Sawai Madhopur News : मलारना डूंगर. जनजागृति के बावजूद बाल विवाह नहीं रुक रहे हैं। उपखंड अधिकारी एवं बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी बद्री नारायण विश्नोई की सतर्कता बरतते हुए सोमवार रात शेषा गांव पहुंच कर बाल विवाह रुकवाया। साथ नाबालिग दूल्हे के पिता, दादा व दादी को पाबंद किया गया। उपखण्ड अधिकारी ने बताया कि शेषा गांव में बाल विवाह के आयोजन को लेकर जिला कलक्टर को शिकायत की गई थी।
कलक्टर के निर्देश पर जांच की तो सिराज पुत्र नूरदीन निवासी 15 वर्षी बेटे की शादी होने की जानकारी मिली। नाबालिग दूल्हे की बारात 21 मई मंगलवार को सेलू जाने वाली थी। बाल विवाह (Child Marriage In Rajasthan) के आयोजन की पुष्टि के बाद एसडीएम पुलिस जाब्ते के साथ शेषा गांव पहुंचे। दूल्हे के पिता ने जनआधार कार्ड पेश किया। आयु की प्रमाणिकता के लिए अन्य कोई दस्तावेज पेश नहीं किया। जन आधार के अनुसार दूल्हे की उम्र 15 वर्ष होना पाया गया। इस पर पिता सिराज सहित दादा-दादी को भी बाल विवाह नहीं करने के लिए पाबंद किया गया। इस दौरान पुलिस ने भी परिजनों को पाबंद किया है।
बाल विवाह के बताए नुकसान
बाल विवाह (Child Marriage) रुकवाने गए एसडीएम ने नाबालिग दूल्हे के परिजनों सहित ग्रामीणों को बाल विवाह के सामाजिक नुकसान बताए। साथ ही कानून की जानकारी भी दी। उन्होंने अभिभावकों से कहा कि यदि विवाह की निर्धारित आयु से कम उम्र के बेटा या बेटी की शादी की गई तो कानूनन अपराध होगा। परिजनों पर बाल विवाह अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इस पर नाबालिग दूल्हे के परिजनों सहित ग्रामीणों ने भविष्य में बाल विवाह नहीं करने का अस्वाशन दिया।
Updated on:
21 May 2024 04:05 pm
Published on:
21 May 2024 03:59 pm