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Year Ender-2017: युवाओं को फिर मिला प्रतिनिधित्व, शिक्षा क्षेत्र के लिए खट्टा-मीठा रहा साल 2017

युक्तियुक्तकरण में कटी नाक, बदलाव: जिले के कई सरकारी स्कूलों को महापुरुषों का नाम दिया गया

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Year Ender-2017: Sweet and sour for years for satna education sector

Year Ender-2017: Sweet and sour for years for satna education sector

सतना। उच्च शिक्षा विभाग के लिए साल-2017 परिवर्तन वाला रहा। लम्बे अरसे बाद कॉलेजों में जहां युवा शक्ति को फिर प्रतिनिधित्व का मौका मिला, वहीं सेमेस्टर प्रणाली को समाप्त करने की शुरुआत भी इसी साल हुई। हालांकि स्कूल शिक्षा विभाग का प्रदर्शन शैक्षणिक गतिविधियों में कोई खास उल्लेखनीय नहीं कहा जा सकता। प्रशासकीय गतिविधियों की हीलाहवाली ने प्रदेशस्तर पर जिले की नाक कटा दी।

प्रदेश में पहली बार ऑनलाइन पद्धति से होने जा रहे युक्तियुक्तकरण के मामले में सतना इकलौता ऐसा जिला रहा जहां डाटा फीडिंग सही नहीं होने से जिले की किरकिरी हुई। तो स्कूलों में हाजिरी के समय 'जय हिंद' बोलने की शुरुआत भी सतना जिले से ही हुई।

सतना से 'जय हिंद' की शुरुआत
साल 2017 में जिला पूरे प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग के एक नवाचार के लिए जाना जाएगा। स्कूल शिक्षा मंत्री कुंवर विजय शाह ने सर्किट हाउस में 13 सितंबर को घोषणा की थी कि अक्टूबर से बच्चे हाजिरी के दौरान यस सर-यस मैडम नहीं 'जय हिन्द' सर-मैडम बोलेंगे। मंत्री की यह घोषणा जिले में तीन अक्टूबर से परवान भी चढ़ गई। बच्चों ने हाजिरी के दौरान 'जय हिन्द' बोलकर मूर्तरूप दिया।

सोशल मीडिया पर बवाल
सोशल मीडिया में जाति और धर्म विशेष को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी ने स्कूल शिक्षा विभाग में सनसनी फैला दी। अक्टूबर माह में मैहर बीआरसी ने वाट्सअप में एक आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी। उसको लेकर विवाद फैल गया। मामला थाने तक पहुंचा और कलेक्टर ने भी इसे संज्ञान में लेते हुए जांच के निर्देश दिए। स्थितियों को देखते हुए न केवल थाने में प्रकरण दर्ज किया गया, बल्कि बीआरसी को निलंबित भी किया गया।

हाई स्कूल का सुधरा रिजल्ट
बोर्ड परीक्षा के मामले में 2017 को बहुत बेहतर तो नहीं कहा जा सकता। हां, हाईस्कूल के परीक्षा परिणाम में पिछले साल की अपेक्षा सुधार जरूर हुआ है। हाईस्कूल का इस साल का रिजल्ट 47.92 फीसदी रहा, जबकि पिछले साल 43 फीसदी था। हायर सेकंडरी के मामले में स्थिति विपरीत रही। इस बार परीक्षा परिणाम 62.84 फीसदी रहा, जो पिछले साल के रिजल्ट 75 फीसदी से काफी कम था।

फिर गरमाया शिक्षाकर्मी फर्जीवाड़ा
मझगवां विकासखंड में फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी हासिल करने वाले 14 शिक्षाकर्मियों के फर्जीवाड़े का मामला 2017 में काफी चर्चा में रहा। जिला पंचायत द्वारा सेवा समाप्त किए जाने के बाद भी विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से लगातार नौकरी कर रहे इन 14 शिक्षकों की फाइल फिर से खोली गई। बीच में तत्कालीन सीईओ द्वारा मामले को दबा दिए जाने के बाद वर्तमान सीईओ द्वारा फिर इस मामले को संज्ञान में लेकर जांच प्रारंभ करवा दी गई है, तो जिला पंचायत की शिक्षा स्थाई समिति भी इस मामले को लेकर गंभीर है।

राष्ट्रीयस्तर पर छाए रहे विद्यार्थी
साल विद्यार्थियों के लिए खास रहा। राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में जिले की साक्षी जैसवाल का चयन राष्ट्रीय स्तर पर हुआ। एमएलबी विद्यालय की छात्रा साक्षी राष्ट्रीय आयोजन में 31 दिसंबर तक अहमदाबाद में सहभागिता करेंगी। राज्यस्तरीय कहानी उत्सव समारोह में जिले की छात्रा सहेली शुक्ला ने प्रदेश में तीसरा स्थान प्राप्त किया।

रोल प्ले प्रतियोगिता में जिले को दूसरा स्थान

कक्षा 8वीं की छात्रा सहेली रामनगर विकासखंड की शामाशा मनकहरी में अध्ययनरत हैं। राज्य स्तरीय रोल प्ले प्रतियोगिता में जिले को दूसरा स्थान मिला। एमएलबी स्कूल की छात्राओं के दल ने 'ब्लू व्हेल' गेम पर आधारित नाटक का मंचन कर प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त किया। राज्यस्तरीय विज्ञान मेले की प्रतियोगिता तात्कालिक भाषण में छात्रा साक्षी मिश्रा को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ।