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video ताले में बंद किसान सेवा केन्द्र

locationसवाई माधोपुरPublished: Mar 30, 2019 02:38:15 pm

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Subhash

ताले में बंद किसान सेवा केन्द्र

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सवाईमाधोपुर में पंचायत परिसर परिसर में ताले में बंद किसान सेवा केन्द्र सह विलेज नोलेज सेंटर कार्यालय

सवाईमाधोपुर. राज्य सरकार ने भले ही किसानों की सुविधाएं और कृषि से संबंधित जानकारी मुहैया कराने के लिए किसान सेवा केन्द्र खोल दिए हो लेकिन जिला परिषद व कृषि अधिकारियों की अनदेखी से लोकार्पण के बाद भी किसान सेवा केन्द्र सह विलेज नोलेज सेंटर पर ताले लटके है। ऐसे में इन दिनों किसानों को नवनिर्मित किसान सेवा केन्द्रों का कोई फायदा नहीं मिल रहा है।
दरअसल, एक ही छत के नीचे कृषि अधिकारी एवं रेवेन्यू अधिकारी बैठकर किसानों की समस्याओं का समाधान कर सकें। इसके लिए सरकार ने लाखों रुपए खर्च कर जिले की ग्राम पंचायतों में किसान सेवा केन्द्र सह विलेज नोलेज सेंटर एवं भू अभिलेख सूचना केन्द्र बनाए थे। वहीं पंचायतों में निर्माण के बाद इनका लोकार्पण भी हो चुका है। इन भवनों में कृषि अधिकारी, रवेन्यू अधिकारी या पटवारी को बैठना था लेकिन इनमें कई केन्द्रों पर आज तक एक दिन भी कोई अधिकारी-कर्मचारी नहीं बैठा है। निर्माण एवं लोकार्पण के बाद से ही इन भवनों के ताले लगे है। इससे भवन अब धूल फांक रहे है। ऐसे में सरकार के करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी किसानों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है।
लोकार्पण के बाद भी लटके हुए ताले
सूरवाल, करमोदा, जीनापुर, रांवल, खिलचीपुर, सैलू सहित कई ग्राम पंचायतों में कई महीनों पहले निर्माण होकर इनका लोकार्पण भी हो चुका है। ग्राम पंचायत ने संबंधित विभाग को सुपुर्द भी कर दिया लेकिन भवन निर्माण के बाद से ही इनमें ताले लटके हुए हैं। इनमें न तो इसमें कृषि विभाग के अधिकारी बैठते है औ न ही पटवारी। सूरवाल गांव में तो लोकार्पण के बाद संबंधित अधिकारियों ने एक बार भी ताला नहीं खोला है। इससे किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
ये है उद््देश्य
गांवों में किसानों को फसल उत्पादन एवं कृषि भूमि के खातेदारी जमाबंदी की नकल लेने के लिए भटकना नहीं पड़े, इसके लिए ग्राम पंचायत स्तर पर फसलों के उत्पादन की नवीन तकनीकियां कार्यालयों में कृषि से संबंधित पत्र-पत्रिकाएं, कृषि अधिकारियों की ओर से फसल उत्पादन सहित कई जानकारियां समय-समय पर मिलती रहे। वहीं पटवारी के माध्यम से कृषि संबंधी राजस्व की समस्याएं भूमि के जमाबंदी की नकले, नामांतरण संबंधी कई प्रकार की सुविधा मिल सके, इस उद्देश्य से इन कार्यालयों का निर्माण करवाया गया था।
54 स्थानों पर बने थे केन्द्र
सवाई में 7, बौली में 15, खंडार में 7, गंगापुर में 12, बामनवास में 6 व बरवाड़ा में 7 केन्द्र शासन सचिव एवं आयुक्त ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग से ग्राम पंचायत मुख्यालय परिसरों में बनाए जाने वाले किसान सेवा केन्द्र सह विलेज नॉलेज सेंटर एवं भू अभिलेख सूचना केन्द्रों के निर्माण के लिए करोड़ों रुपए की स्वीकृति मिली थी। ग्रामीण आधार विकास कोष (आरआईडीएफ) के तहत नाबार्ड के सहयोग से कुल 54 ग्राम पंचायतों में किसान सेवा केन्द्र सह विलेज नॉलेज सेंटर एवं भू अभिलेख सूचना केन्द्र का निर्माण कराया गया था। इनमें किसान सेवा केन्द्र सह विलेज नॉलेज सेंटर की कीमत 5 लाख और भू अभिलेख सूचना केन्द्र की कीमत 4 लाख कुल 9 लाख रुपए थे। इस तरह कुल 486 लाख रुपए की स्वीकृति जारी हुई थी। निर्माण कार्यकारी एजेंसी ग्राम पंचायत को बनाया गया था।
इन पंचायतों का किया था चयन
कार्यालयों के लिए पंचायत समिति बौंली में लाखनपुर, बास टोरडा, कुशलपुराए बोरदा, उदगांव, मोरन, जौलंदा, हथडोली, निमोद राठौद, पीपलवाड़ा, गंभीरा, तारनपुर, बहतेड, बिच्छीदोना, कोड्याई शामिल है। इसी तरह खंडार पंचायत समिति में अनियाला, नायुपर, सिंगोरकलांए, रेडावद, छाण, चितारा,रामपुरा, सवाई माधोपुर में अजनोटी, सैलू, चकेरी, भूरी पहाड़ी, भदलाव, ओलवाड़ा, सुनारी कुस्तला, चौथ का बरवाड़ा में बिंजारी, डिडायच, झोपड़ा, महापुरा, खिजूरी, पांचोलास में किसान सेवा केन्द्र सह विलेज नॉलेज सेंटर बनाए गए थे। इसी प्रकार पंचायत समिति गंगापुर सिटी 12 तथा बामनवास 6 ग्राम पंचायतों में निर्माण कराया था।
कौन बैठेगा, पता नहीं
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन भवनों को बनाने के बाद जिन अधिकारियों को यहां बैठना था, उन के पास इस संबंध में आदेश ही नहीं पहुंचे हैं। ऐसे में अधिकारियों के नहीं बैठने से यहां पर ताले लटके है।
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इनका कहना है
जिले में पंचायत समिति व ग्राम पंचायतों में बने किसान सेवा केन्द्र सह विलेज नोलेज सेंटर एवं भू अभिलेख सूचना केन्द्र को अभी तक जिला परिषद ने हैण्डओवर नहीं किया है। जल्द ही जिला परिषद अधिकारियों से मिलकर इस बारे में चर्चा कर केन्द्रों को खुलवाकर संबंधित अधिकारियों को बिठाया जाएगा।
पीएल मीना, कृषि उपनिदेशक कृषि विस्तार, सवाईमाधोपुर`
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