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सवाई माधोपुर

कागजों में नहीं, धरातल में चाहिए विकास

शहर को संवारने की जरूरत, विकास कराने वाले प्रत्याशी को देंगे वोट

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सवाईमाधोपुर. विधानसभा चुनाव को लेकर सवाईमाधोपुर विधानसभा क्षेत्र में सुबह से लेकर शाम तक चुनावी चर्चाओं के दौर चल रहे हैं। चाय की थड़ी हो या फिर परचून दुकारन। चुनावी चर्चाएं शुरू हो जाती हैं। शहरवासियों के अनुसार शहर में कागजों में विकास तो खूब हुआ। दो हजार करोड़ तक के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन विकास के यह दावे धरातल पर कहीं नजर नहीं आते। शहर के विकास को लेकर राजस्थान पत्रिका ने जन एजेंडा अभियान के तहत लोगों से शहर के विकास की हकीकत जानी तो शहरवासियों ने बेबाक होकर शहर के विकास को लेकर अपनी राय रखी।

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सुनियोजित तरीके से हो विकास

शहर में न तो सड? हैं और न व्यवस्थाएं हैं और न ही सफाई है। शहर में जगह.जगह बाहर से आकर मार्केट लग जाते हैं। इसलिए शहर को सुंदर बनाने के प्रयास होने चाहिए और जो भी विकास के कार्य होए वे सुनियोजित तरीके से हो।
केशव गुप्ताए निवासी मंडी रोड ……

पर्यटकों को शहर में आने पर अच्छा अनुभव हो

रणथंभौर से शहर की पहचान है। यहां देश.विदेश से पर्यटक आते हैं। यहां पर्यटकों को अच्छा अनुभव नहीं होताए जो दूसरे शहरों में आकर होता है। दूसरे पर्यटक स्थलों पर जाकर पर्यटकों को बहुत अच्छा लगता हैए लेकिन यहां ऐसा नहीं है। इसलिए शहर सुंदर होना चाहिएए जिससे पर्यटक इस शहर को देखें और इस शहर को देकर भावविभोर हो जाए।

विनोद छपरवालए व्यापारी

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सड?ें दिखा रहीं आइना
शहर में रणथंभौर से लेकर आलनपुर तक की रोड शहर के विकास का आइना दिखाती है। जबकि दावा किया जाता है कि शहर में दो हजार करोड़ का विकास कराया है। लेकिन यह विकास धरातल पर कहीं नजर नहीं आता।

सुशील शर्माए निवासी रेलवे कॉलोनी
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विकास की सिर्फ बातें
चुनाव पहले भी हुए हैं। लेकिन इस बार प्रत्याशियों ने विकास को लेकर सिर्फ झंडे गाड रखे हैं। हर प्रत्याशी अपने पहले के विकास का दावा कर रहा है। लेकिन शहर के विकास को अब आगे क्या कराएंगेए उनके पास कोई विजन नहीं है। इसलिए इस बार जो विकास का वादा करेगा। हम ऐसे ही प्रत्याशी को वोट देंगे।

भरत जैनए निवासी प्रताप नगरए खेरदा
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विकास कराने वाले को देंगे वोट
शहर के सर्किट हाउस से हाउसिंग बोर्ड तक सड?ें तो नजर ही नहीं आती। क्योंकि यहां विकास अपने वोटबैंक को ध्यान में रखकर कराया जा रहा है। प्रत्याशी व्यक्तिगत हितों को देखते हुए विकास करा रहे हैं। इसलिए इस बार विकास करने वाले प्रत्याशी को ही हम वोट देंगे।

शांतनु पारीकए निवासी हाउसिंग बोर्ड
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प्रत्याशी विकास में करते हैं भेदभाव

राजनीति में बहुत बदलाव आया है। अब प्रत्याशी अपने वोट बैंक को देखकर विकास कराते हैं। हाउसिंग बोर्ड इसी वोट पॉलिटिक्स का उदाहरण है। यहां विकास के नाम पर कुछ नजर नहीं आता। व्यक्तिगत वोट बैंक नहीं होने के कारण यह क्षेत्र पिछले पांच साल में विकास से अछूता रहा है।
महावीर गुप्ताए निवासी हाउसिंग बोर्ड

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शहर में जगह.जगह अतिक्रमण

शहर में जगह.जगह अतिक्रमण है। सड?ों पर गड््ढे नजर आते हैं। इसलिए जो भी प्रत्याशी चुनकर आए। वह सिर्फ विकास की बातें नहीं करेए बल्कि धरातल पर भी उसे करके दिखाएं। इसलिए इस बार विकास का एजेंड़ा सामने रखने वाले को अपना मत देंगे।
चंदन शर्माए बजरिया