
देश एक तो कानून भी हो एक
गंगापुरसिटी. बंद के समर्थन व आरक्षण के विरोध में मंगलवार को लोगों ने राष्ट्रपति के नाम एडीएम को ज्ञापन सौंपा।
इसमें बताया कि 'एक देश, एक टैक्सÓ की तर्ज पर देश में एक ही कानून लागू हो। आजादी के 70 वर्षों बाद भी जनता देश के दोहरे कानून व व्यवस्था से जूझना पड़ रहा है। शहर के लोगों ने मंगलवार को बंद का समर्थन कर यह दर्शा दिया कि किस तरह व्यापारी व आमजन किसी भी प्रकार के दोहरे कानून का विरोध करता है।
देश में आरक्षण व्यवस्था को समाप्त कर दोहरे कानून को समाप्त किया जाए। ज्ञापन सौंपने वालों में जमील खान अब्बासी, राजेन्द्र गुप्ता, चन्द्र प्रकाश, आमीन सदर, विष्णु कुमार, हरिप्रसाद, अमीर हसन, साजिद खान, राजेश, अब्दुल रहीम, शाकिर, समीर, राजकुमार, अंकित गोयल, आलोक मालधनी, सुरेशचंद बजाज, महेश चंद, वेदप्रकाश मंगल आदि शामिल थे।
बंद रही सभी दुकानें
वजीरपुर. कस्बे के बाजार दिनभर बंद रहे। दुकानदारों ने आपसी सहमति से दुकानें बंद रखी। लोगों की मांग थी कि देश आरक्षण व्यवस्था से मुक्त हो। बंद के दौरान बाजारों में सन्नाटा रहा। बंद के दौरान अग्रवाल समाज अध्यक्ष गोविंदप्रसाद गोयल, मंत्री श्यामसुंदर गर्ग, ओमप्रकाश गोयल, भोला, हितेश गुप्ता आदि मौजूद रहे।
बंद रहा पिपलाई
बामनवास. एससी-एसटी एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के सम्मान में मंगलवार को पिपलाई कस्बा बंद रहा। व्यापारियों ने सुबह से ही दुकानें नहीं खोली। इससे बाजार में सन्नाटा रहा। बाहर से खरीदारी के लिए आए ग्राहकों को बैरंग लौटना पड़ा। बंद के चलते पुलिस प्रशासन दिनभर चौकस रहा।
शिक्षण संस्थान संचालक रहे असमंजस में
सोशल मीडिया पर वायरल संदेश के चलते शिक्षण संस्थान संचालक भी असमंजस की स्थिति में रहे। यहां तक की सरकारी स्कूलों में भी यही स्थिति देखने को मिली। हालांकि अधिकतर अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल ही नहीं भेजा, लेकिन जिन्होंने भेजा वे भी जल्दी ही उन्हें लेने स्कूल पहुंच गए। अन्य दिनों की तरह स्कूल खुलने व छुट्टी होने के समय के दौरान शहर की सड़कों पर स्कूली वाहन दौड़ते नजर नहीं आए। राजनीतिक दलों के जनप्रतिनिधि बंद के दौरान कहीं नजर नहीं आए।
मुनाफे की नहीं की परवाह
इन दिनों बाजार में सीजन की ग्राहकी चल रही है। अक्षय तृतीया, पीपल पूर्णिमा जैसे अबूझ सावे पास हैं। इसके अलावा शुभ मुहूर्त के सावों की भी भरमार है। ऐसे में जेवरात से लेकर कपड़े, शृंगार, बर्तन, इलेक्ट्रिक सामान, परचून समेत शादी-समारोह की खरीदारी को लेकर ग्राहकों की दिनभर भीड़ रहती है।
इसके बाद भी शहर के दुकानदारों ने मुनाफे की परवाह नहीं कर बंद रखा।
Published on:
11 Apr 2018 10:45 am
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