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खाने के लिए कार्यकर्ताओं में मची भगदड़

जिला मुख्यालय पर शनिवार को आयोजित भाजपा बूथ कार्यकर्ता सम्मेलन अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ता नजर आया। कार्यक्रम के दौरान खाना खाने को लेकर कार्यकर्ताओं में भगदड़ सी मच गई।

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ashish Sain

Jun 04, 2016



जिला मुख्यालय पर शनिवार को आयोजित भाजपा बूथ कार्यकर्ता सम्मेलन अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ता नजर आया। कार्यक्रम के दौरान खाना खाने को लेकर कार्यकर्ताओं में भगदड़ सी मच गई। सभी प्लेटों एवं खाने के बर्तनों पर टूट पड़े। जिसके हाथ जो चीज खाने को हाथ लगी, वह अपनी प्लेटों में रखते नजर आए। इस दौरान मंत्रियों के भाषण चल रहे थे। कार्यकर्ताओं का ऐसा आलम देखकर भाषण में व्यवधान हो रहा था।

ऐसे में भाजपा जिलाध्यक्ष एवं गंगापुर सिटी विधायक मान सिंह गुर्जर खाने के पांडाल में पहुंचे। उन्होंने कार्यकर्ताओं से खाना बंद करके वापस मंत्रियों का उद्बोधन सुनने की बात कहते नजर आए। कार्यकर्ताओं के नहीं मानने पर उन्होंने खाना बंद करा दिया। ऐसे में कार्यकर्ता मायूस हो गए। हालांकि इसके बाद भी वे मंत्रियों का जहां भाषण चल रहा था, वहां जाकर नहीं बैठे।

बाल श्रमिक उठाते नजर आए झूठी प्लेटें
सत्ताधारी पार्टी के इस सम्मेलन में बाल श्रम नियमों की धज्जियां उड़ती नजर आई। सम्मेलन के दौरान केटरिंग वाले की ओर से कई बाल श्रमिक लगाए गए थे। वे कार्यकर्ताओं के खाने की झूठी प्लेटें उठाते नजर आए। इस मौके पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरूण चतुर्वेदी, वन मंत्री राजकुमार रिणवा समेत छह मंत्री मौजूद थे।

मंडल अध्यक्षों को नहीं मिली कुर्सी
सम्मेलन के दौरान मंडल अध्यक्षों को कुर्सी नहीं मिली। वे बैठने के लिए कुर्सियां तलाशते नजर आए। नहीं मिलने पर थक हारकर जमीन पर ही बैठ गए। इस पर उनकी नाराजगी भी सामने आई।

खुद की सुनाते रहे, उनको सुनाने के लिए घंटों लगे
सम्मेलन सुबह करीब दस बजे शुरू हो गया था। तब से ही भाजपा कार्यकर्ताओं का आना शुरू हो गया था। करीब 11 बजे बाद ही सम्मेलन में सम्मेलन में छह मंत्री व विधायक सरकारी योजनाओं के साथ अपनी बात सुनाते रहे, लेकिन जब कार्यकर्ताओं की समस्याएं सुनने की बारी आई तो उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ा। पहले तो उन्हें सम्मेलन स्थल पर ही गु्रप में समस्याएं बताने को कहा गया, लेकिन बाद में एकाएक कार्यक्रम बदल दिया गया।

मंडल अध्यक्षों व कार्यकर्ताओं को अलग-अलग जगह स्थित होटलों में पहुंचने के लिए माइस से कह दिया गया। संबंधित विधानसभा क्षेत्रों के विधायक बंद कमरों में बारी-बारी से एक-एक कार्यकर्तासे लिखित में शिकायत प्राप्त करते नजर आए। वहीं उनसे संगठन व सरकार के कार्यों का फीडबैक लिया। एक-एक मंडल से रूबरू होने में घंटों लग गए। हालांकि घंटों इंतजार के बाद भी नम्बर नहीं आने पर कईकार्यकर्ता तो बिना समस्याओं का ज्ञापन दिए ही घरों को लौट गए।