जा रहे। चालू सीजन में उड़द के दाम ६ हजार रुपए प्रति क्विंटल तक हैं। लेकिन, फसल खराब होने से सतना मंडी में उड़द के दाम 2500 से 4500 रुपए क्विंटल तक बोले जा रहे हैं।
उपज बेच मायूस लौट रहे किसान
मंगलवार को मंडी में उड़द लेकर पहुंचे रामदीन सिंह ने बताया कि उन्होंने ८ एकड़ में उड़द की बोवनी की थी। फसल अच्छी थी पर अतिवृष्टि के कारण खेत में ही खराब हो गई। कटाई करने पर 8 एकड़ में कुल 10 बोरा उपज मिली। दाने खराब होनेसे मंडी में उचित दाम नहीं मिला। इससे लागत तक नहीं निकली। उमेश गुप्ता ने कहा कि जिले में उड़द की फसल पूरी तरह खराब हो चुकी है। मंडी में जो फसल आ रही है, उसके दाने खराब हैं।