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पगमार्क के आधार पर वन विभाग मार रहा अंधेरे में तीर, पुख्ता सबूत नहीं मिले

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 टी 77

गायब बाघ टी 77

सवाईमाधोपुर. करीब पांच माह से गायब बाघ के वन विभाग को अचानक से पगमार्क मिल गए हैं। यह कहना वन विभाग का है। आवण्ड क्षेत्र में दो बाघ शावकों की मौत के बाद से ही गायब बाघ टी 77 के लापता होने के साथ ही टी 78 के भी लापता होने की सूचना फैलते ही वन विभाग को बाघ के पगमार्क दिखाई दे गए हैं। हालांकि विभाग इस बात की पुष्टि फोटो ट्रेप कैमरे में बाघ के फोटो कैद होने के बाद ही करने की बात कह रहा है, लेकिन पगमार्क के आधार पर भी आधी अधूरी पुष्टि तो कर ही चुका है। वनाधिकारियों के अनुसार खण्डार के बरनावदा वन क्षेत्र के तीन जगहों पर एक बाघ के पगमार्क मिले है। विभाग का मानना है कि यह पगमार्क पांच माह पहले गायब हुए बाघ टी 77 के हैं।


्गठित की टीम
पगमार्क मिलने के बाद विभाग की ओर से बाघ की ट्रैकिंग के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन भी किया गया है। टीम द्वारा वन क्षेत्र में लगातार ट्रैकिंग की जा रही है।


फोटो ट्रैप कैमरे
वनकर्मियों को बाघ के पगमार्क मिलने पर अब विभाग मुस्तैद हो गया है। विभाग की ओर से अब बरनावदा व आसपास के वन क्षेत्र में बाघ की ट्रैकिंग के लिए फोटो ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं। विभाग को फोटो से पता चलने की उम्मीद है।


मिलान में जुटा विभाग
जहां एक ओर पगमार्क मिलने के बाद वन विभाग ने क्षेत्र में कैमरे लगाने शुरू कर दिए हैं। वहीं दूसरी ओर विभागीय अधिकारी अब वन कर्मियों को मिले पगमार्क का मिलान करने में जुट गए हैं। वन अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल पगमार्कों का मिलान किया जा रहा है।


अंदाजा ही लगाया जा सकता है
वन्यजीव प्रेमी व विशेषज्ञों की माने तो किसी भी पगमार्क के आधार पर बाघ की सटीक पहचान नहीं की जा सकती है। इसमें सिर्फ जगह के आधार पर अंदाजा ही लगाया जा सकता है।


खण्डार के बरनावदा वन क्षेत्र में बाघ के पगमार्क मिले है। यह टी-77 के पगमार्क लग रहे हैं। अब फोटो ट्रैप कैमरे लगाए जा रहे हैं।
वाईके साहू, सीसीएफ, रणथम्भौर बाघ परियोजना, सवाईमाधोपुर


पगमार्क के आधार पर किसी भी बाघ की पहचान नहीं की जा सकती है। इससे सिर्फ अंदाजा ही लगाया जा सकता है।
धर्मेन्द्र खांडल, सदस्य, स्टेट वाइल्ड लाइफ कमेटी, सवाईमाधोपुर