सतना। शमशाबाद भोपाल में आयोजित राज्य स्तरीय शालेय कुस्ती प्रतियोगिता में भाग गए रीवा संभाग के कुश्ती खिलाडियों ने खेल अकादमी के संभागीय जीएम पर अव्यवस्था के गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रतियोगिता में भाग लेकर लौटे जिले के 25 कुस्ती खिलाडियों ने बताया की उन्हें नास्ते में सुबह मात्र पोहा दिया जाता था। वह पोहा खाकर प्रेक्टिस व कुस्ती लड़ने को मजबूर थे।
खिलाडियों की डाइट के लिए प्रतिदिन प्रति खिलाड़ी तीन सौ रूपए मिलते हैं। लेकिन जीएम ने खिलाडियों की डाइट में कटौती करते हुए उन्हें नाश्ते में सिर्फ पोहा और दोपहर भोजन में दाल चावल और रोटी सब्जी दिलाया। भोजन में सलाद तक की व्यवस्था नहीं थी। संभागीय टीम में शामिल कुश्ती खिलाड़ी सुबोध यादव ने बताया की उन्हें पहनने के लिए जो किट उपलब्ध कराई गई वह भी घटिया था। जबकी दूसरे संभाग के खिलाडियों को मिली किट गुणवत्ता युक्त थी जिससे उन्हें मैदान में शर्मिंगी का सामना करना पड़ा।
शिकायत करने पर बकते थे गालियां
जिले के कुस्ती खिलाडियों ने खेल अकादमी के संभागीय जीएम धर्मेन्द्र पांडेय पर डाइट में घटिया भोजन उपलब्ध कहाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि खिलाड़ी भोजन में सलाद न होने रोटी कच्ची होने या चावल में कीड़े होने की शिकायत करते तो जीएम द्वारा उनके साथ अभद्रता की जाती थी। रत्नेश ने कहा की जीएम द्वारा खिलाडियों को मानसिक रूप से प्रताडित किया गया। जिसका असर उनकी खेल प्रतिभा में भी पड़ा और वह क्षमता के अनुसार खेल का प्रदर्शन नहीं कर सके।
ट्रेन में नहीं मिली बर्थ
खिलाड़ी छात्रों ने बताया की प्रतियोगिता में भाग लेने गए खिलाडियों को जीएम की मनमानी के चलते सफर में भी समस्या का सामना करना पड़ा। आधे से अधिक खिलाडियों को ट्रेन में बर्थ नहीं मिली। इसलिए वह फर्श में बैठकर यात्रा को मजबूर हुए। लौटते समय जिस बस से उन्हें रेलवे स्टेशन तक लाया गया वह ओवर लोड थी। खचाखच भरी ट्रेन में उन्हें 60 किमी की यात्रा खड़े होकर करनी पड़ी।