
सवाईमाधोपुर. रणथम्भौर की बाघिन टी-114 के शावकों को स्वतंत्रता दिवस पर आजादी मिल सकती है। दोनों शावकों को अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क से मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किया जा सकता है। गत दिनों को एनटीसीए की ओर से गठित कमेटी की हुई बैठक में अधिकारियों ने आपसी सहमति से निर्णय किया है। हालांकि, इस संबंध में पहले प्रस्ताव तैयार कर मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को भिजवाए जाएंगे। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद ही दोनों शावकों को दरा के 28 हैक्टेयर के एनक्लोजर में शिफ्ट किया जाएगा।
री-वाइल्डनिंग की ट्रेनिंग दी जा रही
शावकों को इन दिनों री-वाइल्डनिंग की ट्रेनिंग दी जा रही है। उनके सामने 8 से 14 किलो बजनी बकरा छोड़ा जा रहा है। जिसका वे लाइव शिकार कर रहे हैं। वहीं घात लगना, शिकार का मूवमेंट समझना फिर अटैक करना सहित शिकार करने की कला सीख रहे हैं। साथ ही पंजों की पकड़ और नाखूनों की धार तेज कर रहे हैं। दोनों शावकों की उम्र करीब 7 माह हो चुकी है। इनमें से एक बाघ और दूसरी बाघिन हैं।
बकरे का कर रहे शिकार
अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क के एसीएफ राजबिहारी मित्तल ने बताया कि रणथम्भौर कि दोनों शावक वर्तमान में 7 माह के हो चुके हैं। 21 जून से इन्हें लाइव शिकार दिया जा रहा है। पहले दिन 8 किलो का बकरा इनके सामने छोड़ा गया था। जिसे देखकर दोनों बिचक गए थे। फिर कुछ समय तक शिकार को समझने की कोशिश की। इसके बाद दोनों बकरे पर टूट पड़े। इससे नर शावक ने गर्दन पर अटैक किया तो मादा शावक ने उसे पीछे से पकड़ लिया। थोड़ी ही देर में शिकार का किल कर दिया। पहले दिन दोनों ने मिलकर 6 किलो मांस खाया और 2 किलो वेस्ट रहा। पहली बार लाइव शिकार कर दोनों आत्मविश्वास से लबरेज नजर आए। हालांकि शिकार करने में उन्हें 2 घंटे का वक्त लगा।
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बाघिन टी-114 के दोनों शावक पूरी तरह से स्वस्थ हैं। उन्हें वाइल्ड ही रखा जा रहा है। स्टाफ 24 घंटे नियमित मॉनिटरिंग कर रहा है। इन दिनों उन्हें लाइव शिकार करने की ट्रैनिंग दी जा रही है। उनके सामने 8 से 14 किलो वजनी बकरा छोड़ रहे हैं। जिससे वे शिकार करने की कला सीख रहे हैं।
सुनील गुप्ता, उपवन संरक्षक, वन्यजीव विभाग कोटा।
Published on:
29 Jul 2023 12:05 pm
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