
आयकर नियमों की धज्जियां उड़ा रही एसडीएमसी
गंगापुरसिटी. जिले के सरकारी स्कूल आयकर नियमों के पालन के प्रति गम्भीर नहीं है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिले के सरकारी स्कूल की 273 एसडीएमसी (विद्यालय विकास कोष एवं प्रबंधन समिति) में से सिर्फ 3 विद्यालयों की समिति को 80-जी का प्रमाण पत्र मिला है। इस प्रमाण पत्र से आयकर में लाभ मिलता है। इससे अंदाज लगाया जा सकता है कि जिले के स्कूलों की शाला विकास एवं प्रबंधन समिति कितनी गम्भीर हैं। जिले के 273 स्कूलों में से 123 को पेनकार्ड जारी हो चुके हैं तथा 150 एसडीएमसी ने पेनकार्ड के लिए आवेदन किया हुआ है। हालांकि इस बीच अच्छी खबर यह भी है कि पूरे राजस्थान में एसडीएमसी की संख्या के मुताबिक पेनकार्ड बनवाने का प्रतिशत देखें तो सवाईमाधोपुर इसमें उच्च स्थान पर है। उल्लेखनीय है कि विद्यालय विकास कोष एवं प्रबंधन समिति (एसडीएमसी) के माध्यम से करोड़ों रुपए का लेन-देन होता है, लेकिन एसडीएमसी आयकर नियमों की धज्जियां उड़ा रही है। अधिकारियों की नाक के नीचे यह पूरा खेल चल रहा है, लेकिन इस पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं हो रही है। यदि किसी समिति या संस्था का पेन कार्ड नहीं बना है तो सम्पूर्ण राशि का उपयोग 'पारदर्शिताÓ के दायरे में नहीं आता।
जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान
राज्य की सभी एसडीएमसी के लिए पेन नंबर प्राप्त करने एवं आयकर अधिनियम की धारा 196 1 की धारा 8 0 जी के तहत छूट के लिए आयकर विभाग में पंजीयन कराना अनिवार्य है, लेकिन चंद स्कूलों को छोड़ दें तो अधिकतर ने ऐसा नहीं किया है। अधिकतर एसडीएमसी का तो पेन कार्ड के लिए पंजीयन तक नहीं हुआ है। शाला दर्पण पर पेन कार्ड और 8 0-जी प्रक्रिया की सूचनाएं नियमित अपडेट करनी होती है, लेकिन ज्यादार स्थानों पर इसका कहीं पालन नहीं हो रहा। प्रदेश में कुल 13 हजार 6 8 5 स्कूल हैं। इनमें से 13 हजार 6 15 स्कूलों में एसडीएमसी कार्यरत है, लेकिन केवल 6 0 स्कूलो को ही 8 0-जी का प्रमाण पत्र यानि आयकर में छूट का लाभ मिलता है।
ये हो रहे हैं नुकसान
बिना पंजीकृत एसडीएमसी की ऑडिट नहीं हो पाएगी। यदि कहीं उस कोष में पारदर्शिता दिखाने की बात आई तो संस्था प्रधान से लेकर उच्चाधिकारी सकते में आएंगे। ऑनलाइन 8 0 जी की रसीद नहीं मिलती है तो आयकर की छूट के प्रावधान समितियों को नहीं मिलेंगे। ऐसे में स्कूल को आर्थिक नुकसान होगा। जीएसटी कानूनों में यदि कहीं सरकारी फर्म के लिए कोई छूट का प्रावधान होता है तो वह किसी हाल में नहीं मिलेगा। कोई समिति जो कोष से जुड़ा लेन-देन करती है और वह पंजीकृत नहीं है तो पूरा लेन-देन फर्जीवाड़े की जद में आता है।
क्या है एसडीएमसी
विद्यालय विकास कोष एवं प्रबन्ध समिति प्रत्येक स्कूल में बनी हुई है। सरकार, भामाशाह या जनप्रतिनिधियों के जरिए विकास मद से आने वाली राशि इसमें जमा व खर्च होती है। संस्था प्रधान इसका अध्यक्ष होता है। स्कूल का एक शिक्षक सदस्य, लिपिक कोषाध्यक्ष, दो विधायक प्रतिनिधि, स्थानीय सरपंच, वार्ड पंच व अभिभावक इसके सदस्य होते हैं। स्कूल में किसी भी आधारभूत सुविधा के विस्तार से लेकर अकादमिक परिवर्तन इस समिति में प्रस्ताव रखने के बाद होते हैं।
जिले की फैक्ट फाइल
एसडीएमसी- 273
पेनकार्ड मिला- 123
पेनकार्ड आवेदन- 150
8 0-जी में आवेदन- 17
प्रमाण पत्र मिला- 03
आवेदन करा दिए हैं
123 स्कूलों को पेनकार्ड जारी हो चुके हैं। शेष के भी आवेदन करा दिए हैं। जल्द ही शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लेंगे। प्रयास कर रहे हैं कि सभी के जल्द से जल्द पेनकार्ड जारी हों व 8 0-जी के प्रमाण पत्र लें। स्कूलों को मिलने वाली रैंक में यह भी एक बिंदु है।
मनमोहन दाधीच, एडीपीसी, रमसा सवाईमाधोपुर।
Published on:
16 Apr 2018 09:23 am
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