7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

ढील बांध की नहरें क्षतिग्रस्त, irrigation को पानी मिलना मुश्किल

ढील बांध की नहरें क्षतिग्रस्त, irrigation को पानी मिलना मुश्किल 21.5 करोड़ से बनाई गई हैं 43 किमी नहरें सवाईमाधोपुर जिले में भाड़ौती के ढील बांध से irrigation के लिए पानी मिलने की उम्मीद लगाए बैठे 36 गांवों के किसानों की उम्मीद इस बार भी विभागीय अधिकारियों की अनदेखी से धूमिल होती दिख रही हैं। इसका कारण बांध की नहरों का क्षतिग्रस्त होना है। जल संसाधन विभाग ने 21 करोड 50 लाख की लागत से 43 किलोमीटर लंबी नहरों का irrigation के लिए पानी उपलब्ध कराने को निर्माण कराया था।

2 min read
Google source verification
ढील बांध की नहरें क्षतिग्रस्त, irrigation को पानी मिलना मुश्किल

ढील बांध की नहरें क्षतिग्रस्त, irrigation को पानी मिलना मुश्किल


ढील बांध की नहरें क्षतिग्रस्त, irrigation को पानी मिलना मुश्किल
विभाग के अफसरों से किसानों की उम्मीदें होती दिख रहीं धूमिल
21.5 करोड़ से बनाई गई हैं 43 किमी नहरें

सवाईमाधोपुर जिले में भाड़ौती के ढील बांध से irrigation

के लिए पानी मिलने की उम्मीद लगाए बैठे 36 गांवों के किसानों की उम्मीद इस बार भी विभागीय अधिकारियों की अनदेखी से धूमिल होती दिख रही हैं। इसका कारण बांध की नहरों का क्षतिग्रस्त होना है। जिनके जरिए से नहरों में पानी छोड़ा जाना मुश्किल है। जल संसाधन विभाग ने 21 करोड 50 लाख की लागत से 43 किलोमीटर लंबी नहरों का irrigation के लिए पानी उपलब्ध कराने को निर्माण कराया था। आरोप है कि नवनिर्मित नहर व माइनर के घटिया निर्माण के चलते नहरें जगह - जगह से क्षतिग्रस्त स्थिति में है। ऐसे में बांध से नहरों में पानी छोडने की स्थिति में क्षतिग्रस्त नहरों से खेतों में पानी भरने का डर सता रहा है। साथ ही अंतिम छोर पर क्षेत्र के किसानों के खेतों तक पानी पहुंचना भी मुश्किल लग रहा है। ढील बांध से irrigation के पानी को लेकर क्षेत्र के लोग काफी समय से मांग कर रहे थे। किसानों की मांग को लेकर ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों ने कई बार आंदोलन भी किए। किसानों की बहुप्रतीक्षित इस मांग को देखते हुए 21 करोड 50 लाख की लागत से करीब आठ- दस माह पहले ढील बांध से लेकर सांगरवासा-पीपलवाड़ा की झोपड़ी गांव के पास तक करीब 43 किमी लंबी नहर का निर्माण करवाया गया था।

इससे कई वितरिकाएं निकाली गई। लेकिन घटिया निर्माण के चलते नवनिर्मित नहर निर्माण के कुछ दिनों बाद दरक गई और जगह- जगह से क्षतिग्रस्त हुई नहरों की मरम्मत को लेकर विभाग के अधिकारियों ने अनदेखी की है। ढील बांध की बनवाई गई नहरों के घटिया निर्माण की शिकायत सामने आने के बाद सवाई माधोपुर विधायक दानिश अबरार ने भी मौके पर जाकर जायजा लेने के बाद उच्च स्तर पर इस मामले की शिकायत की थी। इसके बाद विभाग ने एक अधिकारी का यहां से स्थानांतरण भी किया था।

नहीं हुई क्षतिग्रस्त नहर की मरम्मत शुरू

एक सप्ताह पहले मलारना डूंगर प्रधान देव पाल मीना, क्षेत्र के करीब आधा दर्जन सरपंचों क्षेत्र के ग्रामीणों ने सवाई माधोपुर सचाई विभाग के अधिशासी अभियंता को मौका दिखाया था। यहां पर अधिशासी अभियंता सुरेश चंद भोपरिया,सहायक अभियंता जेपी मीणा ने ढिल बांध नहर निर्माण कार्य में घटिया निर्माण सामग्री क्षतिग्रस्त नहर की मरम्मत कार्य करवाने के लिए ठेकेदार को नोटिस भी जारी किया लेकिन अभी तक एक सप्ताह गुजरने के बाद भी संवेदक एवं अधिकारियों के जूं तक नहीं रेंगी जिसका खामियाजा क्षेत्र के 36 गांव के किसानों को irrigation के लिए पानी से वंचित रहकर भुगतना पड़ सकता है।